सीईएसएल ने नौ बड़े शहरों में ई-बस चलाने के लिए ग्रैंड चैलेंज शुरू किया

चैलेंज द्वारा मांग को एक समान व संगठित बनाना। 

हवा की गुणवत्ता में सुधार; फेम 2 के तहत रियायत पाने योग्य

शहरों में जन परिवहन व्यवस्था के संचालन की लागत में कमी

शब्दवाणी समाचार, शनिवार 2 अक्टूबर  2021, नई दिल्ली। देश में जन परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक बसों के इस्तेमाल को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए, एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेस लिमिटेड (ईईएसएल) की पूर्ण अधिग्रहीत सब्सिडियरी, कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेस लिमिटेड (सीईएसएल) ने आज ग्रैंड चैलेंज शुरू करने की घोषणा की। इस चैलेंज के तहत नौ शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की एक समान मांग का विकास किया जाएगा। यह ग्रैंड चैलेंज स्टेट ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग्स (एसटीयू) से आवेदन आमंत्रित करता है, जिसमें इलेक्ट्रिक बस खरीदने एवं फेम 2 सब्सिडी पाने की उनकी मांग की अभिव्यक्ति होगी। इसके लिए 3,472 बसों के लिए सब्सिडी उपलब्ध है। सीईएसएल इस मांग को संगठित करेगा और एक रेटिंग सिस्टम के आधार पर एसटीयू को बसें आवंटित की जाएंगी। फिर इस संगठित मांग के टेंडर जारी होंगे, जिनमें ओईएम और/या ऑपरेटर्स हिस्सा लेंगे और रुपये प्रति किलोमीटर के आधार पर मूल्य तय करेंगे।

ग्रैंड चैलेंज के तहत शामिल किए जाने वाले शहर, मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर, हैदराबाद, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, सूरत और पुणे हैं। ग्रैंड चैलेंज द्वारा सीईएसएल, राज्य सरकारों को अपने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लक्ष्यों को हासिल करने में भारत सहयोग बढ़ाना चाहता है ताकि देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास हो सके। यह टेंडर 2050 तक देश को नेट जीरो देश बनाने की प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के अभियानों की श्रृंखला में एक बड़ा कदम है। यह 2047 तक ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने के उद्देश्य के और नज़दीक हमें ले जाएगा।

सीईएसएल की एमडी एवं सीईओ, महुआ आचार्य ने ग्रैंड चैलेंज के बारे में अपने विचार साझा करते हुए कहा कि ग्रैंड चैलेंज इलेक्ट्रिक बसों की मांग को संगठित रूप देने की शुरुआत है। यह एक अभिनव, एस्सेट-लाईट मॉडल पर आधारित है, जो जन परिवहन के इलेक्ट्रिफिकेशन को पुरस्कृत करता है। हमें उम्मीद है कि एसटीयू इस क्रिया के फायदों को देखेंगे और बसों के लिए अपनी मांग लेकर आगे आएंगे। उन्होंने आगे कहा, ‘‘कार्बन उत्सर्जन को कम करके, मुझे विश्वास है कि यह मैंडेट भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित नेट जीरो के उद्देश्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करेगा। यह ग्रैंड चैलेंज देश में हरित मोबिलिटी की ओर तीव्रता से बढ़ने को प्रोत्साहित करेगा और निजी ऑपरेटर्स एवं राज्य सरकारों के बीच सामंजस्य स्थापित करेगा। हम केरला और आंध्रप्रदेश में 2-व्हीलर एवं 3-व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहन अभियान सफलतापूर्वक चला रहे हैं और हमें आशा है कि यह नई प्रगति आने वाले सालों में देश में जीवाश्म ईंधन से ईवी की ओर बढ़ने के हमारे उद्देश्य को बल देगी।

सीईएसएल के ई-मोबिलिटी अभियान में निरंतर सहयोग के लिए मिस महुआ आचार्य ने यु.एस.ऐ.आई.डी के स्पार्क प्रोग्राम की भी सराहना की। श्री आशीष कुंद्रा, प्रिंसिपल सेक्रेटरी-कम-कमिश्नर, ट्रांसपोर्ट, दिल्ली सरकार; श्री राजेंदर कुमार कटारिया, सेक्रेटरी, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट, बैंगलुरु मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन; एवं डॉ. राजेश पंड्या, डिप्टी मुनिसिपल कमिश्नर, सूरत मुनिसिपल कॉर्पोरेशन ने इस समारोह में हिस्सा लेकर अपने विचार बताए।

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