स्वास्थ्य और खुशहाली को लेकर भारतीय माता-पिता और बच्चों के अलग-अलग विचार
शब्दवाणी समाचार बुधवार 02 अक्टूबर 2019 नई दिल्ली। नॉन-बैंक वित्तीय सेवाओं के प्रमुख समूह आदित्य बिड़ला कैपिटल लिमिटेड (एबीसीएल) की स्वास्थ्य बीमा सहायक कंपनी आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एबीएचआईसीएल) की ओर से किए गए एक ताजा सर्वेक्षण ने उजागर किया है कि माता-पिता और बच्चों के बीच बढ़ती भौगोलिक दूरियों ने किस तरह भारतीय परिवारों में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न चिंताओं को जन्म दिया है।
10 शहरों (मेट्रो और टियर 2) में किए गए सर्वेक्षण में उजागर हुआ है कि अलग-अलग स्थानों में रह रहे पारिवारिक सदस्यों के बीच संबंधों, संचार और भावनाओं से जुड़ी चिंताएं गहरा रही हैं। हालांकि, आधुनिक तकनीक की बदौलत हिस्सों में बंटे यह परिवार आपस में संपर्क कर पा रहे हैं लेकिन फिर भी भारतीय बच्चे अपने माता-पिता से दूर रहने की स्थिति में उनके स्वास्थ्य को लेकर लगातार चिंतित महसूस करते हैं।
लगभग 86 फीसदी भारतीय बच्चे अपने माता-पिता की खुशहाली के लिए चिंतित हैं और 60 फीसदी बच्चों ने यह भी कहा कि उनके माता-पिता खुद को फिट रखने के लिए अधिक प्रयास नहीं कर रहे हैं। हालांकि संतान उत्तरदाताओं के निष्कर्षों के विपरीत, 59 फीसदी माता-पिता ने कहा कि वे खुद को फिट रखने के लिए नियमित रूप से वॉक करते हैं, 30 फीसदी घर के काम करते हैं और 18 फीसदी योग या कसरत करते हैं।
इस सर्वेक्षण पर टिप्पणी करते हुए, एबीएचआईसीएल के सीईओ श्री मयंक बथवाल ने कहा, 'अपना कॅरियर बनाने और अपनी बढ़ती व्यावसायिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए इन दिनों युवाओं की एक बड़ी संख्या को अपने माता-पिता का घर छोडऩा पड़ रहा है हालांकि दूर रह कर भी वे अपने माता-पिता के स्वास्थ्य और कल्याण की बराबर चिंता करते हैं। 'इंडियन पैरेंटल केयर सर्वे' माता-पिता के स्वास्थ्य की बढ़ती चिंता और दूर रहने वाले बच्चों के बीच एक अच्छी अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। अपने माता-पिता के लिए एक देखभालकर्ता के रूप में, मैं समझ सकता हूं कि यह कितनी बड़ी प्राथमिकता है और उनकी जरूरतों को पूरा करने में सक्षमता एक कितनी बड़ी बात है।'
हालांकि, जहां तक बात स्वास्थ्य की है, इस सर्वे में स्वास्थ्य की देखभाल के बारे में माता-पिता और बच्चों के विचार अलग-अलग पाए गए, 54 फीसदी भारतीय माता-पिता अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच के दौरान अपने बच्चों की उपस्थिति की कमी महसूस करते हैं, मुश्किल से 33 फीसदी भारतीय माता-पिता हर छह महीने में एक बार नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए जाते हैं।
यह पूछने पर कि बच्चे अपनी चिंताओं से कैसे निपटेंगे? दूर रहने वाले 65 फीसदी संतानों ने कहा कि अगर माता-पिता के साथ कोई मेडिकल इमरजेंसी हुई तो वे पहले दोस्तों और पड़ोसियों की ओर रुख करेंगे। 11 फीसदी संतानों ने कहा कि वे अपने माता-पिता तक जल्द से जल्द पहुंचेंगे। जबकि, 50 फीसदी से अधिक माता-पिता स्वीकार करते हैं कि यह जरूरी नहीं है कि मेडिकल इमरजेंसी के मामलों में उनके बच्चे उनके पास पहुंच सकेंगे।
दिलचस्प रूप से जब वित्तीय कारणों की बात आती है - 71 फीसदी बच्चों ने अपने माता-पिता की चिकित्सा आकस्मिकताओं के लिए प्रावधान करने की मंशा व्यक्त की, वहीं केवल 28 फीसदी उनके लिए वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा कवर खरीदने के लिए तैयार थे। शोध के अनुसार 47 फीसदी उत्तरदाताओं ने अपने माता-पिता की चिकित्सीय आपात स्थिति और आवश्यकताओं के लिए वित्तीय नियोजन किया हुआ है। इस तरह की आपात स्थिति में उपयोग के लिए सबसे आम रूप नगद को डेबिट कार्ड ने पीछे छोड़ दिया है।
आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस के 'इंडियन पैरेंटल केयर सर्वे' में 2000 लोगों ने भाग लिया था, जिसमें माता-पिता (998 उत्तरदाता) को 60-65 वर्ष और 66-70 वर्ष की दो आयु श्रेणियों में पुरुष और महिलाओं के रूप में शामिल किया गया था, जिनकी कम से कम एक संतान दूर रह रही है। वहीं 30-36 वर्ष और 37-45 वर्ष के आयु समूह वाली पुरुष व महिला वयस्को (संतानों) उत्तरदाताओं (1002 उत्तरदाता) से सर्वेक्षण में सपंर्क किया गया, जिनका कम से कम जीवित पैरेंट्स उनसे दूर हैं।
बदलती जीवनशैली, आधुनिक अभिभावकों - बच्चों के संबंधों और माता-पिता की देखभाल में मौजूद अंतर और बच्चों को उनकी चिंताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक अंतर को सामने लाने में यह सर्वेक्षण बहुत सहायक साबित हुआ है। जरूरत इन चिंताओं को दूर करने की है।
आदित्य बिड़ला कैपिटल लिमिटेड की आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के बारे मेंः
आदित्य बिड़ला कैपिटल लिमिटेड (एबीसीएल) की सहायक कंपनी आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एबीएचआईसीएल), दक्षिण अफ्रीका की एमएमआई होलिं्डग्स और आदित्य बिड़ला समूह के बीच एक संयुक्त उद्यम है। एबीएचआईसीएल को 2015 में गठित किया गया था, जिसमें आदित्य बिड़ला कैपिटल लिमिटेड (एबीसीएल) और एमएमआई स्ट्रेटेजिक इन्वेस्टमेंट्स (प्राइवेट) लिमिटेड की क्रमशः 51 और 49 फीसदी हिस्सेदारी है। एबीएचआईसीएल ने अक्टूबर 2016 से अपने संचालन की शुरुआत की। कंपनी के वर्तमान उत्पाद पोर्टफोलियो में क्रोनिक केयर और इन्सेटिवाइज्ड वेलनेस सहित कई बेजोड़ ऑफर शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में एबीएचआईसीएल ने 143 करोड़ रुपए की सकल प्रीमियम आय दर्ज की है और इसने अब तक 3.7 मिलियन से अधिक लोगांे को कवर किया है। एबीएचआईसीएल की 850 से अधिक शहरों में शाखाओं और साझेदार कार्यालयों, 10 बैंकाश्युरेंस भागीदारों और 20,500 से अधिक प्रत्यक्ष बिक्री एजेंटों के माध्यम से देश-व्यापी वितरण उपस्थिति है।
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