नोशन प्रेस के माध्यम से 30 हज़ार लेखकों ने कमाये 50 करोड़ रुपये
शब्दवाणी समाचार, सोमवार 28 जून 2021, मुंबई। शब्दों को बुनकर लिखने और पुस्तक रिलीज करने का सपना देखने वालों के लिए भारत के अग्रणी सेल्फ पब्लिशिंग प्लेटफॉर्म नोशन प्रेस ने उनके सपनों को सच करके दिखाया है। अपने डू-इट-यॉरसेल्फ पहल के तहत नोशन प्रेस ने अब तक 30 हज़ार से ज़्यादा लेखकों को अपनी किताबें प्रकाशित एवं बिक्री करने का अवसर देते हुए लेखकों को 50 करोड़ रुपये कमाने का मौका दिया है। अप्रैल 2019 में नोशन प्रेस द्वारा शुरू किए गए सेल्फ़ पब्लिशिंग प्लैटफ़ॉर्म के ज़रिए हर माह रिकॉर्ड 2000 किताबें यानी हर 25 मिनट में एक नई किताब प्रकाशित हो रही है।
नोशन प्रेस के सह-संस्थापक और सीईओ नवीन वलसाकुमार ने बताया, "दो साल पहले जब हमने इस प्लैटफ़ॉर्म शुरू किया था तो लेखकों ने इसका इस्तेमाल अपना नाम बनाने में करने के साथ-साथ अपने जुनून और ख़ास हुनर से पैसे भी कमाये। हमारे शीर्ष लेखक अपनी किताबों के माध्यम से 10 लाख रुपये से ज़्यादा कमा लेते हैं। हम भारत की ‘पैशन इकॉनमी’ को गति देने के लिए उत्साहित हैं, जहां रचनाकार अपना पसंदीदा काम करते हुए पैसे कमा सकें।
यहां लेखकों की उम्र 7 से 94 बरस तक है। यानी यह प्लैटफ़ॉर्म प्रकाशन की सुविधा और शक्ति को हर वर्ग तक पहुंचा रहा है। लेखकों की श्रेणी में छात्र, शिक्षक, उद्यमी, नौकरशाह, गृहणी और प्रोफ़ेशनल्स शामिल हैं और अपने-अपने क्षेत्र में हासिल महारत की कथा बड़े जुनून से लिख रहे हैं। तमाम लेखक अपनी किताबें अंग्रेज़ी, हिंदी, तमिल और अन्य भारतीय भाषाओं में प्रकाशित कर सकते हैं।
किताबों की श्रेणी में रहस्य और रोमांच कथा, प्रेम कहानियां, जीवनी, मैनेजमेंट की किताबें, बिज़नेस सेल्फ़ हेल्प और कविता की किताबें सबसे लोकप्रिय हैं। नोशन प्रेस पब्लिशिंग प्लैटफ़ॉर्म का इंटेरफ़ेस बग़ैर किसी बाधा के लेखकों को अपनी किताब डिज़ाइन करने और दुनियाभर में इसके प्रसार की सुविधा देता है। सबसे अच्छी बात यह है कि ये सुविधाएं बिल्कुल मुफ़्त मुहैया कराई जाती हैं जिसके चलते प्रकाशन की दुनिया की एक बड़ी समस्या सुलझ जाती है।
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