डॉक्टरों ने बेहद जोखिमग्रस्त ह़दय रोगी की घुटनों की चुनौतीपूर्ण सर्जरी को दिया अंजाम

शब्दवाणी समाचार मंगलवार 18 फरवरी 2020 (ऐ के लाल) फरीदाबाद। फोर्टिस एस्कॉशर्ट्स अस्प‍ताल, फरीदाबाद के डॉक्टारों की टीम ने हाल में एक चुनौतीपूर्ण क्ली्निकल उपलब्धि हासिल कर दिखायी जब उन्हों ने गठियाग्रस्त  और नाजुक दिल वाले एक मरीज़ के घुटने का ऑपरेशन किया। यह 73 वर्षीय मरीज़ गंभीर हृदय विकार से ग्रस्तल था और इजेक्श न फ्रैशन रेट मात्र 20 फीसदी ही थी। इसके अलावा, मरीज़ डायबिटीज़ से भी पीडि़त थे और रूमेटॉयड आर्थराइटिस से ग्रस्तर थे। उनके घुटने की सर्जरी महज़ 20 मिनट में संपन्न  हो गई। डॉक्टररों की टीम का नेतृत्वउ डॉ हरीश घूटा, एडिशनल डायरेक्टपर, ऑर्थोपिडिक्सद एंड ज्वा्इंट रिप्ले्समेंट कर रहे थे और साथ में डॉ संजय कुमार, डायरेक्टार, कार्डियोलॉजी तथा डॉ सुप्रदीप घोष, डायरेक्टलर –क्रिटिकल केयर एंड आईसीयू भी मौजूद थे।



श्री दया राम चौहान पिछले 5 वर्षों से रूमेटॉयड आर्थराइटिस के शिकार थे लेकिन पिछले 2 वर्षों से उनकी हालत काफी बिगड़ने लगी थी जिसकी वजह से उनके जीवन पर काफी खराब असर पड़ने लगा था। उनके दिल की हालत भी काफी बिगड़ी हुई थी और यही वजह थी कि इससे पहले उन्हेंल दो अस्पकताल घुटनों के ऑपरेशन के लिए मना कर चुके थे। वे प्रतिदिन गुड़गांव अपने ऑफिस तक आते-जाते हैं लेकिन अब घुटनों में दर्द बढ़ जाने की वजह से उन्हें चलने के लिए काफी मशक्कथत करनी पड़ रही थी, उन्हेंे प्यानसा रहना पड़ रहा था क्योंेकि उनके दिल की हालत की वजह से 24 घंटे में उनकी फ्लूड इंटेक 1 लीटर से भी कम थी। लगातार दर्द रहने की वजह से उनकी मोबिलिटी काफी प्रभावित हुई थी और कुछ समय बाद उनके पैर भी मुड़ गए थे। जब वे फोर्टिस, फरीदाबाद के डॉक्टईरों से मिले तो अस्परताल की मल्टीे-स्पे श्यललिटी टीम ने उनके मामले की जांच की और न्यूटनतम जोखिम तथा आर्थराइटिस में अधिक से अधिक राहत दिलाने के मकसद से उनके इलाज पर विचार-विमर्श किया। टीम की क्ली निकल विशेषज्ञता के चलते रिकार्ड समय में सर्जरी को अंजाम दिया गया और साथ ही मरीज़ की कार्डियाक कंडिशन का भी पूरा ख्यामल रखा गया। घुटनों की सर्जरी करते हुए दिल की सेहत बरकरार रखना वाकई चुनौतीपूर्ण था। कम समय के भीतर सर्जरी का फैसला इसलिए किया गया ताकि दिल पर दवाओं और फ्लूड का दबाव कम से कम रहे। 
डॉ हरीश घूटा, एडिशनल डायरेक्टर, ऑर्थोपिडिक्सक एंडज्वा।इंट रिप्ले‍समेंट ने कहा, ‘’जब हमने मरीज़ की जांच की तो यह समझ में आ चुका था कि उन्हें इंजेक्टिबल्सि दवाएं नहीं दी जा सकतीं। एनेस्थिटिक प्रक्रिया से उनका ब्ल ड प्रेशर गिर सकता था जिसकी वजह से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती। लिहाज़ा, हमने डॉ संजय कुमार के साथ सलाह-मश्विरा कर उपचार की योजना तैयार की। हमने 20 मिनट के अंदर मरीज़ की सर्जरी पूरी की ताकि कार्डियाक फेलियर की संभावना को दूर किया जा सके। सर्जरी के बाद आईसीयू टीम ने, जिसका नेतृत्वा डॉ सुप्रदीप घोष कर रहे थे, मरीज़ की पूरी देखभाल की। हमें यह बताते हुए खुशी है कि मरीज़ की सर्जरी कामयाब रही। मरीज़ को अब किसी किस्मी का दर्द नहीं हो रहा है औश्र वे बिना किसी परेशानी के चल सकते हैं।
श्री दया राम चौहान ने कहा, ''मैं उन सभी डॉक्टसरों का आभारी हूं जिन्होंथने मुझे बिना किसी तकलीफ के चलने-फिरने लायक बनाया है। अब मेरे जीवन की गुणवत्ताक में काफी सुधार हुआ है। गठिया की वजह से होने वाला दर्द पूरी तरह चला गया है और मैं बिना किसी तकलीफ के चल-फिर सकता हूं।
श्री मोहित सिंह, फैसिलिटी डायरेक्टयर, फोर्टिस एस्कॉचर्ट्स अस्पंताल, फरीदाबाद ने कहा, ‘'हमारा अस्प ताल फरीदाबाद में सबसे भरोसेमंद अस्प‍तालों में से है। यह न सिर्फ सबसे पुराने संस्थासनों में से एक है बल्कि मरीज़ों के इलाज के मामले में सर्वोत्ताम संभव नतीजों के लिए क्लीपनिकल उत्कृ ष्टीता की मिसाल कायम करने में भी आगे है। हमारे पास डॉक्टंरों और सहयोगी स्टाउफ की बेहतरीन टीम है जो क्ली निकल चुनौतियों को स्वीीकार करने से संकोच नहीं करते और मरीज़ को बेहतरीन देखभाल का लाभ भी दिलाते हैं। हम अपने डॉक्टगरों की उपलब्धियों को लेकर काफी गौरवान्वित महसूस करते हैं। हम आने वाले समय में भी इसी तरह की बेहतरीन मरीज़ देखभाल और लीक से हटकर किए जाने वाले क्ली निकल प्रयासों को जारी रखेंगे।



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