ब्रिटानिया मारी गोल्ड 10,000 होम मेकर्स के लिए ऑनलाईन कौशल प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहयोग प्रदान करेगा

शब्दवाणी समाचार शुक्रवार 06 मार्च 2020 नई दिल्ली। ब्रिटानिया मारी गोल्ड ने अपने वार्षिक 'ब्रिटानिया मारी गोल्ड माई स्टार्टअप' अभियान के दूसरे सीज़न के लॉन्च की घोषणा की, जो उद्यमी बनने की इच्छुक होममेकर्स को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। इस साल ब्रांड ने भारत का पहला कौशल विकास कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएसडीसी) के साथ साझेदारी की। यह कार्यक्रम उद्यमी बनने की इच्छुक महिलाओं के लिए कस्टमाईज़ किया गया है। देश में 10,000 महिला होममेकर्स अप्रैल से जून 2020 के बीच यह ऑनलाईन सर्टिफिकेशन कोर्स करेंगी। यह ऑनलाईन प्रशिक्षण उन्हें उदयमशीलता की सभी प्रमुख चीजें सिखाएगा। ब्रिटानिया मारी गोल्ड माई स्टार्टअप अभियान भारतीय होममेकर्स को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनने एवं उन्हें रोजगारप्रदाता के रूप में विकसित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।



