बरेली में लिवर और किडनी ट्रांसप्लान्ट के लिए विशेष ओपीडी सुविधाओं की शुरुआत 

शब्दवाणी समाचार वीरवार 30 जनवरी 2020 बरेली। बरेली स्थित श्री नाथ मेडिसिटी हॉस्पिटल में आज मल्टी स्पेशलिटी ओपीडी सुविधाओं की शुरुआत की गई। नई दिल्ली स्थित पीएसआरआई अस्पताल ने दिल्ली एनसीआर में 3 दशक तक मरीजों को सेवाएं प्रदान करने के बाद आज बरेली में ओपीडी सुविधाओं का विस्तार किया। यह ओपीडी लिवर और किडनी संबंधित बीमारियों के लिए हर महीने के आखरी बुद्धवार को खुली रहेगी। पीएसआरआई अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा दी जा रहीं सुविधाओं के अलावा, श्री नाथ मेडिसिटी हॉस्पिटल, बरेली के मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉक्टर विवेक मिश्रा व नेफ्रोलॉजिस्ट, डॉक्टर विजय गुप्ता सभी मरीजों को विशेष परामर्श देने के लिए उपलब्ध रहेंगे।



किडनी और लिवर संबंधी बीमारियों के मुख्य कारणों में अनुवांशिक कारणों के अलावा हमारी लाइफस्टाइल भी शामिल है। डायबिटीज, अनियंत्रित उच्च रक्तचाप, ऑटोइम्यून संबंधी बीमारियां, ड्रग्स या शराब का अत्यधिक सेवन, यूरिनरी इंफेक्शन आदि के कारण देश में किडनी फेलियर या क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे मामलों में किडनी ट्रांसप्लान्ट एक आखरी विकल्प बचता है, इसलिए मरीजों और उनके परिवारों को किडनी ट्रांसप्लान्ट के विभिन्न प्रकारों और उनकी प्रक्रिया के बारे में समझाना बहुत जरूरी है।
नई दिल्ली स्थित पीएसआरआई के यूरोलॉजी व किडनी ट्रांसप्लान्ट विभाग के वरिष्ठ सलाहकार, डॉक्टर अमित सिंह मल्होत्रा ने बताया कि, “चूंकि अधिकतर मरीज सर्जरी के बाद डॉक्टर के संपर्क में नहीं रहते हैं, इसलिए उनमें अन्य मुश्किलों के साथ संक्रमण की संभावना बनती है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए हम इस ओपीडी की शुरुआत कर रहे हैं, ताकि मरीज सर्जरी के बाद डॉक्टर के साथ संपर्क में रहकर सही प्रकार से रिकवर कर सके। हमारी टीम लोगों को स्वस्थ जीवनेशैली और किडनी की बीमारी के लक्षणों के बारे में जागरुक करने का काम भी करेगी। आज के समय में, लेप्रोस्कोपी जैसी एडवांस तकनीक की मदद से किडनी ट्रांसप्लान्ट सर्जरी की प्रक्रिया बेहद आसान और सुरक्षित हो गई है। इस प्रकार की एडवांस सर्जरी में बहुत ही छोटे चीरे से काम बन जाता है, जिससे सर्जरी के बाद मरीज को किसी प्रकार की समस्या नहीं होती है। यहां तक कि डोनर भी बिना किसी समस्या के एक हफ्ते के भीतर अपना जीवन सामान्य रूप से शुरू कर सकता है।”
बरेली स्थित श्री नाथ मेडिसिटी हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉक्टर विवेक मिश्रा ने बताया कि, “बढ़ते शहरीकरण और खराब जीवनशैली के कारण भारतीय युवाओं के बीच लिवर की बीमारी एक आम समस्या बन गई है। किडनी और लिवर संबंधी बीमारियों के लिए श्री नाथ मेडिसिटी हॉस्पिटल, बरेली में पीएसआरआई अस्पताल के एक्सपर्ट डॉक्टरों के समर्थन के साथ, बरेली और पड़ोसी शहरों के मरीज आसानी से ओपीडी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, लिवर संबंधी बीमारियां दूसरी क्रोनिक बीमारियों का रूप ले रही हैं, जो भारत में बढ़ती मौतों का एक बड़ा कारण बन रही हैं। ग्लोबोकैन 2018 की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सबसे ज्यादा होने वाले कैंसरों की लिस्ट में लिवर कैंसर 12वें स्थान पर रहा, जिसके अनुसार अबतक लिवर कैंसर के लगभग 30,000 नए मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
नई दिल्ली स्थित पीएसआरआई के लिवर ट्रांसप्लान्ट हेड, डॉक्टर के आर वसुदेवन ने बताया कि, “लिवर ट्रांसप्लान्ट की तकनीकों में प्रगति के साथ आज मरीज एक लंबे और बेहतर जीवन का आनंद ले सकता है। सिरोसिस लिवर के कैंसर का सबसे गंभीर रूप है, जिसका इलाज सही समय न किया जाए तो यह मरीज के लिए जानलेवा बन सकती है। हम चाहते हैं कि हेल्थकेयर की सभी सुविधाओं का मरीज समय पर लाभ उठा सकें। हालांकि, लिवर के ट्रांसप्लान्ट की मदद से हजारों मरीजों को बेहतर जीवन प्राप्त हुआ है, लेकिन लिवर की बढ़ती बीमारियों को देखते हुए समय पर निदान कराना बेहद जरूरी हो गया है।”
बरेली में ओपीडी की शुरुआत के साथ उत्तर प्रदेश के उन सभी लोगों के लिए इन सुविधाओं का विस्तार करना है, जो इलाज के लिए दूर शहर की यात्रा करने में असमर्थ हैं। पीएसआरआई अस्पताल के हाई क्वालीफाइड डॉक्टर लंबे समय से लोगों की सेवा करते आ रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में ओपीडी सुविधाओं की शुरुआत एक प्रकार का रोगी-केंद्रित कदम है, जिससे मरीजों को एक नए स्तर की सेवा प्रदान की जाएगी।



 


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