वकील के मामले में दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में दाखिल की रिपोर्ट

शब्दवाणी समाचार वीरवार 21 नवंबर 2019 नई दिल्ली। तीसहजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुई सिर-फुटव्वल पर दिल्ली पुलिस की एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट 12 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट के हवाले कर सकती है। यह बताने तथा अब तक एसआईटी द्वारा की जा चुकी प्रगति रिपोर्ट लेकर भी दिल्ली पुलिस बुधवार (20 नवंबर) को दिल्ली हाईकोर्ट के सामने पेश हुई। उधर इस मामले की जांच में जुटी एसआईटी ने सहयोग के लिए लोगों से अपील की है कि किसी के पास अगर घटना से संबंधित कोई मजबूत, तथ्यात्मक जानकारी या वीडियो-सबूत हों तो, वो भी एसआईटी के सामने पहुंचकर अपना पक्ष रख सकते हैं।



उल्लेखनीय है कि 2 नवंबर को हुए तीसहजारी कांड की जांच दो जगह पर हो रही है। एक जांच न्यायिक और दूसरी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एसआईटी द्वारा की जा रही है। न्यायिक जांच के आदेश घटना के अगले ही दिन दिल्ली हाईकोर्ट की विशेष पीठ ने दिए थे। जबकि दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने घटना वाले दिन ही क्राइम ब्रांच की एक एसआईटी जांच के लिए गठित कर दी थी।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एसआईटी वक्त वक्त पर हाईकोर्ट को बताती भी रहती है कि उसकी जांच कितनी हो चुकी है और अभी कितनी बाकी है। सूत्रों के मुताबिक इसी सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने बुधवार (20 नवंबर) को दिल्ली हाईकोर्ट को भी अवगत कराया कि एसआईटी की जांच करीब 60-70 फीसदी तक पूरी कर ली गई है। दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट के सामने उम्मीद जताई है कि 12 दिसंबर तक वह पूरी जांच रिपोर्ट के साथ हाईकोर्ट के समझ पेश होने की पूरी कोशिश करेगी।
उधर, दूसरी ओर जांच में जुटी एसआईटी इन दिनों घटना के गवाह और सबूतों को इकट्ठा करने में युद्धस्तर पर जुटी है। इसी प्रक्रिया के तहत एसआईटी के सहायक पुलिस आयुक्त अरविंद कुमार (स्पेशल ऑपरेशन स्क्वॉड-1 क्राइम ब्रांच रोहिणी सेक्टर-14) द्वारा संबंधित लोगों/पक्षों को एक पत्र भेजा जा रहा है।
इसी आशय से संबंधित 18 नवंबर को जारी एक पत्र बुधवार को आईएएनएस कायार्लय को भी मिला है। पत्र में संबंधित एसीपी की ओर से आग्रह किया गया है कि अगर किसी के भी पास संबंधित घटना को लेकर कोई गवाह, सबूत या सत्यता को प्रमाणित करता हुआ कोई अन्य तथ्य हो, तो वो सीआरपीसी की धारा 91 के तहत क्राइम ब्रांच के कमला माकेर्ट थाना परिसर में स्थित कायार्लय में या फिर सब्जी मंडी थाने में पहुंचकर अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकता है।
क्राइम ब्रांच के इसी पत्र से यह बात भी जाहिर होती है कि यह पूरी कसरत दिल्ली पुलिस एफआईआर नंबर-269 दिनांक 2 नवंबर 2019 को धारा 186/353/147/148/149/436 आईपीसी और 3/4 यानी सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने तथा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में कर रही है। क्योंकि इसी एफआईआर में दिल्ली पुलिस कर्मचारी की ओर से उस दिन वकीलों द्वारा मचाए गए उपद्रव में हुए नुकसान और मारपीट का जिक्र किया गया है।



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