डॉ. मुकेश बत्रा के जीवन पर आधारित नाटक जीना इसी का नाम है का शुभारंभ

◆ यह डॉ. बत्रा की जीवनी, ‘द नेशंस होम्योपैथ’ की नाटकीय प्रस्तुति है

शब्दवाणी समाचार, वीरवार 14 अप्रैल 2022, मुंबई। विश्व होम्योपैथी दिवस के मौके पर होम्योपैथी की अच्छाइयों को लोकप्रिय बनाने के प्रयास में, डॉ. मुकेश बत्रा ने अपने जीवन पर आधारित नाटक ‘जीना इसी का नाम है’ का शुभारंभ किया। नाटक का मंचन मुंबई के सोफिया भाभा ऑडिटोरियम में किया गया। जीना इसी का नाम है डॉ. बत्रा की जीवनी, ‘द नेशंस होम्योपैथ’ की नाटकीय प्रस्तुति है। किसी जीवित व्यक्ति की प्रस्तुति की वजह से इसने इतिहास रच दिया है। थियेटर के दिग्गज ओम कटारे के थियेटर ग्रुप यात्री थियेटर की शानदार प्रस्तुति वाले इस नाटक में वास्तविक जीवन के अनुभवों, हार और चुनौतियों की भावुक प्रस्तुति की गई है। जोकि डॉ.मुकेश बत्रा के दूरदर्शी उद्यमी और एक जाने-माने होम्योपैथ के सफर को दिखाता है। 100 से भी ज्यादा बेहतरीन कलाकारों और क्रू से सजे इस अनूठे मल्टीमीडिया भारतीय थियेट्रिकल प्रोडक्शन में वास्तविक घटनाओं को दर्शाया गया है, जहां प्राकृतिक तरीके से जिंदगियों को बचाने के लिये होम्योपैथी और कुशलता का मेल होता है।

डॉ. बत्रा की महागाथा को देखने के लिये थियेटर और अभिनय की  दुनिया के महारथी जैसे गुलशन ग्रोवर, भरत दाभोलकर, राकेश बेदी, मधु मिकी मेहता और रैल पद्मसी जैसी हस्तियां मौजूद थीं। स्पष्ट रूप से वे सभी उस दमदार परफॉर्मेंस और कहानी से अभिभूत थे। इस नाटक के बारे में गुलशन ग्रोवर कहते हैं, “होम्योपैथी के लंबे समय के रोगी और डॉ.मुकेश बत्रा के प्रशंसक होने के नाते, उनके और भारत में होम्योपैथी सफर के बारे में यह एक बेहतरीन प्रस्तुति है। यह नाटक कमाल का है और यह कहानी इतनी दमदार है, मुझे ऐसी उम्मीोद है कि जल्द ही इसे फिल्म के रूप में भी देखने का मौका मिलेगा।

दर्शकों की प्रतिक्रिया से बेहद खुश डॉ. मुकेश बत्रा कहते हैं, “मैं उन सबका शुक्रगुजार हूं, जो समय निकालकर मेरा सफर देखने आए और इस नाटक को मिले प्रोत्साहन और सराहना से मैं प्रसन्नद हूं। मैं आभारी हूं कि मेरे जीवन के अनुभव उभरते आंत्रप्रेन्योर के लिये मार्गदर्शक हो सकते हैं और उम्मीद करता हूं कि उनके सफर में यह काम आए। इन शुभचिंतकों के अलावा, डॉ. बत्रा ने इस नाटक को देखने के लिये राज्यभर के होम्योपैथी कॉलेजों के विद्यार्थियों और अध्याभपकों को भी आमंत्रित किया था। इस नाटक का रिकॉर्ड किया गया वर्जन देश के प्रबंधन संस्थानों, होम्योपैथी कॉलेजों और लाइब्रेरी को दिया जाएगा ताकि उभरते होम्योपैथ और आने वाले कल के बिजनेस लीडर को उम्मीद की किरण दिखायी जा सके और उद्यमिता का पाठ पढ़ाया जा सके। उम्मीद और प्रोत्साहन के संदेश के साथ यह नाटक भारत के अलग-अलग शहरों में टिकट लेकर शो को दिखाया जाएगा। टिकट वाले इन शोज़ से होने वाली कमाई को पूरे साल गरीबों और समाज के वंचित लोगों के मुफ्त होम्योपैथी इलाज के लिये दान में दिया जाएगा।

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