वायु प्रदूषण पर केजरीवाल सरकार अपने वादों पर टाल-मटोल कर रही है : डॉ. भसीन

शब्दवाणी समाचार बुधवार 20 नवंबर 2019 नई दिल्ली। वायु प्रदूषण उन पच्चीस करोड़ लोगों को प्रभावित करने वाला एक तात्कालिक खतरा है जो दिल्ली को अपना घर कहते हैं। इस पृष्ठभूमि में यह उचित है कि सरकार द्वारा वायु प्रदूषण से निपटने के लिए किए जाने वाले दावों के लिए अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाये। लोक नीति शोध कें ने इस मुद्दे पर शोध कर एक रिपोर्ट बनायीं है। डॉ.सुमीत भसीन, निदेशक-PPRC ने आज मोनोग्राफपर चर्चा की। डॉ. भसीन ने आज दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में चर्चा की।रिपोर्ट दिल्ली सरकार द्वारा वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए उठाए गए सभी कदमों का विश्लेषण करती हैडॉ. भसीन ने पर्याप्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रणाली प्रदान करने में दिल्ली सरकार की लापरवाही पर चिंता जताई।



डॉ. भसीन ने पर्याप्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रणाली प्रदान करने में दिल्ली सरकार की लापरवाही पर चिंता जताईउन्होंने कहा, वायु प्रदूषण में 25% की कमी का दावा इस तथ्य से पलट है कि पिछले साल की तुलना में नवंबर में औसत पीएम 2.5 कास् तर बढ़ा है। नवंबर 2018 के लिए दिल्ली की हवा में PM 2.5 209.6 ug/ms था। नवंबर 2019 के लिए यही आंकड़ा 296.8ug/m हैयह हवा में घातक प्रदूषक में 41% से कम की वृद्धि कोर पष्ट रूप से दर्शाता है। दिल्ली सरकार ने अपने 2015 के घोषणा म्र में सुधारों का वादा किया था, लेकिन जैसा किस पष्ट रूप से रिपोर्ट में कहा गया है ज़मीनीस् तर पर काम नहीं किया गया है।
डॉ. भसीन ने कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने के बड़े दावों के बावजूद, केजरीवाल सरकार ने काम नहीं किया है। दिल्ली सरकार ने पिछले 4 वर्षों में सिर्फ एक इलेक्ट्रिक बस चलायी है साथ ही उन्होंने कहा, 'पिछले पांच वर्षों में vaccum वाहनों को सरकार से प्रतिबद्धता के बावजूद सेवा में नहीं लाया गया है। 31 मार्च 2015 तक डीटीसी बसों की कुल संख्या 4,705 थी और 12 नवंबर 2019 तक, यह 3,781 बसों तक पहुंच गयी है, जिससे वर्तमान सरकार की अवधि में 957 बसों की कमी दर्ज की गई। अधिक चिंता की बात यह है कि डीटीसी की बसों का बेड़ा इस महीने भी Even-Odd की पहल के दौरान गिर रहा है।
डॉ. भसीन ने कहा कि, जहा केजरीवाल सरकार अपने वादों पर टाल-मटोल कर रही है वहीं में ीय सरकार और नगर निगम ने कई ठोस कदम उठाये हैं जैसे, कें सरकार ने मई 2018 में ई टर्नपेरिफेरलएक्सप्रेसवे (EPE) का निर्माण किया। उ ीय सड़क अनुसंधान सं थान (CRRI)ने पाया कि EPE ने दिल्ली में वाहनों के प्रदूषण को लगभग 7% तक कम कर दिया है। इसी तरह पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC) ने राष्ट्रीयस् तर पर प्रदूषण से hklers tankers, 2 super suction machines , 6 suction-cum-jetting machines और 4 auto-mounted-litter-picker machines को 70 करोड़ रुपये की लागत से शहरी विकास मं ालय द्वारास वच्छ भारत मिशन के तहत राशी आवंटित की गयी है।



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