प्रतिहार परमार चालुक्य चौहान तोमर चावड़ा वंश मूल रूप से गुर्जर : आचार्य वीरेन्द्र विक्रम

शब्दवाणी समाचार, मंगलवार 19 अक्टूबर  2021, नई दिल्ली। अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के द्वारा प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया दिल्ली में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।  प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए आचार्य वीरेन्द्र विक्रम ने बताया कि गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज रघुवंशी सम्राट थे और गुर्जर प्रतिहार वंश के सबसे प्रतापी सम्राट थे जिन्होने 53 वर्षों तक अखंड भारत पर शासन किया। उनकी पहचान समाज में गुर्जर सम्राट के नाम से ही है। उनके समकालीन शासकों राष्ट्रकूट और पालो ने अपने अभिलेखों में उनको गुर्जर कहकर ही संबोधित किया है। 851 ईसवी मे भारत भ्रमण पर आए अरब यात्री सुलेमान ने उनको गुर्जर राजा और उनके देश को गुर्जरदेश कहा है। 

911 ईसवी मे बगदाद के इतिहासकार अल मसूदी ने भी गुर्जर प्रतिहार सम्राटो की जाति गुर्जर लिखी है।  सम्राट मिहिर भोज के पौत्र सम्राट महिपाल को कन्नड़ कवि पंप ने गुर्जर राजा लिखा है।  उन्होंने बताया कि प्रतिहारो को कदवाहा, राजोर , देवली, राधनपुर, करहाड़, सज्जन, नीलगुंड, बड़ौदा के शिलालेखों में गुर्जर जाति का लिखा है। परमारो को घागसा के शिलालेख , तिलकमंजरी , सरस्वती कंठाभरण में , चालुक्यों को कीर्ति कौमुदी और पृथ्वीराज विजय में , चौहानो को पृथ्वीराज विजय और यादवो के शिलालेखों में गुर्जर जाति का लिखा हुआ है। दिल्ली ट्रेवल गाइड में और लालकोट किले के संजय वन में दिल्ली सरकार के  डी डी ऐ विभाग द्वारा लगवाए गए बोर्ड पर लिखा है की लाल कोट किले को गुर्जर तंवर चीफ अनंगपाल ने 731 ईसवी को बनवाया था। 1937 मे डॉक्टर रमा शंकर त्रिपाठी ने अपनी किताब हिस्ट्री ऑफ कन्नौज मे गुर्जर प्रतिहारो को गुर्जर जाति का लिखा है।

 1957 मे डॉक्टर बैजनाथ पुरी ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से गुर्जर प्रतिहारो पर पीएचडी करी और उनको गुर्जर जाति का सिद्ध किया ।1966 ईसवी मे डॉक्टर विभूति भूषण मिश्रा ने गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर लिखा है । भारत के इतिहास में 1200 ईसवी से पहले राजपूत नाम की किसी भी जाति का कोई उल्लेख नहीं है। क्षत्रिय कोई जाति नहीं है , क्षत्रिय एक वर्ण है जिसमे जाट , गुर्जर , राजपूत  अहीर (यादव ) , मराठा, लोधा, बघेल आदि सभी जातिया आती है। उन्होंने बताया की हमारे सारे प्रमाण मूल लेखो, समकालीन साहित्य और शिलालेखों पर आधारित है।  राजपूत समाज के इतिहासकार जब चाहे किसी भी टीवी चैनल पर डिबेट कर सकते है । इतिहासकार डॉ जितेश गुर्जर ने बताया कि पिछले 800 सालो से चले आ रहे झूठ का अब पर्दाफाश हो गया है और सच्चाई अब जनता के बीच है । भारत के इतिहास में 700 ईसवी से 1200 ईसवी के बीच कहीं भी राजपूत जाति का कोई वर्णन नहीं मिलता है फिर किस आधार पर पाठ्य क्रम मे इसको राजपूत काल पढ़ा कर देश को भ्रमित किया जा रहा है। 

देश मे सर्वप्रथम स्वामीनारायण संप्रदाय के अक्षरधाम मंदिर दिल्ली के भारत उपवन में सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति स्थापित करवाई गई थी वहां उनके नाम के समक्ष पट्टिका पर लिखा है महाराज गुर्जर सम्राट मिहिर भोज ।उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लक्सर हरिद्वार मे और दिल्ली के उपमुख्य मंत्री मनीष सिसोदिया ने कोटला मुबारकपुर दक्षिण दिल्ली में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा गुर्जर लिखकर स्थापित करवाई है। ये दोनो व्यक्ति ही राजपूत समाज से है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और जाट समाज के नेता स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा ने आज से 20 साल पहले दिल्ली के अंतर्गत आने वाले नेशनल हाईवे 24 के हिस्से का नाम गुर्जर सम्राट मिहिर भोज मार्ग रखवाया था। साल 2019 मे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा ग्रेटर नोएडा में पुरातत्व विभाग की गुर्जर गैलरी का उद्घाटन किया गया जिसमे गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा लगी हुई है। इस गुर्जर गैलरी के निर्माण मे सांसद महेश शर्मा की एहम भूमिका थी। 

हम अपने द्वारा बताई गई जानकारी के सभी साक्ष्य प्रमाण और आर टी आई आपको किताब के रूप में उपलभ्ध करवा रहे है आप स्वयं उनका अध्यन करके सच को जाने।  राष्ट्रीय अध्यक्ष  अनुराग गुर्जर ने बताया कि ग्वालियर और चंबल संभाग में आज भी गुर्जर समाज के गांवो मे गुर्जर प्रतिहार कालीन मंदिरो के अवशेष मौजूद है। इनमे बटेश्वर, नरेश्वर, बरहावली प्रमुख है। पद्म श्री के के मुहम्मद जी ने बटेश्वर मंदिर श्रंखला मुरैना का जीर्णोद्वार करवा कर इस ऐतिहासिक विरासत की रक्षा की तथा उन्होने ये भी घोषित किया ये सारे निर्माण गुर्जर प्रतिहार शासकों द्वारा करवाए गए थे। ग्वालियर किले पर बने तेली के मंदिर और  चतुर्भुज मंदिर का निर्माण भी गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज ने अपने शासनकाल मे करवाया था । 

कुछ लोग जबरदस्ती करके गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज के इतिहास को कब्जाने का विफल प्रयास कर रहे है। ऐसे लोग देश का माहौल खराब करके जातिगत संघर्ष करवाने का प्रयास कर रहे है ऐसे लोगों पर भारत सरकार सख्त कार्रवाई करे । इस  अवसर पर संस्थापक नरेंद्र गुर्जर, अधिवक्ता सुभाष तंवर, अधिवक्ता मुकेश शर्मा, अमित खारी, रूपेश गुर्जर,गौरव तंवर, देवेंद्र गुर्जर ,हरीश डेढ़ा,सुबोध बैसला,तेजा गुर्जर, जितेन्द्र गुर्जर, मोहित नागर ,एकलव्य बैसला,महेश गुर्जर ,अभिनव मोतला,मोहित मंडार, योगेंद्र बैसोया  आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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