पांच सालों में एमएसएमई सेक्टर का विकास में योगदान 50% तक बढ़ाना होगा : गड़करी 

शब्दवाणी समाचार शुक्रवार 31 जनवरी 2020 नई दिल्ली। एमएसएमई देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये देश के विकास में 29 फीसदी और देश के निर्यात में 48 फीसदी योगदान देते हैं। ग्रामीण उद्योगों ने पिछले साल भारतीय अर्थव्यवस्था में रु 75,000 करोड़ का योगदान दिया। एक अनुमान के मुताबिक यह आंकड़ा इस साल 1 लाख करोड़ रु तक पहुंच सकता है। हमारा लक्ष्य है कि अगले 5 सालों में एसएमई सेक्टर देश के विकास में 50 फीसदी योगदान दे, ताकि हम देश को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यस्था बनाने के अपने उद्देश्य को हासिल कर सकें।’’ भारत सरकार में एमएसएमई मंत्रालय के माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन जयराम गडकरी ने एमएसएमई के एक्सीलेन्स अवाॅर्ड्स एण्ड समिट श्डैडम्े दृ ळतवूजी म्दहपदम व िप्दकपंष्े म्बवदवउलश्  के सातवें संस्करण के दौरान कहा, जिसका आयोजन एसोचैम द्वारा अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में एमएसएमई के योगदान को स्वीकार करने के लिए किया गया। 



सभा को सम्बोधित करते हुए श्री प्रताप चन्द्र सारंगी, माननीय राज्य मंत्री, एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा, ‘‘आम जनता के कल्याण के लिए जीडीपी और निर्यात में एसएमई सेक्टर का योगदान बढ़ाना चाहिए। देश के विकास को सुनिश्चित करने के लिए हमें देश में शोध, निर्माण और विकास को बढ़ावा देना होगा। सरकार अपनी विभिन्न पहलों के माध्यम से एमएसएमई को प्रोत्साहन एवं समर्थन दे रही है, तथा ईज़ आॅफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा दे रही है। किंतु देश की विशालता को देखते हुए इन प्रयासों को विस्तारित करने की आवश्यकता है।
एमएसएमई सेक्टर के लिए सरकार के सहयोग की आवश्यकता पर बात करते हुए श्री दीपक सूद, महासचिव, एसोचैम ने कहा, ‘‘एमएसएमई भारत को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और इसके लिए देश में एसएमई प्रणाली को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, ताकि देश की विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा में सुधार लाया जा सके।
उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, ‘‘एमएसएमई में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण ताकि वे टेक्नोलाॅजी इनेबल्ड प्लेटफाॅम्र्स का उचित इस्तेमाल कर सकें। विकास की क्षमताओं के साथ, डिजिटल प्रणाली सेक्टर की क्षमता के दोहन के लिए उचित समाधान हो सकती है।
सभा को सम्बोधित करते हुए श्री अनिल अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, एसोचैम एवं अध्यक्ष, कोस्मोस ग्रुप ने कहा, ‘‘एमएसएमई सेक्टर देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है तथा आय की असमानता को दूर करता है। समय आ गया है कि एसएमई सेक्टर का जीडीपी में योगदान बढ़ाकर 50 फीसदी तक लाया जाए और अगले पांच सालों में 5 करोड़ अधिक नौकरियां उत्पन्न करने के लिए गहन प्रयास किए जाएं। मुझे विश्वास है कि आज का यह सम्मेलन सेक्टर के सामने मौजूद चुनौतियों और मुद्दों पर अधिक स्पष्टता लाएगा।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण केन्द्र थे-  एसोचैम के एमएसएमई एक्सीलेन्स अवाॅर्ड 2019; जिसके तहत एमएसएमई आॅफ द ईयर, स्टार्ट-अप आॅफ द ईयर, इनोवेशेन, वुमेन एंटरेप्रेन्यूर, मोस्ट प्रोमिसिंग ब्राण्ड, ग्रीन बिज़नेस, फेयर बिज़नेस प्रेक्टिसेज़, सीएसआर एक्टिविटीज़ एवं कोस्ट काॅम्पिटिटिवनैस कैटेगरी में पुरस्कार दिए गए। इसके अलावा बेस्ट एमएसएमई बैंक, बेस्ट एसएमई लेंडिंग, माइक्रो लेंडिंग, बेस्ट एसएमई आॅफरिंग और एक्सीलेन्ट सर्विस कैटेगरीज़ में बैंकों और एनबीएफसी को भी सम्मानित किया गया। इन पुरस्कारों के विजेताओं का चयन जूरी पैनल के द्वारा किया गया, जिनमें विभिन्न मंत्रालयों, एनएसआईसी, फंडिंग एजेन्सियों, क्रेडिट रैंक एजेन्सियों, कन्सल्टिंग फर्मों, कोरपोरेट सदनों, एनजीओ आदि से गणमान्य दिग्गज मौजूद थे। पुरस्कार श्री निति गडकरी के द्वारा दिए गए। 



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