हिन्दी वैश्विक भाषा हैः जांगड़ा
![Image](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjPhqMcxL1BppeTOTmpSWet6ThvWOsJNUhm6d3cN1wVBwg_2igiPTxFt8_P4aFnk3wTFYX57XP0iymrt26N1K9IE6eRPxiylv1ndPjPEjtaqkizxd-z6hPWhLpoYznZMWwe_zLOTgDDhHovuo0AlyFRYjVSN-3L7DGdf-nZodCJ7oKSopOsW4Nr1H0KHw/w640-h480/3595f3e5-9a75-4c92-9301-c6950ad43a62.jpg)
शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 30 दिसम्बर 2022 , सम्पादकीय व्हाट्सप्प 8803818844 , नई दिल्ली । हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत सर्वश्रेष्ठ संगठन अंतरराष्ट्रीय हिन्दी समिति की ओर से आयोजित संगोष्ठी ‘‘हिन्दी कैसे बने विश्व की भाषा और साहित्यकार सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए भारत सरकार की संसदीय राजभाषा समिति के संयोजक और राज्यसभा सांसद श्री रामचन्द्र जांगड़ा ने कहा हिन्दी प्राचीन समय से ही वैश्वनिक भाषा है इसमें बहुत से पर्यायवाची शब्द है। हर शब्द का मतलब है जबकि अंग्रेजी में ऐसा नहीं है लेकिन हमने अंग्रेजी को ही सर्वोच्च भाषा मान लिया है और अंग्रेजी बोलने वाले को उत्तम दृष्टि से देखा जाता है उसे अधिक सम्मान दिया जाता है। श्री जांगड़ा ने कहा अंग्रेजों ने शिक्षा नीति से हमारी भाषा और संस्कार हटा दिए और भाषा जाने से हम मानसिक रूप से गुलाम हो गए। संस्कार जाने से हमारी परिवार और राष्ट्र के प्रति निष्ठा चली गई। अग्निवीर योजना को बिना समझे युवाओं ने करोड़ों रूपये की संपत्ति नष्ट कर दी। राष्ट्रीय कवि संगम के संस्थापक श्री जगदीश मित्तल ने कहा आज हम भाषा के महत्व को भूल