8वें एग्रोकेमिकल्‍स कॉन्‍फ्रेंस 2019 का आयोजन हुआ

शब्दवाणी समाचार बुधवार 17 जुलाई 2019 नई दिल्ली। कृषि रसायन उपसमिति, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्‍बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्‍ट्री (फिक्‍की) ने आज “संवहनीय खेती में कृषि रसायन की भूमिका” पर एक सम्‍मेलन का आयोजन किया। श्री राघवेंद्र राओ, सेक्रटरी (केमिकल एंड पेट्रोकेमिकल ), केमिकल एंड पेट्रोकेमिकल, भारत सरकार ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसमें एग्रोकेमिकल कंपनियों के वरिष्‍ठ अधिकारियों एवं प्रमुखों, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, तकनीकी विशेषज्ञों, कॉर्पोरेट्स, नीति निर्माताओं और किसानों ने भाग लिया। नीति आयोग के सदस्‍य प्रोफेसर रमेश चंद ने भी सम्‍मेलन में भाग लिया।



एग्रोकेमिकल इंडस्‍ट्री के प्रतिनिधियों ने भारत में खेती के तरीकों को अधिक जलवायु प्रतिरोधी एवं किसानों के लिये लाभदायक बनाने पर अपने विचार व्‍यक्‍त किये। सम्‍मेलन में जिन विषयों पर चर्चा की गई, उनमें शामिल थे - नये मॉलीक्‍युल्‍स (भारत में पहली बार) के‍ लिये पंजीकरण की समयावधि में कमी, रेगुलेटरी डेटा की सुरक्षा (पीआरडी) और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर के सर्वश्रेष्‍ठ तरीकों को लागू करना। उन्‍होंने भारतीय किसानों की मदद के लिये नई तकनीकें लाने के तरीकों, फसलों की सुरक्षा करने वाले केमिकल्‍स पर जीएसटी को कम करने और नकली एग्रोकेमिकल्‍स के प्रसार को रोकने पर भी चर्चा की।
श्री आर.जी. अग्रवाल, चेयरमैन, कृषि रसायन पर फिक्‍की की उपसमिति और धानुका एग्रीटेक ने कहा कि, “बेहतर उपज के लिये फसलों की सुरक्षा करना महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि इससे किसानों को बढ़िया रिटर्न्‍स मिलेंगे। हालांकि, 'किसानों की आमदनी को दोगुना करने' की सरकारी समिति के अनुसार में कृषि की समूची प्रक्रिया में एग्रोकेमिकल्‍स की लागत के रूप में सरकारी समिति का योगदान सिर्फ 0.4% है, फिर भी ऐसे में अगर घटिया या मिलावटी कीटनाशकों का प्रयोग होता है, तो कृषि में बाकी 99.6% का निवेश व्यर्थ हो जाएगा। इसलिए किसानों को उत्तम कीटनाशकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर फोकस होना चाहिए. उद्योग के दिग्‍गजों के बीच आज हुई चर्चा में कई बातें सामने आईं, जिनसे इंडस्‍ट्री को किसानों के लिये नवीनतम एवं सर्वश्रेष्‍ठ उत्‍पादों को पेश करने में मदद मिलेगी।
श्री राजन गजारिआ, एग्जीक्यूटिव वाईस प्रेजिडेंट, बुसिनेस प्लेटफॉर्म्स, कोर्तेवा एग्री ससिएन्स ने कहा कि “इस क्षेत्र की वृद्धि के लिए, हमें ग्राहकों के विश्वास, प्रौद्योगिकी के रूपांतरण और सभी हितधारकों के साथ सहयोग पर
ध्यान देने की आवश्यकता है। नवाचार स्थायी कृषि का जवाब है। एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कंपनी के रूप में हम भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकियों को लाने के लिए सरकार के साथ काम कर सकते हैं। केवल सरकार, गैर सरकारी संगठन, हमारे उद्योग की अन्य कंपनियों और गैर विश्वासियों के साथ बातचीत करके, हम कृषि क्षेत्र / विकास में आवश्यक पहुंच प्रदान कर सकते हैं श्री राघवेंद्र राओ, सेक्रटरी (केमिकल एंड पेट्रोकेमिकल ), केमिकल एंड पेट्रोकेमिकल, भारत सरकार ने कहा कि “ दुनिया के रासायनिक क्षेत्र में भारत की स्थिति 6 वीं है, लेकिन योगदान दुनिया के समग्र रासायनिक बाजार में सिर्फ 3% है। जबकि चीन का योगदान 39% है। पिछले 15 वर्षों में हमारे देश में रसायनों का आयात 100 गुना बढ़ा है। अब यह महत्वपूर्ण है कि हमें इस क्षेत्र में काम करना चाहिए, आयात पर निर्भरता कम करनी चाहिए और इस क्षेत्र में दुनिया के लिए अपने योगदान को सुधारना चाहिए। मुझे खुशी है कि इस उद्योग में चुनौतियों के बारे में अधिक तथ्य लाने के लिए इस तरह के आयोजन किए जाते हैं। धानुका एग्रीटेक लंबे समय से नकली कीटनाशकों के मुद्दे पर प्रकाश डाल रहे हैं, अब हम इस मुद्दे को जल्द हल करने के लिए कृषि अधिकारी के साथ एक बैठक आयोजित करने का आश्वासन दे सकते हैं”
इस कॉन्‍फ्रेंस में आरएंडडी, इनोवेशन एवं नये जमाने के समाधानों के इस्‍तेमाल तथा नई तकनीकों को अपनाने के लिये प्रोत्‍साहित कर भारत में आधुनिक कृषि प्रबंधन पर जोर दिया गया।



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