एड्मिशन की प्रक्रिया शुरू,प्रीस्कूल के बढ़ते कदम जाने प्रीस्कूल का महत्व : रम्या

शब्दवाणी समाचार वीरवार 27 फरवरी 2020 नई दिल्ली। आज कल प्रीस्कूल शिक्षा एक बहुत ही एहम मुद्दा है जैसा हम सभी जानते है कि आज कल एडमिशंस का दौर चल रहा है ऐसे में अपने बच्चे के लिए सही प्रीस्कूल शिक्षा का चयन करना बहुत ही ज़रूरी है वैसे तो हर बच्चा अपने-अपने अंदाज़ में होनहार होता है लेकिन इस उम्र में बच्चों का सही शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक, संज्ञानात्मक और भाषा विकास होना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। 



प्रीस्कूल जाना “एक बच्चे द्वारा भविष्य में किये जाने वाले प्रदर्शन की ओर एक छोटा प्रयास है”, जिसमें बच्चे अपने माता-पिता के आराम और सुरक्षित क्षेत्र से अलग हो जाते हैं। प्रीस्कूल बच्चे के लिए दूसरे घर की तरह होता है जिसमें बच्चे को सहज और सुरक्षित वातावरण का एहसास होता है। प्रीस्कूल में एक बच्चा अपने नाम, पर्यावरण, रिश्तों और दोस्तों के महत्व को समझता है। प्रत्येक बच्चा प्रीस्कूल में अपने शिक्षकों और साथियों के साथ बात करना सीखता है। यह भविष्य के लिए बच्चे की नींव मज़बूत करने के लिए बिलकुल सही जगह है। प्रीस्कूल में सीखी हुई सभी बातें एक बच्चे के आने वाले जीवन पर बहुत ही गहरा प्रभाव डालती है।  
एक प्रीस्कूल में बच्चा सभी बेसिक बातें बहुत आसान तरीके से सीखता है क्योंकि वह एक्टिंग के साथ कविताओं का आनंद लेते हैं जो उन्हें बोलचाल में  कौशल बनता है। प्रीस्कूल हर बच्चे के लिए सामाजिक और संचार कौशल विकसित करने के लिए बेस्ट जगह है। कीचड़ के साथ खेलना, क्रेयॉन पकड़ना, फ्री क्रेयॉन प्ले और बोर्ड पर लिखने से बच्चों के मोटर विकास में मदद मिलती है। वे अपनी खुद की चीजों को संभालना सीखते हैं जैसे कि उनका लंच बॉक्स, कटलरी, किताबें और टॉयलेट मैनर्स के साथ कई और चीजें। बच्चे वर्णमाला की ध्वनियों को पहचानना सीखते हैं और ध्वनि को सुनकर वर्णमाला को पहचानते हैं। वे जानवरों की आवाज़ और व्यवहार पैटर्न के बारे में सीखते हैं। वे विभिन्न माध्यमों और सामग्रियों के माध्यम से प्री राइटिंग सीखते हैं जैसे कि- कागज, दीवारें, ईज़ल बोर्ड, रेत या नमक ट्रे, फिंगर टिप्स, ब्रश, पेड़ की टहनियाँ आदि।
"प्रीस्कूल एक ऐसी जगह नहीं जहाँ आपके बच्चे को एकेडेमिक्स में निपुण बनाया जाये बल्कि यह एक ऐसी जगह है जहाँ बच्चे हर तरह की एक्टिविटीज करते है और शिक्षक अनोखे अंदाज़ से उन्हें पढ़ाते है।
प्रीस्कूल चयन करने की आपकी टेंशन को दूर करने के लिए लिटिल बडी प्रीस्कूल अब नोएडा में अपने कदम जमा चुका है यह स्कूल बच्चों को एक खुशनुमा और सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है जहाँ हर बच्चे को सपने देखने, तलाशने और सवाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यहाँ सपनों को पूरा करने की कोई जल्दी नहीं है लेकिन आराम से उनकी तरफ बढ़ने के लिए तैयार किया जाता है। वे पाठ्यक्रम में प्रत्येक बच्चे को जीवन की एक अच्छी शुरुआत देने तथा पारंपरिक मूल्यों दोनों को शामिल करते हैं। वे हर बच्चे के सीखने और विकास में समर्थन करते है, माता-पिता और शिक्षकों के साथ सफल संबंध बनाते हैं। यह स्कूल की धारणा है कि हर बच्चा अपने आप में विशेष है। यह स्कूल बच्चों को अलग-अलग माध्यम से शिक्षित करता है ताकि हर बच्चा हर एक विषय को अच्छी तरह से समझ सकें।    
एकेडेमिक्स निदेशक श्री रम्या गंगाधरन ने कहा कि “हम एक ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास कर रहे हैं जो बच्चों को पढ़ने के लिए विकसित और प्रोत्साहित करेगा। हमारी प्लानिंग पर्यावरण को सक्षम करने के साथ यूके के स्कूलों के साथ बच्चों के लिए इंटरैक्टिव सेशन भी प्रदान करना हैं। हमारे प्रत्येक यूनिट को तकनीकी रूप से सक्षम बनाया गया है ताकि वे इंटरएक्टिव रोबोट और चाइल्ड डॉक्यूमेंटेशन सॉफ्टवेयर के साथ हर बच्चे को यू.के पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षित कर सकें। 



Comments

Popular posts from this blog

सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया, दिल्ली एनसीआर रीजन ने किया लेडीज विंग की घोसणा

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद जी द्वारा हार्ट एवं कैंसर हॉस्पिटल का शिलान्यास होगा

झूठ बोलकर न्यायालय को गुमराह करने के मामले में रिपब्लिक चैनल के एंकर सैयद सोहेल के विरुद्ध याचिका दायर