भारतीय तटरक्षक बल ने चक्रवात के मद्देनजर फंसे मछुआरों की खोज और बचाव के लिए प्रयास तेज किया 

शब्दवाणी समाचार शनिवार 02 नवंबर 2019 नई दिल्ली। भारतीय तटरक्षक बल ने चक्रवात “Kyarr” के मद्देनजर फंसे मछुआरों की खोज और बचाव के लिए प्रयास तेज कर दिए। आईसीजी ने अब तक 19 मछुआरों को बचाया है और 2100 से अधिक मछली पकड़ने वाली नौकाओं को पश्चिम तट के विभिन्न बंदरगाहों पर सुरक्षा के लिए बचाया है।
ICG 18 अक्टूबर 19 से सभी स्टेक होल्डर्स और मछुआरों को मौसम की चेतावनी जारी कर रहा है और उन्हें समुद्र में जाने से रोकने के लिए अनुरोध कर रहा है। आईसीजी जहाजों, विमान, एमआरसीसी और आरओएस ने सभी नाविकों को मौखिक भाषाओं में संदेश प्रसारित किए और उन्हें चक्रवाती मौसम से अवगत कराया और उन्हें बंदरगाह लौटने की सलाह दी। मत्स्य पालन संघ / प्राधिकरणों, तटीय सुरक्षा समूह, समुद्री पुलिस और अन्य हितधारकों के साथ घनिष्ठ समन्वय फंसे हुए मछली पकड़ने वाली नौकाओं के खाते में रखा जाता है और उन्हें सुरक्षा के लिए वापस किया जाता है।
मछली पकड़ने वाली नौकाओं का पता लगाने और चक्रवातों के प्रभाव क्षेत्रों के साथ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे मछुआरों को सहायता प्रदान करने के लिए दस आईसीजी जहाजों को तैनात किया गया है। चार आईसीजी डोर्नियर को क्षेत्र स्कैन और फंसे हुए मछली पकड़ने वाली नौकाओं का पता लगाने के लिए काम सौंपा गया है। दो ICG हेलो सॉर्टियों को क्षेत्र स्कैन के लिए और फंसे हुए मछली पकड़ने वाली नौकाओं का पता लगाने के लिए संवर्धित किया गया है।
आईसीजी इकाइयों के सक्रिय प्रयासों के परिणामस्वरूप चक्रवात के मद्देनजर फंसे विभिन्न राज्यों की 2100 से अधिक नौकाओं को सुरक्षित निकाला गया। गुजरात की 500 नौकाओं ने राजापुरी, महाराष्ट्र में शरण ली है। महाराष्ट्र की 197 नौकाओं को रत्नागिरी में शरण दी गई है। अन्य राज्यों की 700 नौकाओं को गोवा, करवार, उडुपी और न्यू मैंगलोर में शरण दी गई है। केरल की 80 नावों ने महाराष्ट्र में शरण ली है।
ICG इकाइयां लापता / फंसे हुए मछली पकड़ने वाली नौकाओं की खोज और बचाव के लिए मत्स्य अधिकारियों और अन्य हितधारकों के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाए हुए हैं।




Comments

Popular posts from this blog

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद जी द्वारा हार्ट एवं कैंसर हॉस्पिटल का शिलान्यास होगा

22 वें ऑल इंडिया होम्योपैथिक कांग्रेस का हुआ आयोजन

सेंट पीटर्स कॉन्वेंट विद्यालय ने अपना वार्षिकोत्सव मनाया