ये ऑनलाईन कोर्स एनएसडीसी के ईस्किलइंडिया पोर्टल द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे, जो भारत सरकार के स्किल इंडिया मिशन का संचालन डिजिटल स्वरूप में करता है। ये ई-कोर्स महिलाओं को बेसिक कम्युनिकेशन स्किल्स, वित्तीय साक्षरता, इन्फॉर्मेशन एवं कम्युनिकेशन टेक्नॉलॉजी (आईसीटी) एवं सामाजिक और अर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए माईक्रो उद्यमशीलता का कौशल प्रदान करेंगे। प्रशिक्षण ऑनलाईन होने पर पूरे देश में अपने घर बैठकर कोर्स का कंटेंट प्राप्त करना आसान हो गया है। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को प्रमुख फंक्शनल स्किल्स का प्रशिक्षण देना है, ताकि उद्यमशीलता के सफर में उनका आत्मविश्वास बढ़े। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दो भाषाओं - इंग्लिश एवं हिंदी में उपलब्ध होगा। इस डिजिटल स्किलिंग कंटेंट को फॉर्मेटिव एवं समेटिव आंकलन द्वारा सपोर्ट किया जाएगा एवं कोर्स सफलतापूर्वक पूरा कर लेने के बाद प्रतिभगियों को ई-सर्टिफिकेशन दिए जाएंगे
ब्रिटानिया का 'माई स्टार्टअप' अभियान उन होममेकर्स को वित्तीय सहायता भी देगा, जिनके पास उदयमशीलता के विचार के साथ एक व्यवहारिक बिज़नेस प्लान होगा। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए होममेकर्स ब्रिटानिया मारी गोल्ड के पैक पर दिए गए फोन नंबर पर मिस कॉल या व्हाट्सऐप संदेश भेजना होगा या www.mystartupcontest.com पर लॉग ऑन करके अपना बिज़नेस का विचार साझा करना होगा।
ब्रिटानिया मारी गोल्ड ने साल 2019 में 'माई मारी माई स्टार्टअप' अभियान लॉन्च किया। यह अभियान 2018 में आयोजित 'नेशनवाईड सर्वे ऑन बैरियर्स एंड ट्रिगर्स टू वूमैन इंटरप्रेन्योरशिप इन इंडिया' के आधार पर प्रस्तुत किया गया था। कैम्पेन के पहले संस्करण को 15 लाख प्रविष्टियों के साथ बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली। इसमें मिली जानकारी से ब्रांड को इस साल अपने अभियान में स्किल डेवलपमेंट को मुख्य अंग के रूप में शामिल करने की प्रेरणा मिली।
ब्रिटानिया मारी गोल्ड माई स्टार्टअप कैम्पेन के दूसरे संस्करण एवं एनएसडीसी के साथ साझेदारी के बारे में श्री विनय सुब्रमण्यम, हेड ऑफ मार्केटिंग, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड ने कहा, “ब्रिटानिया मारी गोल्ड माई स्टार्ट अप अभियान का उद्देश्य भारतीय महिलाओं को उद्यमशील बनने में तथा वित्तीय आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सहयोग करना है। हमारा मानना है कि होममेकर्स देश के विकास के चालक होते हैं। उनमें अपार ऊर्जा, असीम प्रेम एवं असीमित धैर्य होता है। वो दैनिक जीवन में उद्यमशीलता का प्रदर्शन करते हैं। इसके बाद भी वो और ज्यादा करना चाहते हैं। 'ब्रिटानिया मारीगोल्ड माई स्टार्टअप' अभियान का यही उद्देश्य है। हमारे द्वारा किए गए देशव्यापी सर्वे से मिला डेटा प्रदर्शित करता है कि वित्त के अलावा कौशल विकास भी एक महत्वपूर्ण जरूरत है। हमें नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएसडीसी) के रूप में एक बेहतरीन पार्टनर मिला है, जो आवश्यक कौशल विकसित कर प्रदान कर सकता है। इस साल इस अभियान के स्केल को कई गुना बढ़ा दिया गया है तथा 10,000 से ज्यादा होम मेकर्स ऑनलाईन, सर्टिफाईड स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम कर रही हैं। एनएसडीसी के साथ हमारी साझेदारी एक बहुआयामी परिवेश का निर्माण करेगी एवं महिलाओं के बीच माईको उद्यमशीलता को बढ़ाएगी।
21वीं सदी अनेक चुनौतियां प्रस्तुत कर रही है, जिनके लिए सोचने के नए तरीके की जरूरत होगी, लेकिन तेजी से बदलती दुनिया में महिलाओं की अर्थिक भूमिका से ज्यादा महत्वपूर्ण और कुछ नहीं। इस परिवर्तन का नेतृत्व करने वाला प्रमुख स्तंभ कौशल विकास है। इस बारे में अपने विचार बताते हुए डॉ. मनीष कुमार, एमडी एवं सीईओ, एनएसडीसी ने कहा, “महिलाएं भारतीय जनसंख्या में 48 प्रतिशत हैं, लेकिन अनुमानों के अनुसार इनमें से केवल 23 प्रतिशत ही श्रमबल में शामिल हैं। इसलिए उद्यमशीलता एवं गिग अर्थव्यवस्था पर केंद्रित कौशल कार्यक्रम आज के समय की जरूरत हैं, क्योंकि 301.5 मिलियन महिलाओं में से 229.2 मिलियन महिलाएं कार्यबल में शामिल नहीं और अपने घरेलू कर्तव्य पूरे कर रही हैं। ऐसे अभिनव कार्य, जो सामाजिक दायित्वों को नकारे बिना उनके लिए अर्थिक अवसरों का निर्माण करें, सभी के लिए फायदेमंद रहेंगे। यदि हम महिला कार्यबल में 20 प्रतिशत की वृर्वध कर सके, तो भारत की जीडीपी 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा हो जाएगी।
अनुराधा वेमुरी, ज्वाईंट सेक्रेटरी, मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट एंड इंटरप्रेन्योरशिप ने कहा, "आधुनिक दुनिया में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरकर राष्ट्र की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। वो परिवर्तन की दूत एवं एक वैल्यू सिस्टम की संरक्षका हैं, जिसमें समाज के विकास की कुंजी निहित है। अपनी उद्यमशीलता एवं उदारता से महिलाएं न केवल अपनी खुद की जिंदगी में परिवर्तन ला रही हैं, बल्कि अन्य लोगों को बेहतर करने की प्रेरणा भी दे रही हैं। स्किल इंडिया का सरकार का उद्देश्य महिलाओं को उद्यमशील बनाकर रोजगार प्रदाता बनाने पर केंद्रित है। हम अपनी समस्त ऊर्जाएं ऐसी परिस्थितियों के निर्माण पर लगा रहे हैं, जिससे महिलाएं अपने सपने व महत्वाकांक्षा पूरी करने में समर्थ बन सकें। हम उनकी सामर्थ्य का विकास करने एवं उन्हें सफलता प्राप्त करने में मदद करने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाते रहेंगे।



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