कैट ने प्रधानमंत्री से अमज़ोन प्रमुख जेफ बेजोस की मुलाक़ात से पहले मिलने का समय माँगा
शब्दवाणी समाचार शनिवार 23 नवंबर 2019 नई दिल्ली। मीडिया ने छपी खबर कि प्रधानमंत्री श्री मोदी से मिलने के लिए अमेज़ॅन के प्रमुख जेफ बेजोस जनवरी में भारत आ रहे हैं को देखते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर आग्रह किया है जेफ बेजोस से मिलने से पहले, प्रधान मंत्री कैट के एक प्रतिनिधिमंडल को मिलने का समय दें जिससे उनको ई कामर्स व्यापार के वर्तमान हालातों पर देश के व्यापारियों के दृष्टिकोण और चिंताओं से अवगत कराया जा सके । प्रधान मंत्री श्री मोदी को भेजे पत्र में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देश की वर्तमान ई-कॉमर्स मार्केट को अमेज़न और फ्लिपकार्ट ने अपनी अनुचित प्रथाओं से काशी हद तक विषाक्त किया है । ये कम्पनियाँ सरकार की एफडीआई नीति का लगातार घोर उल्लंघन कर रही हैं।
कैट ने कहा है कि इन कम्पनियों द्वारा बाजार मूल्य से बहुत कम कीमत पर सामान बेचते हुए ये कम्पनियाँ सरकार को भारी जीएसटी राजस्व के नुकसान का कारण बन रही हैं। इसके अलावा, हर साल भारी नुकसान दर्ज करके ये कंपनियां आयकर दायित्वों से भी बच रही हैं।लागत से भी कम मूल्य और गहरी छूट में लिप्त होकर ये कम्पनियाँ सरकार की एफडीआई नीति का घोर उल्लंघन कर रही है। श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने कहा कि कैट का स्पष्ट मत है कि ई-कॉमर्स व्यापार भविष्य का उभरता हुआ बाज़ार है और ऐसे में कैट ने ई-कॉमर्स व्यवसाय से 7 करोड़ व्यापारियों को जोड़ने के लिए 1 सितंबर, 2019 से देशव्यापी अभियान शुरू किया है जिसमें प्रत्येक व्यापारी की अपनी एक ई दुकान होगी
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की कैट ई-कॉमर्स के पक्ष में हैं और अमज़ोन एवं फ्लिपकार्ट के भारत में व्यापार करने पर कोई एतराज़ नहीं है लेकिन अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को सरकार की एफडीआई नीति का अक्षरशःपालन करने की आवश्यकता है और टैक्स और अन्य कानूनों का पालन करने की आवश्यकता है ताकि बाज़ार में समान प्रतिस्पर्धा का वातावरण बने ।कैट ने प्कहा कि या तो अमेज़ॅन फ्लिपकार्ट दोनों को सख्ती से एफडीआई नीति का अनुपालन करने के लिए कहा जाए या उन्हें भारत से अपना व्यापार समेटना पड़ेगा कैट ने समय-समय पर घरेलू व्यापार और छोटे उद्योगों के संरक्षण और विकास के लिए नीतियों को लागू करने के लिए प्रधान मंत्री द्वारा उठाए गए चिंताओं और विभिन्न कदमों की सराहना की है। । आरसीईपी पर हस्ताक्षर न करना, जीएसटी कर प्रणाली का सरलीकरण, राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन, व्यापारियों को पेंशन और अन्य मुद्दों ने देश के 7 करोड़ व्यापारियों के बीच अधिक विश्वास को दोहराया है।
Comments