उपहार अग्निकांड के चश्मदीद बोले 22 साल बाद भी सिस्टम राम भरोसे

शब्दवाणी समाचार वीरवार 12 दिसम्बर 2019 नई दिल्ली। दिल्ली में अब तक सबसे ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले उपहार अग्निकांड को 22 साल बीत चुके हैं, लेकिन अब भी सिस्टम में कोई सुधार नहीं आया है। पहले भी जिंदगियां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी थीं और आज भी दांव पर हैं। यह दिल्ली की आम जनता नहीं, बल्कि वे लोग बोल रहे हैं जो उपहार हादसे के चश्मदीद हैं। उपहार सिनेमा से कुछ ही दूरी पर 1970 से स्पेयर पार्ट की दुकान चला रहे केएस खुराना ने कहा कि उनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है। बचपन में उन्होंने उपहार सिनेमा में बहुत-सी फिल्में देखी थीं। 22 साल पहले 13 जून की शाम करीब 4:35 बजे उन्होंने उपहार सिनेमा में आग का जो मंजर देखा था, उसे आज भी नहीं भूल पाते।
सिनेमा में 'बॉर्डर' फिल्म का मैटिनी शो चल रहा था और भीड़ काफी ज्यादा थी। थियेटर में आग लगने के कारण भीतर फंसे लोग ऊपरी मंजिल से कूदकर जान बचाने की कोशिश कर रहे थे। फिर भी 59 लोगों की जानें चली गई थीं। उन्होंने भी अपनी कार से थियेटर की बिल्डिंग से कूदने वाले तीन लोगों को अस्पताल पहुंचाया था। इनमें से एक की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन को ऐसी घटनाओं से सबक लेना चाहिए और भ्रष्टाचार को खत्म करके हादसों की पुनरावृत्ति से बचना चाहिए। साथ ही, लोगों को भी नियमों का पालन करना चाहिए।




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