के नटराजन, पीटीएम, टीएम के प्रमुख भारतीय तटरक्षक बने

शब्दवाणी समाचार सोमवार 01 जुलाई 2019 नई दिल्ली। कृष्णस्वामी नटराजन, राष्ट्रपति तटरक्षक पदक (पीटीएम), तटरक्षक पदक (टीएम) ने 30 जून, 19 को भारतीय तटरक्षक के 23वें प्रमुख का पदभार संभाला। भारतीय तटरक्षक के पांचवें बैच के अफसर के रूप में जनवरी 1984 में वे सेवा में शामिल हुए। आंरभिक वर्षों में उन्होंने चुने हुए मुख्य सक्षमता क्षेत्रों जैसे खोज एवं बचाव के साथ-साथ समुद्री संरक्षा एवं पत्तन प्रचालन के क्षेत्र में यूएस कोस्टगॉर्ड रिजर्व प्रशिक्षण केंद्र, यॉर्कटाऊन, वर्जीनिया में विशेषज्ञता हासिल की। अफसर ने मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा एवं सामरिक अध्ययन में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है और वे रक्षा सेवा स्टॉफ कालेज, वेलिंग्टन के भूतपूर्व छात्र रहे हैं।



पिछले 35 वर्षों के उनके यशस्वी सेवाकाल के दौरान इस फ्लैग अफसर ने पोत एवं तटीय स्थापनाओं, दोनों में ही कई महत्वपूर्ण कमान एवं स्टॉफ नियुक्तियों में असाधारण प्रदर्शन किया है। उन्होंने सभी श्रेणियों के भारतीय तटरक्षक पोतों जैसे अत्याधुनिक अपतटीय गश्ती पोत (एओपीवी), अपटीय गश्ती पोत (ओपीवी), तीव्रगामी गश्ती पोत (एफपीवी) और उपतटीय गश्ती पोत (आईपीवी) की कमान संभाली है। उन्होंने तटरक्षक जिला मुख्यालय संख्या 05 (तमिलनाडु) में जिला कमांडर, भारतीय तटरक्षक स्टेशन मंडपम में कमान अफसर एवं तटरक्षक प्रशिक्षण केंद्र, कोची के प्रथम प्रभारी अफसर का महत्वपूर्ण दायित्व भी निभाया है। तटरक्षक मुख्यालय में फ्लैग अफसर की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में प्रधान निदेशक (नीति एवं योजना), अध्यक्ष तटरक्षक सेवा चयन बोर्ड, प्रधान निदेशक (परियोजना), संयुक्त निदेशक (संक्रिया), महानिदेशक भारतीय तटरक्षक के तटरक्षक सलाहकार (सीजीए) शामिल हैं।
26/11 के पश्चात् जब देश एक भयावह आतंकी हमले से उबरने की कोशिश कर रहा था तब उन्होंने तटरक्षक मुख्यालय में पदोन्नति के परिणामस्वरूप उपमहानिदेशक (नीति एवं योजना) के रूप में नीति एवं योजना के स्टॉफ प्रभाग का नेतृत्व किया और 20 नए स्टेशनों, 10 वायु स्थापनाओं, दो क्षेत्रीय मुख्यालयों, दो समुद्री तट मुख्यालयों एवं 120 पोतों और नौकाओं हेतु संविदा के क्रम में तटरक्षक के समग्र विकास को उल्लेखनीय रूप से प्रोत्साहित करते हुए अपनी पहचान स्थापित की।
महानिरीक्षक के पद पर रहते हुए वे वर्ष 2014 से 2016 तक तटरक्षक क्षेत्र (अंडमान एवं निकोबार) और तटरक्षक क्षेत्र (पश्चिम) की संक्रिया स्थापनाओं के कमांडर रहे जहां उन्होंने निवारक संक्रियाओं में सामरिक परिवर्तन के दौर की शुरूआत की, जिसके परिणामस्वरूप उनके उत्तरदायित्व के क्षेत्रों में सुरक्षा एवं संरक्षा संबंधी घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखने को मिली।
फ्लैग अफसर को अगस्त, 16 में अपर महानिदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया और उन्होंने पश्चिमी समुद्री क्षेत्र के तटरक्षक कमांडर के रूप में बागडोर संभाली। संवेदनशील पश्चिमी समुद्री र्मोचे पर शीर्षस्थ निगरानी प्राधिकारी के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कोई बड़ी समुद्री घटना घटित नहीं हुई और इस अवधि के दौरान प्रमुख संक्रियाओं में बढ़ोत्तरी देखने को मिली, जिनमें 1.5 टन मादक पदार्थों की बरामदगी, चक्रवातों के दौरान व्यापक राहत एवं बचाव अभियान, तटीय राज्यों में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता एवं केंद्रीय तटीय सुरक्षा संक्रियाएं शामिल हैं।
फ्लैग अफसर को राष्ट्र की विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का तटरक्षक पदक एवं तटरक्षक पदक से सम्मानित किया गया।



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