बजट 2021 का क्षेत्रवार परिणाम

शब्दवाणी समाचार, वीरवार 11 फरवरी  2021, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना तीसरा बजट 01 फरवरी, 2021 को संसद में पेश किया। पूरे प्रेजेंटेशन के दौरान, यह स्पष्ट था कि सरकार देश की आर्थिक वृद्धि को पुनर्जीवित करने के लिए खर्च करने की होड़ में रहेगी। वास्तव में, नई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और मौजूदा बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए पूंजीगत व्यय बड़ी मात्रा में फोकस में था। केंद्रीय बजट 2021 में सेक्टर के हिसाब से किसे क्या मिला इस बारे में जानकारी दे रहें हैं एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट-डीवीपी श्री ज्योति रॉय। 

1. कृषि और ग्रामीण क्षेत्र: वित्त मंत्री ने किसानों को दी जाने वाली एग्रीकल्चर क्रेडिट सुविधा में 10% तक की वृद्धि का प्रस्ताव किया। वित्त वर्ष 2022 के लिए यह राशि डेयरी, पशुपालन, और मत्स्य पालन पर फोकस केंद्रित करने के साथ 16.5 लाख करोड़ रुपए कर दी गई है। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि किसानों को जरूरत पड़ने पर पर्याप्त ऋण उपलब्ध हो। इसके अलावा, बजट ने ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि के आवंटन को 30 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपए कर दिया है।

2. ऑटोमोबाइल सेक्टर: तीन प्रमुख सुधारों के साथ बजट-2021 में ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए सकारात्मक स्थिति थी। वित्त मंत्री ने पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को बाहर निकालने के लिए एक स्वैच्छिक व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी लाने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव में 20 वर्ष से अधिक पुराने और 15 वर्ष से अधिक पुराने वाणिज्यिक वाहनों के लिए फिटनेस टेस्ट अनिवार्य किया गया है। यह कदम इलेक्ट्रिक वाहनों सहित नए वाहनों की मांग को बढ़ा सकता है, जो कार निर्माताओं की बिक्री को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। शहरी बुनियादी ढांचा योजना के तहत सरकार पीपीपी मॉडल के तहत निजी खिलाड़ियों के प्रवेश को सक्षम करने की योजना बना रही है। इससे निजी क्षेत्र को सार्वजनिक परिवहन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 20,000 बसों का प्रबंधन, संचालन और फाइनेंस करने की अनुमति मिल जाएगी, जिससे बस निर्माताओं की मांग बढ़ जाएगी। और कुछ ऑटो पार्ट्स पर सीमा शुल्क में 7.5% और 10% से लगभग 15% की वृद्धि के साथ, बजट 2021 प्रभावी रूप से ऑटो एंसिलरी कम्पोनेंट्स के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करेगा।

3. बैंकिंग और वित्तीय सेवा सेक्टर: तनावग्रस्त संपत्तियों के ढेर से पीड़ित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की पुस्तकों से निपटने और उन्हें साफ करने के प्रयास में, सरकार एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) और एक एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (एआरसी) शुरू करने की योजना बना रही है। इन दोनों संस्थानों को इन तनावग्रस्त संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने और उनसे मूल्य हासिल करने का काम सौंपा जाएगा। वर्ष 2021-2022 में पीएसबी के पुनर्पूंजीकरण के उद्देश्य से, बजट 2021 में उनकी बैलेंस शीट को मजबूत करने के लिए लगभग 20 हजार करोड़ रुपए भी आवंटित किए गए हैं। और अंत में, अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के लिए दिए गए टैक्स हॉलीडे को एक और वर्ष बढ़ा दिया गया है, जो कि ऋण देने वाली संस्थाओं और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) के लिए सकारात्मक पुश हो सकता है।

