फोर्टिस फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजन ढल हॉस्पिटल,वसंत कुंज ने शुरु की कैंसर ओपीडी
शब्दवाणी समाचार शनिवार 02 नवंबर 2019 नई दिल्ली। कैंसर का इलाज करने के एक दशक के लंबे अनुभव के साथ फोर्टिस फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजन ढल अस्पताल (एफएचवीके)ने कानपुर के संजीवनी अस्पताल में ओपीडी सेवाओं कीशुरुआत की है। सिर, गर्दन, मुंह, स्तन, यूरोलॉजी, स्त्री रोग और फेफड़ों के कैंसर के इलाज में सक्षम एफएचवीके ने कानुपर के नागरिकों तक अपनी सेवाएं पहुंचाने की पहल की है। कैंसर के नियमित इलाज के अलावा यह टीम सह-रुग्णता जैसे एचआईवी, दिल की बीमारियों, मोटापा, फेफड़ों की बीमारी, यकृत रोग और ऐसीही दूसरी जटिल बीमारियों के रोगियों का इलाज भी कर रही है जिनकाइलाज करनाएक चुनौती है।
सिर, गर्दन और स्तन ऑन्कोप्लास्टी विभाग के निदेशकडॉ मनदीप एस मल्होत्रा ने बताया, “पिछले कई दशकों में कैंसर की घटनाओं में नाटकीय बढ़ोतरी हुई है और यह बात कई सरकारी, गैर-सरकारी संगठनों और निजी संस्थाओं द्वारा किए गए अध्ययनों मेंसाफ तौर से दिखाई देती है। हर साल ऐसे लगभग दस लाख मामलेसामने आते हैं जिनका पता आखिरी समय में चलता है और कई लोग इलाज के खर्च और इस रोग से जुड़ी झूठी बातों के चलते इलाज नहीं करवाते। पिछले एक दशक में अनुसंधान संस्थानों ने भारत में कैंसर की समग्र स्थिति को सुधारने के लिए सरकारी, गैर सरकारी संगठनों और निजी क्षेत्र के संस्थानों के साथ मिलकर काम किया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा दर्ज किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में 2016 में लगभग 39 लाख मामले दर्ज किए और आने वाले वर्षों में यह संख्या और भी बढ़ेगी। उत्तर प्रदेशसबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है और उसके बाद महाराष्ट्र और बिहार का स्थान आता है। दक्षिण भारत में तमिलनाडु सूची में सबसे ऊपर है और उसके बाद क्रमश: कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल का स्थान आता है। आईसीएमआरने यह भी कहा कि संभावना है कि 2020 तक कैंसर से जुड़े 17.3 लाख से ज़्यादा नए मामले सूची में शामिल हो जाएंगे और स्तन, फेफड़े और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से जुड़े मामले इस सूची में सबसे ऊपर होंगे।
भारत में पाए जाने वाले कैंसर का सबसे आम प्रकार कौन सा है- पुरुषों में मुंह, प्रोस्टेट और फेफड़े का कैंसर सबसे आम है। महिलाओं में स्तन, गर्भाशय ग्रीवा और अंडाशय का कैंसर सबसे आम है: एफएचवीके कीफेसिलिटी डायरेक्टर, सुश्री मंगला डेम्बी ने कहा - “पिछले एक दशक में दुनिया भर में कैंसर और कैंसर के रोगियों की संख्या बढ़ी है। सरकार और निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा देने वालों के प्रयासोंके बावजूद वेसभी रोगियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इससे यह साफ होता है कि हमें कैंसर का जल्दी पता लगाने और रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है। अच्छी ख़बर यह है कि जल्दी पता चलने पर हर तरह के कैंसर इलाज किया जा सकता है और मरीज़ सामान्य जीवन जी सकते हैं। मैं कानपुर के नागरिकों से आग्रह करती हूं कि वे सही समय पर सही विशेषज्ञ के पास पहुँचें और कैंसर के बारे में बात करने में संकोच न करें।
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