डीएसजीएमसी के चुनाव का सच जल्द आएगा सामने : हरविंदर सिंह सरना
◆ कोर्ट हुआ सख़्त
◆ दुनिया की संगत के सामने आएगा सच सामने
शब्दवाणी समाचार, रविवार 15 मई 2022, नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के कार्यकारिणी चुनाव में हुई धांधली जल्द ही संगत के सामने आ जाएगी। कार्यकारिणी चुनाव के दौरान हुई भारी गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए शिरोमणी अकाली दल दिल्ली (शिअदद) और हरविंदर सिंह सरना ने मिलकर माननीय दिल्ली उच्च न्यायलय में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय दिल्ली उच्च न्यायलय ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर याचिका पर अपना पक्ष रखने को कहा है।
प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए हरविंदर सिंह सरना ने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा निदेशक द्वारा करवाए गए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के कार्यकारिणी चुनाव में नियमों की भारी अंदेखी की गई है। उन्होंने कहा कि यह बगैर अधिकारियों और पुलिस की मिली-भगत के संभव ही नहीं है। सरना ने कहा कि यह सब एक ऐसे नेता को बचाने के लिए किया गया जो पहले चुनाव हारा, बाद में उसके द्वारा किए गए नामांकन प्रक्रिया में भी अक्षम रहा। यही नहीं वह व्यक्ति गुरु की गोलक से गबन के साथ-साथ कई आपराधिक मामलों में अदालत के चक्कर काट रहा है। सरना ने बताया कि माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने हमारे द्वारा दायर याचिका को वैध माना है। न्यायालय की पीठ ने पाया कि याचिका वैध आधार पर दायर की गई है। प्रथम दृष्टया में इस याचिका को स्वीकार कर इस पर सुनवाई की जा सकती है। उसी के आधार पर शिरोमणी अकाली दल दिल्ली द्वारा दायर याचिका पर संज्ञान लेते हुए सभी जिम्मेदार पक्षकार को नोटिस जारी किया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय की माननीय पीठ ने यह भी पाया है कि हरविंदर सिंह सरना स्वयं चुनाव में उम्मीदवार नहीं थे, ऐसे में तकनीकी रूप से उन्हें याचिका व्यक्तिगत तौर पर नहीं डालनी चाहिए। सभी पक्षों को देखते हुए माननीय पीठ ने हरविंदर सिंह सरना को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दी है। हरविंदर सिंह सरना का कहना है कि हमारे द्वारा दायर की गई याचिका का मुख्य उद्देश्य दिल्ली की संगत सहित पूरी दुनिया की संगत को सच से अवगत करना है। साथ ही गोलक-चोर और उसके सहयोगियों द्वारा फैलाए गए झूठ और कपटपूर्ण प्रचार की मनगढ़ंत कहानी को सबके सामने लाकर उनके गलत मंसूबों को खत्म करना है।
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