ब्रेनली सर्वे का खुलासा 50% से अधिक भारतीय छात्र समान सोच वाले

शब्दवाणी समाचार बुधवार 08 जनवरी 2020 नई दिल्ली। ऑनलाइन लर्निंग अब वैश्विक स्तर पर सीखने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक माना जाने लगा है। फिर भी इसके वास्तविक लाभों पर बहुत कम शोध अब तक हुए हैं। इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए दुनिया के सबसे बड़ी ऑनलाइन लर्निंग कम्युनिटी ब्रेनली ने अपने भारतीय यूजर-बेस के बीच सर्वेक्षण किया।



इस शोध में पता चला कि कुल प्रतिभागियों में से लगभग 25.7% ने प्रोजेक्ट्स और असाइनमेंट पर एक समूह में काम करना पसंद किया, जबकि 22.6% से अधिक को लगा कि परीक्षा के दौरान ग्रुप-स्टडी आवश्यक है। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से 13.2% छात्रों ने पूरे अकादमिक वर्ष में ग्रुप-स्टडी को चुना, जो उनके लिए कम्युनिटी लर्निंग के महत्व को दर्शाता है। जब पूछा गया कि क्या ऑनलाइन लर्निंग मैकेनिज्म ने छात्रों को उनकी पढ़ाई में मदद की, तो 34.7% से अधिक प्रतिभागियों का जवाब था कि इन तरीकों ने साथियों की मदद से जटिल समस्याओं को हल करने में उनकी सहायता की। 25.7% से अधिक ने अपने शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार की पुष्टि की, वहीं 15.9% ने कहा कि इन ई-लर्निंग टूल के उपयोग से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। इसके अलावा उनमें से लगभग 15.6% ने यह भी कहा कि इन ऑनलाइन लर्निंग के तरीकों ने उन्हें समान सोच वाले लोगों से जुड़ने और उनसे सीखने में मदद की, जो उनके अनुसार उनके हॉलिस्टिक लर्निंग का एक अभिन्न हिस्सा है।
सर्वे ने इस धारणा को समझने में मदद की कि छात्र ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्मों को लेकर क्या सोचते हैं। इन्हें इस तथ्य से और स्पष्ट किया जा सकता है कि 46.4% उत्तरदाताओं का मानना था कि ऐसे प्लेटफॉर्म उनकी पढ़ाई के लिए अत्यधिक फायदेमंद हैं, जबकि 29.3% ने कहा कि फायदेमंद तो है लेकिन बहुत ज्यादा नहीं। 32.8% छात्रों ने होमवर्क करने में ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म का लाभ लिया, 25.9% ने परीक्षा की तैयारी के लिए और 17.4% ने प्रोजेक्ट और असाइनमेंट पूरे करने के लिए इनका उपयोग किया। 14.3% उत्तरदाताओं ने रोज ही इन साधनों से मार्गदर्शन लिया। इसके अलावा 57.7% से ज्यादा उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्होंने हर हफ्ते औसतन दो घंटे इन ऑनलाइन चैनल्स से ज्ञान प्राप्त करने के लिए दिए, जबकि 23.9% ने 2-6 घंटे और 10.5% ने 10 से अधिक घंटे। ये आंकड़े यह बताते हैं कि ब्रेनली जैसे नई पीढ़ी के ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म किस तरह शैक्षणिक और समग्र उत्कृष्टता के लिए छात्रों का मार्गदर्शन करने में निपुण और संसाधनपूर्ण साधन के रूप में उभरे हैं।
सर्वे के निष्कर्षों पर टिप्पणी करते हुए ब्रेनली के सह-संस्थापक और सीईओ मिशेल बोरकोव्स्की ने कहा, "किसी ने ठीक ही कहा है कि 'बांटने से ही ज्ञान बढ़ता है', और यह ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्मों के उदय से पूरी तरह से स्पष्ट होता है। विशेष रूप से भारत जैसे देश में जहां शिक्षा प्रणाली छात्र की एकेडमिक लर्निंग के लिए होमवर्क और असाइनमेंट पर बहुत जोर देती है, ऐसे सोच को छात्रों, अभिभावकों, विशेषज्ञों और शिक्षकों के बीच लोकप्रियता मिल रही है और उनकी प्रशंसा प्राप्त हो रही है। इस सर्वे के पीछे हमारा उद्देश्य छात्रों के दिमाग के अंदर झांकना और पीयर-टू-पीयर लर्निंग के प्रति उनके दृष्टिकोण को समझना था, विशेष रूप से ऑनलाइन सेटिंग में।
20 मिलियन भारतीय यूजर-बेस के साथ ब्रेनली ने सबसे प्रभावी ऑनलाइन चैनल में से एक होने में अपनी श्रेष्ठता साबित की है, जिसका फोकस अकादमिक संदेह दूर करने और गहन समझ विकसित करने पर है। यह छात्रों को साथियों, माता-पिता, शिक्षकों और विशेषज्ञों का व्यापक नेटवर्क प्रदान करते हुए एक लचीला और व्यापक लर्निंग अनुभव प्रदान करता है। इस तरह भारतीय शिक्षा परिदृश्य में सबसे पसंदीदा ऑनलाइन पोर्टल में से एक बन गया है। इस सर्वेक्षण के निष्कर्ष यह दोहराते हैं कि कैसे ब्रेनली जैसे ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म भारत में लगातार ध्यान खींच रहे हैं, छात्रों को दुनिया भर के साथी लर्नर्स और विशेषज्ञों से जोड़ रहे हैं।



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