4. फार्मास्युटिकल सेक्टर: कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने अपनी बजट प्रस्तुति में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित रखा। इसके मद्देनजर, वित्त वर्ष 2021 के लिए हेल्थ और वेलनेस के कुल पूंजी परिव्यय में लगभग 137% की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2021 में 94,452 करोड़ रुपए राशि तय की थी, जिसे वित्त वर्ष 2022 में बढ़ाकर 2,23,846 करोड़ रुपए किया है। इसके अलावा, अगले 6 वर्षों में नए स्वास्थ्य संस्थान बनाने और मौजूदा हेल्थकेयर सिस्ट्म की क्षमता बढ़ाने के लिए 64,180 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस तरह का कदम पूरे फार्मा क्षेत्र के लिए सकारात्मक हो सकता है, क्योंकि यह अन्य चीजों के अलावा चिकित्सा उपकरणों की घरेलू बिक्री को बढ़ा सकता है। कुल कैपिटल आउटले के बीच इतना ही नहीं है, बल्कि वित्त वर्ष 2022 के लिए कोविड-19 टीकाकरण के लिए अलग से 35,000 करोड़ रुपए रखे गए हैं, जो टीके बना रही कंपनियों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है।

5. इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर: वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) में परियोजनाओं की संख्या 6,835 से बढ़कर 7,400 हो गई है। इसके अतिरिक्त, वित्त वर्ष 2022 में बुनियादी ढांचे के लिए पूंजीगत व्यय को भी 4.39 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। इसके अतिरिक्त, बजट 2021 में नई सड़कों और राजमार्गों के निर्माण के लिए सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के लिए 1,18,101 करोड़ रुपए का परिव्यय भी प्रस्तावित है। ये सभी उपाय बुनियादी ढांचा कंपनियों की ऑर्डर बुक को बढ़ाने की दिशा में काम कर सकते हैं, जिससे उन्हें अधिक राजस्व प्राप्त होगा।

6. सीमेंट और रियल एस्टेट सेक्टर: बजट ने भारत सरकार की अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट और संबंधित टैक्स हॉलीडे को 31 मार्च, 2022 तक के लिए एक और वर्ष तक बढ़ा दिया, जिससे रियल एस्टेट डेवलपर्स को अधिक परियोजनाएं शुरू करने को बढ़ावा मिलेगा। सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे, नई परियोजनाओं की शुरुआत और रियल एस्टेट निर्माण के लिए अधिक खर्च करने की बदौलत सीमेंट निर्माताओं के पास भी खुश करने के लिए कारण हैं।

7. बीमा क्षेत्र: एक आश्चर्यजनक कदम के तौर पर वित्त मंत्री ने बीमा कंपनियों पर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाकर 49% से 74% कर दी। यह प्रभावी रूप से बीमा कंपनियों के विदेशी स्वामित्व के लिए दरवाजे खोलता है, हालांकि कई सुरक्षा उपायों के साथ। इस तरह के कदम से निजी बीमा खिलाड़ियों को भारी बढ़ावा मिलेगा क्योंकि इससे उन्हें अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

8. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर: आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, वित्त मंत्री ने घरेलू विनिर्माण उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव्ह (पीएलआई) योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा। इसके लिए सरकार की ओर से अगले 5 वर्षों में लगभग 1.97 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और 40,951 करोड़ रुपए इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में खर्च होंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट्स और मोबाइल फोन पार्ट्स पर सीमा शुल्क में 0% से 2.5% की बढ़ोतरी के साथ इस उपाय से घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स और फोन निर्माताओं के लिए व्यापार को बढ़ावा मिलने की संभावना है।

9. टेक्सटाइल्स सेक्टर: नए मेगा इनवेस्टमेंट टेक्सटाइल्स पार्क (MITRA) योजना के तहत 7 टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना और कैप्रोलेक्टम, नाइलॉन फाइबर्स और धागों और नाइलॉन चिप्स पर कस्टम ड्युटी 7.5% से घटाकर 5% करने से दोहरा फायदा होगा और यह कपड़ा क्षेत्र के लिए बहुत बड़ा सकारात्मक है। न केवल ये दोनों घोषणाएं कपड़ा कंपनियों को निवेश तक पहुंच बनाने में मदद करने की दिशा में काम करेंगी, बल्कि इससे कच्चे माल की लागत भी कम होगी।

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