चार दिन के वास्ते घोडों को जंगल क्या मिले.... शेर की मांदो को अपनी अस्तबल कहने लगे
शब्दवाणी समाचार मंगलवार 10 दिसम्बर 2019 (आशीष निगम) मौदहा,हमीरपुर। कल कस्बे के रहमानिया इंटर कालेज मे अखिल भारतीय आल इंडिया मुशायरा का आयोजन किया गया। जिसमे शहर व प्रदेश से आए शोएरा-ए-इकराम ने आपने कलाम पेश किये और आयोजकों से वहा वाही लूटी। मुशायरे के मेहमान-ए-खुशूसी समाजसेवी कमर उद्दीन (जुगनू) व सदारत कर रहे समाजसेवी साकिर खान ने दीप रौशन कर मुशायरे का आगाज किया। और मेहमान-ए-खुशूसी का कमेटी ने फूल मालाओ से स्वागत किया और इसके बाद मौदहा के दो छात्र अरबाब अहमद व वीर यादव को नेशनल लेवल मे गोल्ड व सिल्वर मेडल पाये जाने पर कमेटी द्वारा प्रतीक चिन्ह मेहमान-ए-खुशूसी के हाथो देकर सम्मानित किया गया और उन्हें बधाई दी। मुशायरा का आगाज़ मीशम गोपालपुरी ने नात पाक पढ़कर कुछ इस तरह शुरू किया "बिखेर देगें जो महफिलो मे, नबी के हक की सना कि खुश्बू....
फरिश्ते चूमेगें लब हमारे, उड़ेगी जिस दम वफा कि खुश्बू। अमीम जाफरी ने अपने कलाम पेश किये, चार दिन के वास्ते घोड़ो को जंगल क्या मिले, शेर के मांदो को अपनी अस्तबल कहने लगे
कल तलक हम जिनको एबीसी पड़ाते थे अमीम, आज वो खुद को हमारा प्रिंसिपल कहने लगे। रूकशार बलरामपुरी ने कुछ इस अंदाज मे बया किया... इतना मौला मेरे कम कर दे, दूर भारत के दर्दोगम कर दे......
हिन्दुओं मुस्लिमों को जो लड़ाते है, ऐसे नेताओं को भस्म कर दे। मीशम गोपालपुरी ने पढ़ा..... मुल्क का अपने वफादार नहीं हो सकता, जां लुटाने को वो तैयार नहीं हो सकता....
दिल मे जिसने भी जला रखा है इमां का दिया, मेरा दवा है वो गद्दार नहीं हो सकता। इसके बाद इमरान प्रतापगढ़ी ने कुछ इस अंदाज में पेश किया.... की ऐ मेरे हम नशी तुम्हीं रख लो, मेरा टूटा यकीं तुम्ही रख लो....
मैने खैरात तो ना मांगी थी, पांच एकड़ जमीं तुम्ही रख लो। इसी तरह निखत अमरोही, आसिफ मकनपुरी, जौहर कानपुरी, व हामिद भुसावली ने अपने कलाम पेश किये। निजामत नदीम फार्रूक ने कि। इस मौके पर कमेटी सदर बीतू बादशाह, कनवीनर निजामुद्दीन पावर, अख्तर मास्टर, अनीस अहमद, जुम्मू सभासद, लाला मास्टर व गुलाम अंसारी सहित सभी लोग मौजूद रहे। संचालन अब्दुल कादिर (कद्दी) ने किया।
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