7 साल बाद मिला माँ बनने का सुख : आशा आयुर्वेदा

शब्दवाणी समाचार, वीरवार 7 अप्रैल 2022, नई दिल्ली। औलाद होने की खुशी हर कोई चाहता है। परंतु बहुत से लोग इस खुशी से वंचित हो जाते है। आज के समय में इस खुशी से दूर होने की मुख्य वजह वर्तमान का खानपान, जीवनशैली एवं कुछ बुरी आदतें जिम्मेदार है। हर किसी की जॉब सीटिंग होने के कारण ऑफिस का तनाव एवं अल्कोहल, सिगरेट का सेवन इनफर्टिलिटी का कारण बनते जा रहे हैं। आज की पूरी कहानी है आधारित है। खुशबू के माँ बनने पर कि कैसे 7 साल का सफर तय करने के बाद खुशबू को माँ बनने की खुशी मिली। खुशबू शादी के बाद इन 7 वर्षों में न जानें कहां-कहां पर इलाज के लिए भटकी परंतु कहीं पर भी उसको सफलता नही मिली। 

आज का यह तकनीकी युग भी खुशबू को संतान खुश की खुशियों देने में असफल रहा। संतान सुख पाने की यात्रा में खुशबू ने बहुत चुनौतियों का सामना किया। परंतु इन्होनें अपने अटल इरादों और अपनी सोच के दम पर समाज की कुरितियों का सामना करते हुए। एक ऐसी जगह का चयन किया जहां पर बिना किसी सर्जरी एवं ऑपरेशन के निःसंतानता का इलाज किया जाता है। उस जगह का नाम है आशा आयुर्वेदा जिसकी संचालक है। डॉ चंचल शर्मा जो निःसंतान दंपतियों के लिए आशा की एक नई किरण है। 

खुशबू जिसके लिए कई सालों से इधर-उधर भटक रही थी । परंतु उसकी सही मंजिल नही मिल पा रही थी। हमारी टीम जब खुशबू से मिली तो उन्होनें बात करने के दौरान बताया कि इनफर्टिलिटी के कारण 7 वर्ष 6 माह से मेरी गोद सूनी थी। मैं और मेरे पति हर जगह इलाज करवाकर अपनी सारी आशाएं छोड चुके थे। तभी मेरे पति के दोस्त जो बनारस में रहते है। उन्होेंने हमे आशा आयुर्वेदा का नाम सुझाया। पहले तो मैं और मेरे पति हम दोनों लोग हिचकिचाए पर जब हमने उनके वर्षों के अनुभव और सफलता के बारे में यूट्यूब एवं अन्य जगहों पर उनके बारें में जाना। तो हमने कोशिश की और आज हमारी उसी कोशिश का परिणाम है। कि मुझे बच्चा कंसीव हो चुका है। मैं आशा आयुर्वेदा की पूरी टीम एवं डॉ चंचल शर्मा को धन्यवाद देती हूँ। जिन्होनें मेरी इतनी ज्यादा मदद की है। और मुझे मातृत्व सुख की इतने करीब पहुंचाने में मेरा हर तरीके से साथ दिया है। 

आशा आयुर्वेदा की फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ चंचल शर्मा अपने वर्षों के अनुभव एवं आयुर्वेदिक पंचकर्म पद्धति के द्वारा कई निःसंतान दंपतियों को मातृत्व व पितृत्व सुख देने में लगातार काम कर रहें है। डॉ चंचल शर्मा ने अब तक अपने आयुर्वेदिक उपचार से अधिक उम्र वाली महिलाओं (करीब 40-45 वर्ष) तक की सूनी गोद को भरा है। आशा आयुर्वेदा फर्टिलिटी सेंटर में आने वाले अधिकांश दंपतियों के आंगल में किलकारियां गूंज चुकी है। कई दंपति विदेशों से भी निःसंतानता का इलाज आशा आयुर्वेदा से ले रहे है और उनको पूरी सफलता मिल रही है। क्योंकि जो काम आइवीएफ तकनीक नही कर पा रही है। वह आशा आयुर्वेदा में पंचकर्म चिकित्सा के द्वारा संभव हो पा रहा है।

Comments

Popular posts from this blog

सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया, दिल्ली एनसीआर रीजन ने किया लेडीज विंग की घोसणा

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद जी द्वारा हार्ट एवं कैंसर हॉस्पिटल का शिलान्यास होगा

झूठ बोलकर न्यायालय को गुमराह करने के मामले में रिपब्लिक चैनल के एंकर सैयद सोहेल के विरुद्ध याचिका दायर