विभिन्न क्षेत्रों में भारत की प्रगति का आकलन

शब्दवाणी समाचार शनिवार 09 नवंबर 2019 (अंशुमन भार्गव) भोपाल। हम अपनी स्‍वतंत्रता का 70वां वर्ष मनाया लेकिन इन 7 दशकों के इतिहास की ओर मुड़कर देखें कि वे कौन सी बाते हैं, जिनपर हमे गर्व होना चाहिए। क्‍या हमने वास्‍तव में बहुत अधिक प्रगति की है और हम उस स्‍तर पर पहुंच गये हैं जहां हमें इन वर्षों में पहुंच जाना चाहिए था। इस बारे में विभिन्‍न मत होंगे। भारत विविध जनसंख्‍याओं वाला देश है, जिसमें आर्थिक मानकों में बहुत अधिक भिन्‍नता है। यहां विभिन्‍न धर्म, सांस्‍कृतिक प्रथाएं और विकास के विभिन्‍न चरण मौजूद हैं। इसलिए हर वर्ग का विकास का अपना दृष्टिकोण और गम या खुशी मनाने के अपने-अपने कारण हैं।



लेकिन इन वर्षों में, विशेष रूप से पिछले तीन वर्षों के दौरान हमने महत्वपूर्ण और निर्णायक प्रगति की है, जिसे कोई भी अनदेखा नहीं कर सकता है या इससे इनकार नहीं कर सकता, चाहे उसकी कोई भी राजनीतिक संबद्धता हो या उसकी कुछ नेताओं या सरकारों या प्रणाली के विरूद्ध कोई व्‍यक्तिगत नाराजगी ही क्‍यों न हो। हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि एक स्‍वस्‍थ लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली बनाये रखना है।
हमारा बहुत मजबूत संवैधानिक ढांचा है जिसने देश में लोकतंत्र को बहुत सफल बनाया है लेकिन यह तो आइसबर्ग की नोक के समान है। इन वर्षों में हमारी उपलब्धियों की कोई सीमा नहीं है, पर क्या हमें एक विस्तृत सूची तैयार करने के लिए बैठना चाहिए। हमारे पास आईआईएम और आईआईटी के रूप में दुनिया में कुछ बेहतरीन संस्थान हैं।  हमारा स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल क्षेत्र प्रगति पर है और स्‍वास्‍थ्‍य पर्यटन एक वास्‍तविकता बन गया है। यहां उन्‍नत देशों के लोग भी  सस्‍ते उपचार के लिए आ रहे हैं। हमारा रेलवे नेटवर्क पटरी की लम्‍बाई और यात्रियों की संख्‍या के मामले में दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्कों में से एक है। हमारी सेनाएं दुनिया की सबसे बडी सेनाओं में से एक है।
दिल्ली और मुंबई के हवाई अड्डे दुनिया के सबसे व्‍यस्‍त हवाई अड्डों में शामिल हैं। जन्‍म के समय हमारी जीवन - प्रत्‍याशा जो 1947 में केवल 32 वर्ष थी आज बढ़कर 66 वर्ष हो गई है। हम परमाणु रिएक्‍टरों की स्‍थापना और स्‍वच्‍छ ऊर्जा के उत्‍पादन के मामले में दुनिया के अग्रणीय देशों में शामिल हैं। हमने अपनी वित्तीय और तकनीकी सीमाओं के बावजूद, अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग किया है और हम सुईं तक के आयातक देश से आज सॉफ्टवेयर के निर्यातक बन गये हैं।
हमारे टेक्‍नोक्रेट्स और प्रबंधकों की उनके पेशेवर रूख और योग्‍यता के कारण पूरी दुनिया में मांग है। आज हम अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक दिग्‍गज के रूप में पहचाने जाते हैं। लाखों भारतीयों ने अपने कठिन परिश्रम, पेशेवर योग्‍यता और वैश्विक परियोजनाओं में तकनीकी योगदान के बल पर यूरोप और अमेरिका को अपना घर बना लिया है।
हमने सैकड़ों वर्षों में वर्ष दर वर्ष महान और प्रतिष्ठित कवियों, गायकों, संगीतकारों, लेखकों, खिलाड़ियों, वैज्ञानिकों, राजनयिकों, विद्वानों और विश्व प्रतिष्ठित राजनेताओं को तैयार किया है। हमारे स्‍वतंत्र अस्तित्‍व के केवल 7 दशकों में यह कोई मामूली बात नहीं है। हमने हाल के वर्षों में सरकार में नीतिगत लकवा और विचारधारा में धीमापन के साथ मुश्किल समय गुजारा है। क्‍योंकि इसने भारत की विकास की गति को कुछ हद तक धीमा कर दिया था, लेकिन पिछले तीन वर्षों में एनडीए सरकार ने, इस ओर ध्‍यान देना शुरू कर दिया जिससे स्थिति में प्रगति शुरू हुई है। देश को नया आकार और दिशा देने के लिए पिछले तीन साल से भी कम वर्षों में, जन-धन, स्वच्छ भारत, स्टार्टअप इंडिया, राष्‍ट्रीय स्वास्थ्य नीति, एलपीजी सब्सिडी छोडना, कौशल भारत, मेक इन इंडिया, स्‍मार्ट सिटी, उड़ान योजना, जीएसटी, डिजिटल इंडिया, फसल बीमा योजना जैसी कम से कम 30 नई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इसके अलावा रेलवे और सड़क नेटवर्क और सुविधाओं में आक्रामक प्रगति भी हुई है।
इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि विश्व निवेश रिपोर्ट में भारत को दुनिया की तीन शीर्ष भावी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल किया गया है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में हमारे देश में 55 बिलियन डॉलर का भारी निवेश हुआ। विश्व आर्थिक मंच वैश्विक प्रतियोगी सूचकांक में भारत ने 32 पायदानों की छलांग लगाई है और आज देश दुनिया में छठा सबसे बड़ा विनिर्माता देश बन गया है। 8 लाख करोड़ रूपये मूल्‍य की परियोजनाएं जो वर्षों से लंबित थी उन्‍हें अब मंजूरी दी गई है और प्रधानमंत्री व्‍यक्तिगत पहल के अधीन उन्‍हें फास्‍ट ट्रेक पर लाया गया है।
भारत ने स्‍वच्‍छ ऊर्जा के उत्‍पादन और उपयोग की दिशा में किये गये अपने प्रयासों और प्रतिबद्धता के लिए दुनिया में प्रशंसा अर्जित की है। सरकार की 175 जीडब्‍ल्‍यू नवीकरणीय ऊर्जा उत्‍पादन की योजनाएं हैं और पिछले 3 वर्षों में 50 जी डब्‍ल्‍यू का उत्‍पादन स्‍तर अर्जित किया जा चुका है। भारत का पवन ऊर्जा स्‍थापित क्षमता के मामले में दुनिया में चौथा स्थान हैं। कम से कम 22 करोड़ एलईडी बल्बों का वितरण किया गया है, इससे देश में बिजली के बिलों में 11,000 करोड़ रूपये की बचत हुई है। सरकार न केवल बड़ी - बड़ी परियोजनाओं का लक्ष्‍य रख रही है बल्कि सूक्ष्‍म स्‍तर की सामाजिक इंजिनियरिंग पर भी समान रूप से ध्‍यान दे रही है और आम आदमी और ग्रामीण नींव को मजबूत बनाने के लिए जमीनी स्‍तर पर कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री का सार्वजनिक भागीदारी में गहरा विश्वास है इसलिए सभी परियोजनाएं को अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है। अपने शासन के सिर्फ तीन वर्षों में, सरकार ने 50,000 किलोमीटर विद्युत पारेषण लाइन की स्थापना सुनिश्चित की है, जबकि पिछले पांच दशकों में हमने केवल 16,000 किलोमीटर लाइन ही तैयार की थी। इतना ही नहीं, पिछले तीन साल से भी कम समय में हमने 12,000 से अधिक गांवों का विद्युतीकरण किया है। जब यह सरकार सत्ता में आई थी, तब भी स्वतंत्र भारत में 18,000 से अधिक गांव अंधेरे में रह रहे थे।
2010 और 2014 के बीच, सिर्फ 59 ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा गया था, जबकि पिछले तीन सालों में 77,000 पंचायतों को जोड़ा गया है। यह वह गति है जिस पर सरकार काम कर रही है। अगले दो वर्षों के दौरान सभी 2.5 लाख गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ दिये जाने की संभावना है ताकि वें भी सहज इंटरनेट और संचार सुविधा का आनंद ले सकें। 
सरकार का प्रचलित शब्‍द पारदर्शिता है और सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए, डिजिटलीकरण को एक बड़ी भूमिका निभानी है, यही वजह है कि सरकार दोनों को साथ मिलाकर कार्य कर रही है। हमारे यहा जितनी अधिक डिजिटल तकनीक का प्रवेश होगा उतना ही कम भ्रष्टाचार होगा क्योंकि सब कुछ सार्वजनिक क्षेत्र में होगा जिसे कोई भी देख सकता है। जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं, यह दृष्टिकोणों में बदलाव लाने और इनसे निपटने के बारे में है जिससे निश्चित रूप से अंतर पैदा होगा। एनडीए सरकार अतीत को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रही है क्योंकि इसने कार्य संस्‍कृति और लोगों के दृष्टिकोण को बदल दिया गया है, तथा जनता में आशा का संचार किया है। इसने बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया है। हर सफलता के बीज सपने में ही नीहित होते हैं और हम सपनों को प्यार करते हैं।   



(लेखक हितवाद के मध्य प्रदेश संस्करण के राज्य संपादक हैं।)


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