कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने आईबीएम के साथ मिलकर स्किल बिल्ड प्लेटफार्म शुरू किया

शब्दवाणी समाचार सोमवार 04 नवंबर 2019 नई दिल्ली। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत काम करने वाले प्रशिक्षण महानिदेशालय ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी आईबीएम के साथ मिलकर आज स्किल बिल्ड प्लेटफार्म कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके तहत आईबीएम द्वारा आईटी नेटवर्किंग और क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग में इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्‍टीच्‍यूट और नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्‍टिटयूट द्वारा दो वर्ष का एडवांस डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म छात्रों को MyInnerGenius (माई इनर जिनियस) के माध्यम से ज्ञान संबंधी क्षमताओं और व्यक्तित्व के संबंध में स्व-आकलन की सुविधा प्रदान करेगा। इससे छात्र डिजिटल प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ व्यावसायिक कौशल जैसे कि बायो-डेटा तैयार करने, समस्या समाधान और संचार संबंधी मूलभूत ज्ञान सीख सकेंगे। छात्रों को विशिष्ट नौकरियों के लिए भूमिका-आधारित शिक्षा पर सिफारिशें भी मिलेंगी जिनमें तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षण शामिल हैं।



सहयोग को लेकर बात करते हुए कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि, “हमारी सरकार जनता को लाभान्वित करने और कल्याणकारी योजनाओं में नवीनता लाने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रभावकारी ढंग से उपयोग कर रही है। हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के महत्व को समझते हैं और जीवन को बेहतर बनाने में यह अहम भूमिका निभा सकती है। हमारे न्यू इंडिया के निर्माण के साथ यह जरूरी है कि हम लगातार खुद को अपग्रेड करें। मैं नई आयु क्षमताओं और प्रोफेशनल कौशल के साथ छात्रों को सशक्त बनाने में इस सहयोग के लिए आईबीएम के लिए अपना आभार व्यक्त करता हूं। यह पहल युवाओं को बदलते बाजार के रुझान के अनुसार खुद को ढालने में मदद करेगी।”
सहयोग के बारे में अपने विचार प्रकट करते हुए कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा, “हमारी सरकार जनता को लाभान्वित करने और कल्याणकारी योजनाओं में नवाचार लाने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रभावी ढंग से उपयोग कर रही है। हम कृत्रिम आसूचना के महत्व और जीवन को बेहतर बनाने में इसके द्वारा निभाई जा सकने वाली भूमिका को समझते हैं। नए भारत के निर्माण के लिए यह जरूरी है कि हम लगातार खुद को अद्यतन करते चलें। मैं छात्रों को अत्याधुनिक क्षमताओं और पेशेवर कौशलों से संपन्न बनाने में सहयोग करने के लिए आईबीएम के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। यह पहल युवाओं को बाजार के बदलते रुझानों के अनुसार खुद को ढालने में मदद करेगी।”
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में सचिव डॉ. के.पी. कृष्णन ने कहा, 'प्रौद्योगिकी निरंतर विकसित हो रही है और हमारे जीवन को सुगम एवं बेहतर बना रही है। यह बहुत आवश्यक है कि हम इसका भरपूर उपयोग करें और खासतौर पर युवाओं को कौशल सिखाने में इसका उपयोग करें। प्रौद्योगिकी बेहतर, ज्यादा दक्ष प्रशिक्षण प्रदान करने में मदद करती है, क्योंकि यह बेहतर आकलन और निष्कर्ष प्रदान करती है। हमारे युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में इस कार्यक्रम की उपलब्धियों और इसके विस्तार को देखने के लिए लालायित हूं। '
आईबीएम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष और एचआर प्रमुख चैतन्य श्रीनिवास ने कहा, 'कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ हमारे सहयोग से अगली पीढ़ी को वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी। कौशल नए प्रकार की मुद्रा है और यह कार्यक्रम रोजगार के लिए तैयार व्यक्तियों को प्राप्त करने की उद्योग जगत की निरंतर जद्दोजहद को दूर करेगा। यह मंच छात्रों को अपने भीतर तकनीकी और व्यावसायिक कौशल विकसित करने में सहायता करेगा, जो प्रतिस्पर्धी 'न्यू कॉलर' नौकरियों के लिए आवश्यक है। स्किल्स बिल्ड प्लेटफॉर्म भारत में आजीवन शिक्षण संभव बनाने और भारत सरकार की स्किल इंडिया पहल के साथ समायोजन के प्रति आईबीएम की संकल्पबद्धता को और सुदृढ़ करेगा।
डीजीटी के महानिदेशक श्री राजेश अग्रवाल ने साझेदारी के बारे में कहा, 'हम प्रौद्योगिकी के इस युग में युवाओं को कौशल संपन्न बनाने के लक्ष्य के साथ कार्यक्रमों की शुरुआत कर रहे हैं और उनकी क्षमताओं को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने में सहायता कर रहे हैं। यह सहयोग इसी दिशा में उठाया गया कदम है और यह निश्चित रूप से उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप होगा। डीजीटी भारत में व्यवासायिक प्रशिक्षण प्रणाली को डिजिटल रूप से क्रान्तिकारी बनाने और युवाओं में उद्योगों में कार्य करने की दक्षता अपनाने के लिए प्रमुख उद्योगपतियों के साथ साझेदारी करने के लिए संकल्पबद्ध है।'
यह पहल रोजगार के लिए तैयार श्रम बल तैयार करने तथा नए कॉलर करियर्स के लिए आवश्यक अगली पीढ़ी के कौशलों का निर्माण करने की आईबीएम की वैश्विक प्रतिबद्धता का अंग है। यह प्लेटफॉर्म उन्नति और एडुनेट फाउंडेशन जैसे प्रमुख गैर सरकारी संगठनों की सहायता से शुरू किया गया है। आईबीएम के स्वंयसेवी गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर छात्रों को प्रशिक्षण और प्रायोगिक शिक्षण अवसर प्रदान करेंगे। आईबीएम ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ मिलकर 2018 के आरंभ में अपने किस्म का पहला 'न्यू कॉलर करिकुलम' प्रारंभ किया था। सितंबर, 2019 में इस पाठ्यक्रम के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद, 19 छात्रों को आईबीएम में 5 महीने की भुगतान सहित इंर्टनशिप प्रदान की गई।



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