देश के 8 करोड़ व्यापारियों ने अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ भरी हुँका

◆ भारतीय व्यापारियों ने ई कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ मिलाया हाथ

शब्दवाणी समाचार, वीरवार 11 फरवरी  2021, नई दिल्ली। अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट के लगातार  दुर्व्यवहारों और नियमो की अवहेलना और कई अनुचित व्यापार प्रथाओं में लिप्त होने के कारण भारत का ई कॉमर्स बाजार पूरी तरह से अव्यवस्थित हो गया है जिसको लेकर देश के 8 करोड़ व्यापारियों ने कंफडेराशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के बैनर तले नागपुर में आयोजित तीन दिवसीय  नेशनल गवर्निंग कॉउन्सिल की बैठक के दूसरे दिन आज बड़ी ई कॉमर्स कम्पनियों के ख़िलाफ़ । अपना गुस्सा जाहिर किया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में  देश के  सभी राज्यों के 200 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेता भाग ले रहे हैं ।

अमेजन और फ्लिपकार्ट ने भारतीय ईकॉमर्स के इकोसिस्टम को पूरी तरह से नष्ट करने में और  देश की एफडीआई नीति के खुले तौर पर उल्लंघन करने और खुले तौर पर नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, जिससे भारत के समग्र खुदरा परिदृश्य पर असर पड़ा है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि ये ई कॉमर्स कंपनियां गहरी छूट, हानि वित्तपोषण, सूची नियंत्रण, तरजीही विक्रेता उपचार और अपने गलत उद्देश्यों को हासिल करने के लिए ब्रांडों को अपने अल्फा विक्रेताओं के माध्यम से बेचने जैसी ग़लत प्रथाओं को अपना रहे है जिसके चलते देश का ई कॉमर्स व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल दोनों व्यापारी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की सराहना की और कहा की वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने मामले का संज्ञान लिया है और एफडीआई नीति के बहुप्रतीक्षित प्रेस नोट 3 के माध्यम से पहले के प्रेस नोट की विसंगतियों को दूर करने का आश्वासन दिया है । उन्होंने कहा है कि अब देश के कानून के उलंघनकर्ताओ को बख्शा नही जायगा। इससे उन 8 करोड़ भारतीय व्यापारियों को बहुत राहत मिलेगी जो वर्तमान में अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट  द्वारा चलाई जा रही विभिन्न ग़लत व्यवसाय प्रथाओं से बेहद प्रभावित हैं। 

श्रो भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा कि देश के व्यापारी जो किसी भी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से नहीं डरते हैं, अब इन बहुराष्ट्रीय ईकॉमर्स कंपनियों के खिलाफ जंग के लिए पूरी तरह तैयार है, इन कंपनियों ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया है और अपनी मजबूत वित्तीय सहायता के माध्यम से अनजाने में भारतीय खुदरा की नींव हिला दी है । व्यापारियों के टोलरेंस की सीमा समाप्त हो गई है और अब भारतीय व्यापारियों के गुस्से को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है, जो निकट भविष्य में इन कंपनियों को भारत से बाहर खदेड़ने के लिए एक मजबूत कदम उठा सकते हैं यदि वे अपने अनैतिक हतकंडो से बाज  नहीं आये  और नैतिक व्यापार प्रथाओं को जारी रखा तो “देश का पूरा व्यापारिक समुदाय अब इस बात की दृढ़ता से पुष्टि करता है कि“ हम किसी भी ई-कॉमर्स इकाई को अपने दुर्भावना के साथ जारी रखने की अनुमति नहीं देंगे। उनका समय अब समाप्त हो गया है - श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कड़े शब्दों में कहा।

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