अहिल्या उद्धार व श्रीराम जानकी विवाह का सुंदर प्रसंग सुनाया

शब्दवाणी समाचार, वीरवार 4 मार्च  2021, नई दिल्ली। गौतम बुध नगर। बुधवार को सेक्टर 49 स्थित नत्थू कॉलोनी में आयोजित श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा व्यास डॉक्टर निधि तेलंग ने भगवान राम की बाल लीलाओं , विश्वामित्र यज्ञ रक्षा, अहिल्या उद्धार एवं श्रीराम विवाह आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन किया। विश्वामित्र जी वन में यज्ञ करते हैं लेकिन राक्षस उनके यज्ञ में बाधा डालकर उसको पूर्ण नहीं होने देते हैं । विश्वामित्र जी ध्यानस्थ होकर देखते है तो उन्हें पता चलता है कि दशरथ पुत्र राम स्वयं विष्णु अवतार हैं और उनके बिना राक्षसों का संघार नहीं हो सकता है। दशरथ जी से राम ,लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिए मांगते है। 

भगवान राम रास्ते में तड़का जैसी भयंकर राक्षसी का वध कर देते हैं साथ ही अन्य राक्षसों का वध कर यज्ञ को पूर्ण करवाते हैं। मुनि विश्वामित्र के साथ जाते समय रास्ते में गौतम ऋषि के श्रापवश पाषाण शिला बनी अहिल्या का अपनी चरण रज से उद्धार करते हैं। जनकपुरी पहुंचने पर मुनि समेत दोनों भाइयों का जनक जी द्वारा सत्कार किया जाता है। जनक जी अपनी प्रतिज्ञा से सभी को अवगत कराते हैं कि जो भी शिव धनुष को तोड़ेगा उसी के साथ जानकी का विवाह होगा। देश देशांतर के राजा धनुष नहीं तोड़ पाए । भगवान राम के छूते ही धनुष टूट गया और जानकी जी ने राम जी के गले में वरमाला डाल देती हैं। 

आयोजन समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने बताया कि 4 मार्च  को राम राज्याभिषेक की तैयारी, राम वनवास, केवट संवाद आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन कथा व्यास द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर महेंद्र सिंह, कौशल्या, मुन्नी देवी, वंदना, गोरेलाल, उत्तम चंद्रा, देवेंद्र गुप्ता, सुशील पाल सहित तमाम सेक्टरवासी भक्त मौजूद रहे।

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