डॉ.मीना महाजन ने सीआरपीएफ की महिला बटालियन के साथ मनाया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

शब्दवाणी समाचार मंगलवार 25 जून 2019 नई दिल्ली। डॉ. मीना दो दशक से अधिक समय से आध्यात्मिकता के क्षेत्र में काम कर रही हैं और समग्र स्वास्थ्य एवं भलाई के महत्व को समझाने परजोर देती आयी हैं। वे प्रवचन, सेमिनार और आमने-सामने बैठाकर यह ज्ञान साझा करती हैं।



"अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रत्येक भारतीय के लिए बहुत ही गर्व की बात है। योग की उत्पत्ति हमारे देश से हुई है और हमें उस महानआध्यात्मिक ज्ञान को महत्व देना चाहिए जो हमारे प्राचीन ऋषियों और संतों ने हमारे लिए छोड़ा है। मैं यहां सिद्धि स्वयंसेवकों और सीआरपीएफ की पहली माहिला बटालियन के साथ योग सत्र आयोजित करके सम्मानित महसूस कर रही हूं। एक सैनिक का जीवनआसान नहीं होता है और उसे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्थिरता की आवश्यकता होती है। एक महिला सैनिक के सामने तो और भी अधिक चुनौतियां होती हैं, क्योंकि उसे अपने स्वास्थ्य, घर के कर्तव्यों और बच्चों को भी देखना होता है। योग मानसिक औरशारीरिक रूप से स्थिर रहने के लिए कई तकनीकों की पेशकश कर सकता है, " डॉ. मीना ने कहा।
योग शिविर में सभी इस सत्र को लेकर उत्साहित थे और पूरा मैदान भरा हुआ था। कमांडेंट श्रीमती नीरज बाला ने योग कार्यक्रम के आयोजन में पूरा सहयोग दिया। उन्होंने कहा "मैं इस नेक कार्य से पूरे मन से जुड़ी हूं और मानती हूं कि योग और ध्यान को हमारीदिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। यह बटालियन की लड़कियों को अधिक सकारात्मक रहने में मदद करता है और तनाव कम करता है।
श्री विक्रम सहगल, आईजी सीआरपीएफ भी इस अवसर पर बटालियन का मनोबल बढ़ाने और योग व आध्यात्मिक गतिविधियों कोप्रोत्साहित करने के लिए मौजूद थे।
टीम सिद्धि ने बटालियन में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को स्मृति चिन्ह और तुलसी के पौधे भेंट किए। सिद्धि स्वयंसेवकों के देशभक्ति के गीतों को सशस्त्र बलों के सदस्यों ने पसंद किया और इससे उनके प्रति सम्मान की भावना भी पैदा हो गयी।
सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों के लिए सिद्धि की पहल, जिसे सद्भावना कहा जाता है, वैश्विक शांति और सद्भाव को बढ़ावा देती है औरभारतीय सैनिकों को सपोर्ट करती है। डॉ. मीना देश के बारे में बहुत भावुक हैं और उनका कहना है कि देश के लिए हमारे प्यार औरसम्मान का मतलब है हमारे राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगान, भारत के संविधान और हमारी सशस्त्र सेनाओं के लिए हमारे मन में प्रेम। नागरिकों के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम सैनिकों और उनके परिवारों को अपना समर्थन दे सकें।



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