नारी जाति का सम्मान ही रक्षा बंधन की सार्थकता है : आचार्य पुनीत जी

◆ रक्षा बंधन के सूत्र पर गोष्ठी संपन्न

शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 12 अगस्त 2022, गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "रक्षा बंधन के सूत्र" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल में 428 वाँ वेबीनार था। वैदिक विद्वान आचार्य पुनीत जी(मेरठ) ने कहा कि नारी जाति का सम्मान करना ही रक्षा बंधन की सार्थकता है।आज व्यवसायिकता के दौर में रिश्ते कमजोर पढ़ते जा रहे हैं यह पर्व हमें अपनी जिम्मेदारी समझाने व जगाने आते हैं।रिश्तों की मिठास बनी रहे और कोर्ट कचहरी के मुकदमे कम हों यही प्रयास रहना चाहिए।इस दिन श्रावणी का पर्व मनाने की पुरातन परंपरा है वेद का पढ़ना पढ़ना सब आर्यों का परम धर्म है। 

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि भारत पर्वों का देश है हमारी संस्कृति हर्ष और उल्लास की संस्कृति है।भाई बहिन के प्रेम के संबंध को मज़बूत बनाता है और भाई बहिन की रक्षा का संकल्प लेता है। अध्यक्ष आर्य नेता संदीप आर्य (मंत्री,आर्य समाज हापुड़) वा आनंद प्रकाश आर्य ने रक्षा बंधन के महत्व पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि यज्ञोपवित के तीन धागे माता, पिता व गुरु के ऋण की याद दिलाते रहते हैं। गायिका प्रवीना ठक्कर,कमला हंस,आशा आर्य,कमलेश चांदना, ईश्वर देवी,रजनी चुग, रजनी गर्ग, रचना वर्मा,विजय खुल्लर,प्रतिभा खुराना,जनक अरोरा,पिंकी आर्य, प्रतिभा कटारिया,उर्मिला आर्य , रविन्द्र गुप्ता आदि के मधुर गीत हुए। 

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