महिलाओं एवं शिशु स्वास्थ्य पर ध्‍यान देने के लिए एनीमिया मुक्त महिलाएं कार्यक्रम की घोषणा

• तीन गांवों में 7426 जांच और 2500+ घर-घर जाकर जांच किए गए। शुरू में एनीमिया ग्रस्‍त पाए गए लोगों में से 5 महीने बाद 45% एनीमिक नहीं थे। केंद्रित सहयोगी प्रयासों से गंभीर रूप से एनीमिया ग्रस्‍त रोगियों में 79% की गिरावट आई है 

• जिन गांवों में पायलट प्रोजेक्‍ट चलाए गए वहां तीन महीने की अवधि में जनसंख्या स्तर पर एनीमिया के मामलों में 14% की गिरावट का अनुमान है 

शब्दवाणी समाचार, वीरवार 15 दिसम्बर  2022, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, गुरुग्राम। गुरुग्राम जिला प्रशासन और डेलॉयट ने तीन महीने तक चली "एनीमिया मुक्त महिलाएं" पायलट परियोजना के पूरा होने की आज घोषणा की है। इसका आयोजन महिला एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार लाने और एनीमिया को खत्म करने के लिए समान और व्यापक रूप से स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने के मकसद से किया गया। इस दौरान पाया गया कि कैंप 3 के बाद बेसलाइन कैंप के 2263 हल्के, मध्यम और गंभीर रोगियों में से 1095 एनीमिया मुक्त थे, जो एनीमिया पर केंद्रित मातृ और शिशु देखभाल के लिए गुरुग्राम मॉडल का एक स्पष्ट प्रमाण है। अभियान का उद्देश्य तीन गांवों - ताजनगर, पाटली हाजीपुर और सुल्तानपुर में एनीमिया के हल्के से गंभीर स्तर की समस्‍या को दूर करना था। तीन महीने के पायलट प्रोजेक्ट के अंत में एनीमिया पीडि़तों की संख्या में 14% का सुधार हुआ था। इस अनूठे सार्वजनिक-निजी भागीदारी वाले कार्यक्रम को 'टेस्ट-ट्रेस-ट्रीट' की कार्यनीति पर केंद्रित तीन शिविरों में क्रियान्वित किया गया था। 

गुरुग्राम के जिला आयुक्त श्री निशांत कुमार यादव ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, ‘‘राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5  के आंकड़ों के अनुसार, गुरुग्राम में 15 से 49 वर्ष की आयु की लगभग 67.5 प्रतिशत महिलाओं को एनीमिया है। यह एक गंभीर मुद्दा है जिसका महिलाओं, उनके परिवारों और समूचे समुदाय के कल्‍याण पर सीधा प्रभाव पड़ता है। हमारे प्रशासन ने इस चुनौती का डटकर सामना किया और इन समुदायों के बीच विश्वास और जागरूकता पैदा करके एनीमिया को खत्म करने के लिए लगातार काम किया है। इसके साथ ही, हम डेलॉयट के समर्थन से लाभार्थियों का पता लगाने और उन्हें ट्रैक करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता का भी उपयोग किया है। इस मौके पर उपस्थित मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी (सीएमओ), डॉ. वीरेंद्र यादव ने कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि तीन महीने समाप्‍त होने पर गांव को एनीमिया मुक्‍त घोषित करने के लिए केंद्रित प्रयासों के लिए तीन गांवों में से एक सुल्‍तानपुर को चुना गया है। हम, डेलॉयट इंडिया के साथ, परिवारों और समुदाय के नेताओं को शामिल करके, उनके घर और गांव में एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के साथ-साथ अंतिम लाभार्थी को ध्‍यान में रखकर और उन्हें अपने स्वास्थ्य की जिम्‍मेदारी लेने के लिए प्रेरित करके इस पहल को चला रहे 

डेलॉयट इंडिया के प्रेसिडेंट-कंसल्टिंग रोमल शेट्टी ने कहा हमने गुरुग्राम जिला प्रशासन की मजबूत प्रतिबद्धता देखी और इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता पर उन्हें बधाई (dete hai) । हम उन्हें सहयोग के लिए और हमारे पांच-स्तंभ एकीकृत फिट-फॉर-पर्पस मॉडल पर भरोसा करने के लिए धन्यवाद देते 'एनीमिया मुक्त महिलाएं' 'मेडिकल वार्ड का विस्तार' की हमारी मौजूदा पहल की ओर एक कदम है। कार्यक्रम के माध्यम से हमारा लक्ष्य हमारी ग्रामीण आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में प्रौद्योगिकी की पूरी क्षमता का उपयोग करना है।

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