शिव पुराण में कथा के दूसरे दिन किया भक्ति का वर्णन

शब्दवाणी समाचार, बुधवार 11 अगस्त 2021गौतम बुध नगर। सेक्टर 135 स्थित नगली बाजिदपुर गांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर में महंत राजू गिरी महाराज के सानिध्य में आयोजित शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन कथा व्यास अतुल प्रेम जी महाराज ने भक्ति की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान की भक्ति तीन प्रकार से की जाती है । एक है हेतु की भक्ति जिसमें भगवान से कुछ मांगा जाता है और मांग पूरी होने पर प्रसाद चढ़ाया जाता है। दूसरी भक्ति है डर की भक्ति जिसमें कोई बताता है कि आप के साथ कुछ अनहोनी होने की आशंका तब डर से भगवान की भक्ति करता है । तीसरी भक्ति है अहेतु की भक्ति जो कि बिना किसी स्वार्थ के की जाती है। अहेतु की भक्ति श्रेष्ठ है। भगवान भोलेनाथ की भक्ति के लिए साधन संपन्न होना आवश्यक नहीं है। शिव जी तो एक लोटा जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। भक्ति सभी पापों का शमन कर प्रभु के निकट ले जाती है।भगवान भोलेनाथ तो थोड़ी सी सेवा में ही प्रसन्न हो जाते है और भक्त के सारे पापों को नष्ट कर देते हैं। 

आयोजन समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने बताया कि शिवमहापुराण के तीसरे दिन शिव लिंग के प्राकट्य और उसकी महिमा का वर्णन व्यास जी द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर पंडित लक्ष्मी नारायण शास्त्री, महंत सोमवार गिरी,पंडित महेश पाठक शास्त्री,पंडित संजय शर्मा राजू , राम अवतार , शिवव्रत तिवारी, सोनपाल चौहान, हीरालाल नेता जी, चौधरी श्याम सुंदर, पंडित दीपक शर्मा, राजा मिश्रा, शुभम, मोहन सहित तमाम भक्तजन मौजूद रहे।

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