सिरसा स्टॉफ के बकाए तनख्वाह का भुगतान किए बिना देश छोड़ कर नही जा सकते : कोर्ट

 

◆ डीएसजीएमसी स्टॉफ को लंबे अरसे से तनख्वाह नही मिल रहा

◆ कोर्ट ने गुरुद्वारा कमिटी को लगायी फटकार

◆ दाखिल याचिका की सुनवायी करते हुए माननीय हाई कोर्ट ने गुरुद्वारा कमिटी को  4 अगस्त, 2021 तक हर रिटायरी को 2.5 लाख का भुगतान करने को कहा ।

शब्दवाणी समाचार, सोमवार 2 अगस्त 2021, नई दिल्ली।  दिल्ली हाई कोर्ट की वी.कामेश्वर राव की पीठ ने शिरोमणि अकाली दल दिल्ली, सरना की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी को फटकार लगायी है। कोर्ट ने याचिका का संज्ञान लेते हुए पाया कि गुरूद्वरा कमिटी के अधीन चल रहे गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूलों के कर्मचारियों का 40% से अधिक तनख्वाह का भगतान पिछले एक वर्ष से अधिक समय से नही हुए है। रिटायर्ड कर्मचारियों के एरियर तक का भुगतान नही हुआ है। पीएफ इत्यादि तक के भुगतान में भारी अनियमिता पायी गयी है।

जिएचपीएस अध्यापकों के हक के लिए लंबे समय से संघर्ष करने वाले शिअदद पार्टी प्रधान परमजीत सिंह सरना और हरविंदर सिंह सरना ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया। पार्टी प्रधान सरना के अनुसार अभी कुछ दिन पहले ही बादल पार्टी के कर्ताधर्ता मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ एक दूसरे भ्रस्टाचार के मामले में लुक-आउट नोटिस जारी हुआ था। सिरसा देश छोड़ने की तैयारी कर रहे थे लेकिन कानून उनको इजाजत नही देता।उनको हमारे सभी स्टॉफ भाइयो और बहनों के मेहनत के एक -एक रुपए का भुगतान करना होगा। आप इनके वर्षों से रुके मेहनताना का बकाया किए बिना देश छोड़ कर भाग नही सकते।

पार्टी महासचिव हरविंदर सिंह सरना," बादल के चहेते 5000 से अधिक की संपत्ति जमा की है। गुरुद्वारा कमिटी जैसे पवित्र स्थान को पब्लिसिटी स्टंट का मैदान बनाने वाले सिरसा के पास अपने खुद के प्रचार पर करोड़ो उड़ाने को है।लेकिन इनके पास अपने ही कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए नही है। हमारे जिएचपीएस धरोहर खंडहर बनने की ओर है। सभी स्कूल, कॉलेज बर्बादी की ओर है। इनके दोषियों को सजा दिलाने के लिए संगत के सहयोग से हम अंतिम समय तक संगर्ष करते रहेंगे। सिख इतिहास में कभी भी सिख मर्यादा और पवित्र दसवंध की बेअदबी इस तरह से नही हुयी।

सरना ने दावा किया कि डीएसजीएमसी के अंदर 8 से अधिक स्टॉफ की गरीबी और भूखमरी से मौत हो चुकी है। उनको महीनों से तनख्वाह नही मिल रहे थे ।सरना ने पिछले मीडिया खबरों का भी हवाला दिया। कोर्ट की सुनवायी के दरम्यान डीएसजीएमसी प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा को खुद पेश होना पड़ा। लेकिन प्रस्तुत दावों से कोर्ट संतुष्ट नही नज़र आए और उन्होंने मामले में कड़ा संज्ञान लिया।

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