EWS/DG के लक्की ड्रा में निकले बच्चों को प्राइवेट स्कूल नहीं दे रहे हैं दाखिला
◆ दिल्ली सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाते प्राइवेट स्कूल
◆ अभिभावकों के पास 15 जून को ड्रा के मैसेज पहुंचे थे
◆ तभी से लगा रहे हैं प्राइवेट स्कूलों के चक्कर
◆ दिल्ली सरकार से गुहार लगा रहे हैं बच्चों के अभिभावक
शब्दवाणी समाचार, वीरवार 1 जुलाई 2021, नई दिल्ली। ईडब्ल्यूएस/डीजी कैटेगिरी के तहत स्कीम से लकी ड्रा निकले हुए करीब-करीब 15 दिन होने जा रहे हैं, जिसमें गरीब बच्चे को प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क और जरूरी सुविधाएं दी जाती हैं। ऐसे में प्राइवेट स्कूल वाले सरकार से अपने बेनिफिट तो उठा लेते हैं मगर जब बात आती है बच्चों के एडमिशन कराने की तो लकी ड्रा होने के बाद यह प्राइवेट स्कूल वाले विभिन्न प्रकार से बहानेबाजी करते हैं और पेरेंट्स को बार-बार स्कूल में बुलाके हवा हवाई-बातें करते हैं।
इसी प्रकार की परेशानियों का सबब बनता जा रहा हैं, ईस्ट दिल्ली का पुनीत पब्लिक स्कूल (आॅई.डी. 1001156)। इसमें कई पेरेंट्स के बच्चों का नाम ईडब्ल्यूएस/डीजी कोटे के तहत एडमिशन के लिए आया हंै पर जब अगले ही दिन जाकर पेरेंट्स ने स्कूल में जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि एक हफ्ते बाद आपको ओेरिजनल डोक्यूमेंट के साथ बुला लिया जायेगा, तब तो ये कहकर मामले को टाल दिया गया लेकिन 15 जून बीत जाने के बाद बच्चों के पेरेंट्स जब वहां मिलने पहुंचे तो उन्होंने कहा कि आप एक-दो दिन में आ जाइए तब हम बता देंगे कि आपको क्या-क्या डॉक्यूमेंट सबमिट करने हैं। उसके बाद भी कई पेरेंट्स ने बार-बार स्कूलों के चक्कर लगाए परन्तु वो लोग हर बार बात टाल टे गए और जब एडमिशन का अंतिम समय आ गया है तो उस समय उन्होंने अपने स्कूल के नोटिस बोर्ड पर नोट चिपका दिया है कि हमारे यहां ईडब्ल्यूएस/डीजी कैटेगिरी के तहत कक्षा-1 में जगह नहीं है, हमने एजुकेशन डिपार्टमेंट को ई-मेल द्वारा सूचित कर दिया है, आप वहीं जाकर उनसे पूछे कि जब जगह ही नहीं है तो उन्होंने हमारे स्कूल में ड्रा स्टूडेंट को क्यों भेजा।
ये कहना मात्र किसी स्कूल का नहीं है इस प्रकार से अधिकतर स्कूल बच्चों के अभिभावकों को कह रहे हैं। गरीब बच्चों के अभिभावक कोरोना काल में भी स्कूलों व एजुकेश के आॅफिसर में धक्के खाने के लिए मजबूर हैं। ऐसे में सभी अभिभावकों ने दिल्ली सरकार से अपील लगायी है कि उनके साथ न्याय कर उनके बच्चों को यथोचित अन्य किसी स्कूल में मेरे बच्चे का एडमिशन करवाने का कष्ट करें। अब सोचने और देखने का विषय यह है कि प्राइवेट स्कूल बड़े हैं या दिल्ली सरकार, क्योंकि दिल्ली सरकार के आदेशों की प्राइवेट स्कूल उड़ा रहे हैं धज्जियां।
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