प्याज की उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों को कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए
शब्दवाणी समाचार शनिवार 09 नवंबर 2019 नई दिल्ली। उपभोक्ता मामलों का विभाग पूरे देश में प्याज की कीमतों और उपलब्धता पर निरंतर निगरानी रख रहा है। उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव ने एक उच्चस्तरीय बैठक में कैबिनेट सचिव को प्याज की कीमत और उपलब्धता की वर्तमान स्थिति तथा 29 सितम्बर, 2019 को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने एवं अन्य निर्णयों की जानकारी दी। व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा निर्धारण की भी जानकारी दी गई। विचार-विमर्श के आधार पर प्याज की कीमतों को कम करने तथा उपलब्धता बढ़ाने के संबंध में निम्न महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
1. घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए एमएमटीसी दुबई तथा अन्य देशों से शीघ्र ही पर्याप्त मात्रा में प्याज का आयात करेगा। निविदा के लिए अनिवार्य समयसीमा को कम करने के लिए भी मंजूरी दी जा चुकी है, क्योंकि घरेलू मांग को पूरा करने की तत्काल आवश्यकता है।
2. एमएमटीसी, नाफेड, कृषि मंत्रालय तथा उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों की एक टीम को तुर्की तथा मिश्र की यात्रा करने का निर्देश दिया गया है ताकि इन देशों में प्याज आपूर्ति की जानकारी मिल सके और भारत को आयात सुविधा प्राप्त हो सके।
3. नाफेड को निर्देश दिया गया है कि वह विशेष रूप से अलवर, राजस्थान में घरेलू खरीद प्रक्रिया में तेजी लाए और उन राज्यों को आपूर्ति करें, जहां मांग अधिक है। वर्तमान में प्रतिदिन 300 टन प्याज की मांग है, जिसमें राज्य सरकारों की मांग के अनुरूप वृद्धि होगी। नाफेड को अधिकतम राशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है ताकि उन राज्यों में आपूर्ति की जा सके जहां प्याज की कमी है। प्याज खरीद के लिए नाफेड को सहायता उपलब्ध कराई गई है।
4. उपभोक्ता मामलों के विभाग ने दिल्ली व राजस्थान की सरकारों तथा एपीएमसी से अनुरोध किया है कि वे 9 से 12 नवम्बर, 2019 तक मंडियां खुली रखें ताकि आपूर्ति में कोई बाधा न हो। उन्हें मंडियों के खुले रहने से संबंधित सूचना के प्रचार-प्रसार के लिए भी कहा गया है।
5. केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों के लगातार सम्पर्क में है। राज्य सरकारों की मांगे पूरी की जा रही हैं। मांग और जरूरतों का आकलन करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य सरकारों के साथ बातचीत की जा रही है। राज्यों की मांग के आधार पर नाफेड को प्याज की खरीद करने और आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया है। राज्य सरकारों के कृषि/बागवानी विभागों के साथ स्थिति का जायजा लेने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी प्राप्त की जा रही है।
6. दिल्ली, महाराष्ट्र और राजस्थान के ऐसे व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो परस्पर सम्पर्क में हैं और कीमतों के संदर्भ में जोड़-तोड़ करने का प्रयास कर रहे हैं।
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