राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तेलंगाना दुष्कर्म और हत्या के मामले के चार अभियुक्तों की पुलिस मुठभेड़ में हु्ई मौत पर संज्ञान लिया
शब्दवाणी समाचारवार शुक्रवार 06 दिसम्बर 2019 नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने तेलंगाना में महिला पशु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार चार अभियुक्तों की आज प्रात: 3 बजे पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत के बारे में मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के अनुसार सभी चार अभियुक्तों को हैदराबाद से 60 किलोमीटर दूर अपराध घटनास्थल पर जाचं पड़ताल और अपराध की कड़ी जोड़ने के लिए ले जाया गया था। पुलिस के अनुसार एक अभियुक्त ने अन्य अभियुक्तों को संभवत: भागने का संकेत दिया और उन्होंने पुलिसकर्मियों से हथियार छीनने की कोशिश की। जब पुलिस ने भी उन पर गोलियां चलाई तो क्रॉस फायरिंग में उनकी मौत हो गई।
आयोग का मत है कि इस मामले की बहुत सावधानी से जांच पड़ताल करने की जरूरत है। इसलिए आयोग ने अपने महानिदेशक (जांच) को तुरंत इस मामले में जांच पड़ताल करने के लिए एक टीम को मौके पर भेजने के लिए कहा गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में जांच प्रभाग की एक टीम के तुरंत रवाना होने और अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपने की उम्मीद की जाती है।
आयोग ने पूरे देश में महिलाओं के प्रति दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के बढ़ते हुए मामलों पर पहले ही संज्ञान ले लिया है। आयोग ने सभी राज्य सरकारों, पुलिस प्रमुखों के साथ-साथ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है। तेलंगाना मामले सहित अनेक ऐसे मामलों में आयोग को इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर किया है।
आयोग ने पहले ही अपना मत जाहिर कर दिया है दहशत की स्थिति में पुलिस अधिकारियों द्वारा तुरंत कार्रवाई करने के लिए "मानक संचालन प्रक्रिया' का अभाव है। आयोग सभी कानून लागू करने वाली एजेंसियों से आग्रह कर रहा है कि उनके द्वारा गिरफ्तार या उनकी हिरासत में आए व्यक्तियों के साथ व्यवहार करते समय मानवाधिकारों के दृष्टिकोण का ध्यान रखें। कानून के समक्ष जीवन और समानता का अधिकार भारत के संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त और प्रदत्त मूल मानवाधिकारों में शामिल हैं।
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