आर्यन इंटरनेशनल चिल्ड्रन्स फिल्म फेस्टिवल का दूसरा दिन फिल्मों की बड़ी धूमधाम

शब्दवाणी समाचार बुधवार 28 अगस्त 2019 (जोहा) जयपुर। आर्यन इंटरनेशनल चिल्ड्रन्स फिल्म फेस्टिवल ऑफ जयपुर और 16 इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स का दूसरा दिन फिल्मों से सराबोर रहा। फ़िल्मों का प्रदर्शन शहर के जय श्री पेडीवाल हाई स्कूल, महाराजा सवाई मानसिंह विद्यालय, डॉल्फ़िंस पब्लिक स्कूल, कैम्ब्रिज कोर्ट हाई स्कूल और संस्कार स्कूल ऑडिटोरियम्स में चल रहा है। जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ट्रस्ट की ओर से आयोजित इस फिल्म समारोह का उद्देश्य, नन्हे दर्शकों तक अनेकानेक फिल्में पहुंचाना, और उनमें दृष्टि विकसित करना है। 



जय श्री पेड़ीवाल स्कूल में प्रदर्शित होने वाली फिल्में रहीं नो टर्निंग बैक, तथा वो जो था एक मसीहा – मौलाना आज़ाद। डॉल्फिंस हाई स्कूल में दिखाई गई द लास्ट इंटेरोगेशन, सैकिंड चांस, किंग पीटर 1 तथा जॉस। एस.एम.एस. स्कूल में दिखाई गई मून मैल़डी, ग्रांडफादर, स्नो फॉर वॉटर, पिंकी की पढ़ाई, आयम आर्बर, रैड हैंड्स, गॉड स्पीड तथा दा ब्रेकफास्ट। वहीं कैम्ब्रिज कोर्ट हाई स्कूल में दिखाई गईं आयम आर्बर, बघीरा, लैट अस बी हीरोज़, पापा नहीं मानेंगे तथा फॉर दा 670 मिलियन यंग इंडियंस। संस्कार स्कूल में आज दिखाई गई विंग्स ऑफ माइंड, 18+त्रिशा, गॉड स्पीड और उड़ चले।
डॉल्फिंस हाई स्कूल में माहेश्वरी पब्लिक स्कूल, जानकी देवी स्कूल और विमुक्ति संस्थान के बच्चों ने फिल्मों का आनंद लिया। स्क्रीनिंग के समय डॉल्फिंस ग्रुप ऑफ स्कूल्स की निदेशक दीपिका मंगलानी, विमुक्ति संस्थान की प्राचार्या प्राची जैन, जानकी देवी पब्लिक स्कूल की प्राचार्या अर्चना पाल सिंह उपस्थित रहे। जयश्री पेड़ीवाल स्कूल में भाभा पब्लिक स्कूल के बच्चों ने भी फिल्म स्क्रीनिंग में हिस्सा लिया। जय श्री पेड़ीवाल स्कूल में फिल्म स्क्रीनिंग के समय वो जो था एक मसीहा – मौलाना आज़ाद के निर्देशक डॉ. राजेन्द्र गुप्ता मौजूद रहे, और उन्होने नन्हे दर्शकों से फिल्म को लेकर बातचीत भी की। वहीं कैम्ब्रिज कोर्ट हाई स्कूल में फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान, पापा नहीं मानेंगे फिल्म से जुड़े राहुल सूद और मनन मौजूद रहे।
संस्कार स्कूल में टैगोर इंटरनेशनल स्कूल, ब्राइड लैंड स्कूल, जागृति संस्थान तथा दिशा फाउण्डेशन के बच्चों ने फिल्म स्क्रीनिंग में हिस्सा लिया। 
जय श्री पेड़ीवाल स्कूल की छात्रा सारा माथुर ने नो टर्निंग बैक फिल्म देखने का अनुभव साझा करते हुए कहा कि फिल्म बहुत प्रेरणादायक और मनोरंजक रही। वहीं, स्कूल छात्रा सिया माथुर ने बताया कि इस प्रकार के फेस्टिवल्स के ज़रिए उन्हें बहुत नई और अलग तरह की फिल्में देखने का अनुभव मिलता है। ऐसे फिल्म समारोह होते रहने की ज़रुरत है।



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