121 वें जन्मोत्सव पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को किया नमन

शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 8 जुलाई 2022ग़ाज़ियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में प्रखर राष्ट्रवादी विचारक व भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 121 वें जन्मोत्सव पर नई दिल्ली के जन्तर मंतर पर "राष्ट्रीय अखण्डता दिवस" के रूप में मनाया गया। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि डॉ मुखर्जी अखण्ड भारत के स्वप्न द्रष्टा थे उन्होंने उस समय के परमिट परिपाटी के विरुद्ध संघर्ष का सिंहनाद किया उन्होंने राष्ट्र को सन्देश दिया कि एक देश में दो प्रधान,दो विधान, दो निशान नहीं चलेंगे।वे जम्मू कश्मीर को भारत का अविभाज्य अंग बनाने के लिए बलिदान हो गए।उनके बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा धारा 370 व 35A समाप्त करके दी गयी।आज आवश्यकता इस बात की है कि हम राष्ट्र के प्रति समर्पित हो,यदि राष्ट्र रहेगा तो हम सब भी रहेगे । अलगाववाद व आंतकवाद देश के लिए खतरा है इससे कठोरता से निपटना ही होगा। उल्लेखनीय है कि डॉ मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता के अत्यन्त प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था।उनके पिता भी सर आशुतोष मुखर्जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे एवं शिक्षाविद् के रूप में विख्यात थे।अपने पिता का अनुसरण करते हुए उन्होंने भी अल्पायु में ही विद्याध्ययन के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलताएँ अर्जित कर ली व 33 वर्ष की अल्पायु में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने।इस पद पर नियुक्ति पाने वाले वे सबसे कम आयु के कुलपति थे। 

मुख्य अतिथि आर्य नेता सुरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि डॉ मुखर्जी ने राष्ट्र की एकता अखंडता के लिए बलिदान दिया उनके कार्य सदियों तक आने वाली पीढ़ियों का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा। कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य गवेन्द्र शास्त्री ने वेद मंत्रों के पाठ के साथ किया व राष्ट्र की सुख समृद्धि की कामना की। वैदिक विदुषी श्रुति सेतिया ने कहा कि डा मुखर्जी नवभारत की विभूतियों में एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है।जिस प्रकार हैदराबाद को भारत में विलय का श्रेय सरदार पटेल को जाता है ठीक उसी प्रकार बंगाल,पंजाब और काश्मीर के अधिकांश भागों को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने की सफलता प्राप्ति में डा मुखर्जी के योगदान को नकारा नहीं जा सकता।उन्होंने जो कुछ किया देश के लिए किया,इसी भारत भूमि के लिए अपना बलिदान तक दे दिया। राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने डॉ मुखर्जी के जीवन व बलिदान को पाठ्यक्रम में स्थान देने की मांग की। परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महेन्द्र भाई ने कहा कि देश के स्वत्रंत्रता संग्राम में आर्य समाज का उल्लेखनीय योगदान है, अब भी आर्य समाज के कार्यकर्ता देश की एकता अखण्डता के लिए कार्य करेंगे ।

आचार्य विद्या प्रसाद मिश्र ने कहा कि डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी के प्रयासों,उनकी दृष्टि और कार्यों ने एकीकृत भारत के निर्माण के लिए राष्ट्रीय चेतना की सच्चे अर्थों में जागने का कार्य किया है।आज जब हम उनकी 121 वीं जयंती मना रहे हैं,यह उचित होगा कि हम ना केवल स्वयं के लिए,बल्कि आगामी पीढ़ी के लिए भी उनके विचारों को प्रेरणा के रूप में ग्रहण करें। आर्य नेता सुरेन्द्र शास्त्री के 78वें जन्मोत्सव पर सभी ने शुभकामनाएं प्रदान की। श्रीमती प्रवीन आर्या,सुरेन्द्र तलवार,वेद प्रकाश,राजेश मेहंदीरत्ता,अरुण आर्य,माधव सिंह,यज्ञवीर चौहान,राधा भारद्वाज,राजश्री यादव,वीनित आहूजा,पुष्पा शास्त्री,सुन्दर शास्त्री,देवेन्द्र गुप्ता आदि ने भी अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये ।

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