हमीरपुर में प्रदेश के मुख़्य मंत्री के आदेश का कोई असर नही

शब्दवाणी समाचार, शनिवार 10 अप्रैल (विश्वबीर),हमीरपुर। कस्बा सुमेरपुर की उद्योग नगरी में संचालित रिमझिम स्पात फैक्ट्री में मुख्‍यमंत्री तो क्या प्रधान मंत्री का भी  फरमान  बेअसर साबित हो रहा है। पूरा देश लाक डाउन के दायरे में रहकर कोरोना वायरस के संक्रमण से जंग लड़ रहा है मगर सुमेरपुर की इस फैक्ट्री को  चालू करके महामारी को दावत दी जा रही है। फैक्ट्री में रोजाना हजारो मजदूर आते जाते काम करते हैं। मगर इसे जानबूझ कर चुपचाप चलाया जा रहा है।



गौर तलब है कि लाक डाउन में फैक्ट्रियों को चलाने के निर्देश नहीं है। देश की सारी फैक्ट्रियों में काम काज ठप हैं तभी मजदूर लोग अपने अपने वतन को लौट गए हैं। फैक्ट्रियों में काम करने के लिए आने वाले विभिन्न वर्करों से भी वायरस संक्रमण फैलने का खतरा रहता है लेकिन रिमझिम फैक्ट्री जिसमे सारे नियम कायदे सदैव एक तरफ रख कर काम करने की शुरू से आदत रही है वहां अभी भी उल्टी गंगा बहाई जा रही है।लाक डाउन की घोषणा प्रधान मंत्री द्वारा की गई थी। राज्य सरकारों को उसका अनुपालन करवाना था जो सभी जगह हो भी रहा है मगर रिमझिम फैक्ट्री के मालिकान तथा वहां का मैनेजर इतना प्रभावशाली है कि किसी भी कार्यवाही की जरा भी फिक्र न करते हुए लाक डाउन को धता बताते हुए फैक्ट्री लगातार चलाई जा रही है। दिखावे के लिए फैक्ट्री ने मजदूरों को कस्बे से लाने व छोड़ने के लिए जो दो बस चलायी जा रही थीं उन्हे रोक दिया गया है। कर्मचारियों को पैदल या साइकिल,बाइक आदि से आने को कहा गया है। लोग फैक्ट्री से हटाए जाने के भय से काम करने के लिए वहां पहुंच रहे हैं और काम भी कर रहे हैं।फैक्ट्री के गेट से सामाजिक दूरी रखने का नियम फेल हो जाता है।अंदर भी पास पास रहकर काम कराए जाने से संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है है लेकिन कमाई के चक्कर में मजदूर व कर्मचारियों के भविष्य को दांव में लगाया जा रहा है। बताया जाता है कि फैक्ट्री मालिको को पैसे की इतनी धमक है कि उनके सामने किसी की नहीं चलती है। एक जिलाधिकारी ने फैक्ट्री के फर्जी नियम कायदे देखकर रोक लगा दी थी एक माह तक फैक्ट्री में ताला पड़ा रहा था मगर बाद में गैस प्लांट को छोड़कर शेष फैक्ट्री चलाने की अनुमति बड़ी मुश्किल से दी गई थी लेकिन रोक के बाद भी गैस प्लांट को चलाया जा रहा है। अरबों के घोटाले में फंसी इस फैक्ट्री के हर काम इसी तरह से सिर्फ चांदी के जूते के बल पर चल रहे हैं। लाक डाउन तोड़ने वाली फैक्ट्री पर जिला प्रशासन भी गौर नहीं कर रहा है यह देखकर लोग हैरान हैं।



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