भारत वैज्ञानिक अनुसंधान में किसी से पीछे नहीं- डॉ. हर्ष वर्धन

शब्दवाणी समाचार शनिवार 09 नवंबर 2019 नई दिल्ली। पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल श्री जगदीप धनखड़ ने कहा है कि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव जैसे मेगा आयोजन से देश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक होते हैं। कोलकाता में आज 5वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों को एक स्थान पर आयोजित किए जाने के बजाए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जाना चाहिए। श्री धनखड़ ने कहा कि भारत का इतिहास 2014 से गौरवशाली बन रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जनता से संबंधित मूल मुद्दों में काफी सकारात्मक परिवर्तन आया है।
श्री धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता और प्रभाव अब अमेरिका सहित शीर्ष विश्व नेताओं के स्तर का है। विज्ञान महोत्सव के प्रतिनिधियों का उल्लेख करते हुए पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल ने कहा कि उनकी राजस्थान के सीकर से आई एक महिला कृषि उद्यमी से मुलाकात हुई। इस महिला ने मीडिया से कहा कि वह ऐसी सफलता की कहानियों को प्रचारित-प्रसारित कर विज्ञान को बढ़ावा दें। आज हमारी वैज्ञानिक उपलब्धि श्रेष्ठ स्थान पर पहुँच गई है। भारत में सटीक मौसम अनुमान के कारण तूफान से कम मृत्यु हुई हैं ।
केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने अपने संबोधन में कहा कि मौसम के अनुमान के लिए कम्प्यूटिंग क्षमता की दृष्टि में भारत अब चौथे स्थान पर आ गया है। “4 करोड़ से अधिक किसानों को एमएमएस के जरिए मौसम का सटीक अनुमान भेजा जा रहा है। इससे कृषि के क्षेत्र में नुकसान कम हुआ है और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 50 हजार करोड़ रुपए का फायदा हुआ है”, डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वैज्ञानिक उन्नत देशों के वैज्ञानिकों से किसी दृष्टि में पीछे नहीं है। यदि हम उनसे कोई विचार प्राप्त करते हैं, हमारे पास उनके साथ साझा करने के लिए काफी विचार हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत विश्व में 5 शीर्ष वैज्ञानिक देशों में से एक है। उन्होंने कहा कि भूकम्प का विश्लेषण और अध्ययन करने के लिए महाराष्ट्र में पृथ्वी के नीचे बहुत गहराई पर सेंसर लगाए गए हैं। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि प्रधान मंत्री की पर्यावरण हितैषी पहल 'स्वच्छ भारत अभियान' से प्रेरणा लेकर भारत ने बायौमास वेस्ट से एथेनॉल  बनाने की प्रक्रिया का सफल प्रदर्शन किया है।  
हमारी सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं ने पर्यावरण प्रदूषण पर काबू पाने के लिए हरित पटाखे बनाए हैं और इस प्रौद्योगिकी का हस्तान्तरण उद्योग को किया गया है और अब बड़े पैमाने पर ऐसे हरित पटाखे बनाए जा रहे हैं। डॉ. हर्ष वर्धन के कहा कि 5000 से अधिक स्टार्टअप को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग सहायता दे रहा है।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि 4 दिन के 5वें विज्ञान महोत्सव के दौरान 3 नए गिनिज विश्व रिकार्ड बनाए गए। उन्होंने कहा कि 700 से अधिक जिलों ने इस मेगा विज्ञान महोत्सव में भाग लिया। 6 देशों- अफगानिस्तान, भूटान, म्यांमां, मालदीव, ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया से उच्च स्तरीय शिष्ट मण्डल शामिल हुआ।
डॉ. हर्ष वर्धन के कहा कि पहली बार प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विज्ञान महोत्सव को संबोधित किया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री ने तो यह भी पेशकश की थी कि वे विज्ञान महोत्सव में भाग लेने के लिए थाइलैण्ड से सीधे विमान द्वारा कोलकाता पहुंच सकते हैं लेकिन उनके व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए उद्घाटन सत्र में उनके संबोधन को वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए प्रसारित किया गया।
इससे पहले राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षक सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे बच्चों को इसके लिए प्रेरित करें। डॉ. हर्ष वर्धन ने प्रतिनिधियों को सम्मानित किया और महिला वैज्ञानिकों और उद्यमियों को पुरस्कार प्रदान किए।
चार दिन का वार्षिक विज्ञान महोत्सव कोलकाता में 5-8 नवम्बर तक कोलकाता में आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य समावेशी उन्नत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए नीति निर्धारित करना था। इस वर्ष के महोत्सव का विषय रहा आरआईएसईएन इंडिया- अनुसंधान, नवाचार और राष्ट्र का वैज्ञानिक सशक्तिकरण।




 


 


 


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