नीलोफर करीमभॉय द्वारा क्युरेटेड फेसेज़ इन माय विंडो की लगाई पर्दर्शनी

 

शब्दवाणी समाचार, रविवार 9 नवम्बर 2024, सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844, नई दिल्ली। जब भी हम घर से बाहर निकलते हैं और शहरों की सड़कों पर ड्राइव करते हैं, अक्सर हमारी गाड़ी की कांच की खिड़की पर दस्तक देने वाले कुछ चेहरे दिखाई देते हैं, क्या आपने इन चेहरों को कभी करीब से देखा है? इनमें से हर चेहरे के पीछे कोई गुस्सा, दर्द, खुशी और जीवित रहने की चाह छिपी है, जो राजधानी की कहानी को बयां करती है। हालांकि यह सब मामूली लग सकता है, लेकिन इन चेहरों ने एक ऐसे व्यक्ति का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, जिन्होंने इन्हें अपनी फोटोग्राफी के ज़रिए तस्वीरों में कैद कर लिया। नीलोफर करीमभॉय द्वारा क्युरेटेड फेसेज़ इन माय विंडो ऐसी तस्वीरों का एक संग्रह है, अक्सर हम जिनके करीब से होकर गुज़रते हैं, ये चेहरे हमारी आंखों में देखते हैं फिर कहीं शहर की भीड़ में ओझल हो जाते हैं। इस प्रदर्शनी का आयोजन 2 से 6 नवम्बर 2024 के बीच हैबिटेट सेंटर स्थित ओपन पाम कोर्ट गैलेरी में हुआ , जहां दर्शकों को इन चेहरों को करीब से देखने का मौका मिला, तस्वीरों में इन चेहरों के पीछे छिपी भावनाओं, लालसाओं और जीवित रहने की इच्छाओं को कैद किया गया है। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने वाले गणमान्य अतिथियों में श्रीमति मेनका गांधी, अमन नाथ, सुजाता कौर डेरे, अनुपमा दयाल, फ्रांज मोजिस, सुनीत टंडन, अंजुम चौपड़ा, करूणा खेतान, श्री के.एल. गंजु, श्रीमति बारबरा पाउला उरदमपिलेटा और शिवानी वज़ीर शामिल थे।

जानी-मानी लेखिका, सफल थिएटर प्रोड्युसर/ लेखक, परोपकारी, अग्रणी उद्यमी और अब संवेदनशील फोटोग्राफर नीलोफर के समर्पण, दृढ़ता और जुनून को लोगों का प्यार और आशीर्वाद प्राप्त हुआ। वह अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती हैं और फिर लोगों को तय करने देती हैं कि यह कितना अच्छा है। ‘‘मैं अपने काम के ज़रिए अपने प्रिय देश पर फोकस करती हूं, जहां हम जीवन को गले लगाते हैं, चुनौतियों को अपनाते हैं, गहन आध्यात्मिकता से प्रेरित होकर आगे बढ़ते हैं। इसी सोच के साथ, हमें इन ज़रूरतमंद लोगों की तरफ़ मदद का हाथ बढ़ाना है- हममें से बहुत से लोग दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने में योगदान देते हैं, इस मिशन के लिए काम करने वाले कुछ लोग और एनजीओ भी हैं। फोटोग्राफी के प्रति जुनून और सड़कों पर रहने वाले लोगों के जीवन के लिए संघर्ष को लेकर उत्सुकता के चलते उन्होंने एक डॉक्यूमेंट्री ‘रत्नीज़ रैड लिप्सटिक’ तैयार की। यह डॉक्यूमेंट्री बड़ी ही संवेदनशीलता के साथ सड़कों पर रहने वाली एक बच्ची के जीवन पर रोशनी डालती है, जो होर्डिंग्स पर दिखने वाले मॉडल्स की नकल करना चाहती है। यह डॉक्यूमेंट्री चुनौतियों के बीच उज्जवल भविष्य के लिए कोशिश करने वालों के जीवन की एक भावनात्मक झलक देती है। इसके अलावा उनकी दूसरी डॉक्यूमेंट्री ‘सरवाइवल’ अभी निर्माण के अंतिम चरण में है,  जो सड़कों पर गर्भधारण करने वाली और बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं पर आधारित है और इससे जुड़ी प्रतिकूल परिस्थितियों पर रोशनी डालती है। फेसेज़ इन माय विंडो एक बेहतरीन प्रदर्शनी रही, जिसने बड़ी ही संवेदनशीलता के साथ उन लोगों भावनाओं का गहराई से चित्रण किया है, जो सड़कों पर अस्तित्व के लिए जूझ रहे हैं, अक्सर हम कुछ पल इन्हें देखते हैं और फिर आगे बढ़ जाते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रमुख राजनीतिक पार्टी सिंधी समाज को भी अपना उम्मीदवार बनाए : अंजलि तुलस्यानी

ऑर्किड स्कूल खगोल विज्ञान थीम वाले फन एंड फेयर गो कॉस्मो का आयोजन करेगा

महाप्रभु श्रीजगन्नाथ की 57वीं रथ यात्रा निकला गयी