रिजर्व बैंक ने एनबीएफसी की चिंता पर ध्यान दिया : जयकिशन परमार
शब्दवाणी समाचार शनिवार 18 अप्रैल 2020 नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने एनपीए में कुछ राहत प्रदान करते हुए कॉर्पोरेट के लिए सिस्टम लिक्विडिटी और सपोर्ट का ध्यान रखा है। ऐसे सभी खातों के लिए जिन्हें बैंक और एफआई ने मॉरेटोरियम दिया है, 90 दिन के नियमों में मॉरेटोरियम की अवधि शामिल नहीं होगी। यह कदम कुछ हद तक पूंजी पर दबाव कम करेगी। लॉकडाउन के बाद की अवधि में चिंता का प्रमुख कारण था एनबीएफसी को लिक्विडिटी सपोर्ट। हालांकि, आज रिजर्व बैंक ने एनबीएफसी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए कई उपायों की घोषणा की। नाबार्ड, सिडबी और एनएचबी को पैसा दिया गया है ताकि एनबीएफसी/ एचएफसी को फंडिंग सुनिश्चित की जा सके।
एलटीआरओ-2 यह सुनिश्चित करेगा कि छोटे एनबीएफसी को भी पर्याप्त लिक्विडिटी मिले। रिजर्व बैंक ने यह भी सुनिश्चित किया है कि बैंकों के पास पर्याप्त लिक्विडिटी रहे और अगले नोटिस तक वित्तवर्ष 20 के मुनाफे के लाभांश का भुगतान नहीं करने को कहा गया है। एलसीआर को तत्काल प्रभाव से कम करते हुए 100% से 80% कर दिया है। रियल्टी प्रोजेक्ट शुरू होने की तारीख को एक साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इस तरह रिजर्व बैंक ने कुल मिलाकर एनबीएफसी की चिंता पर ध्यान दिया है और छोटी कंपनियों को भी लिक्विडिटी मिली है।
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