कमोडिटी बाजार पर लंबी अवधि में आर्थिक मंदी का डर : प्रथमेश माल्या,एंजिल ब्रोकिंग

शब्दवाणी समाचार मंगलवार 21 अप्रैल 2020 नई दिल्ली। जब दुनिया के सभी नेता कोविड-19 महामारी से लड़ने और अर्थव्यवस्था को बहाल करने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज घोषित कर रहे हैं तो वहीं कमोडिटी बाजार पर लंबी अवधि में आर्थिक मंदी का डर बैठता जा रहा है। निवेशक कमोडिटी में अपनी निवेश रणनीतियों को संतुलित रखते हुए तलवार की नोंक पर चल रहे हैं। श्री प्रथमेश माल्या, चीफ एनालिस्ट, नॉन एग्री कमोडिटी एंड करेंसी, एंजिल ब्रोकिंग लिमिटेड ने कहा।



सोना :
पिछले सप्ताह निवेशकों ने अमेरिकी डॉलर की कीमतों के बढ़ने से सोने की कीमतों पर मुनाफाखोरी की और इसका नतीजा यह रहा है कि सोने की कीमतें फ्लैट रहीं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक महीने लंबे लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की योजना की घोषणा की है, जिससे मार्केट सेंटीमेंट्स को सहारा मिला और निवेशकों के सोने जैसे सेफ हैवन में निवेश की सोच को धक्का लगा। सोने की कीमतों को इस तथ्य से समर्थन मिल रहा है कि अब तक कोविड-19 महामारी ने 2।1 मिलियन से अधिक लोगों को संक्रमित किया है और 1,47,512 लोग मारे गए हैं। निवेशक दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियों के तेजी से रिवाइवल की उम्मीद में सोने को छोड़ने को तैयार नहीं हैं। आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने पहले ही कहा है कि विश्व अर्थव्यवस्था 2020 में 3 प्रतिशत तक संकुचित हो सकती है क्योंकि दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियों में 1930 की महामंदी के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।
चांदी :
स्पॉट सिल्वर की कीमतें 2 प्रतिशत कम होकर पिछले सप्ताह 15।1 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर बंद हुईं, जबकि एमसीएक्स पर कीमतें 0।51 प्रतिशत की तेजी के साथ 44,255 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुईं।
कच्चा तेल :
डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतों में पिछले हफ्ते 7 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई क्योंकि कोरोनावायरस के प्रकोप ने क्रूड की मांग को कम कर दिया है और मंदी की चिंताओं को बढ़ा दिया जिसने क्रूड के लिए मांग के आउटलुक को और अधिक कमजोर किया और कीमतों को कम कर दिया। नतीजतन, ओपेक और उसके सहयोगियों ने कुछ समय में अपने उत्पादन को 19।5 मिलियन बैरल प्रतिदिन तक ट्रिम करने का फैसला किया। मार्च 2020 में तेल की कीमतों के 18 महीने के निचले स्तर पर आ जाने के बाद यह कदम उठाया गया। कई देशों द्वारा घोषित किए गए लॉकडाउन के कारण तेल की कीमतों में गिरावट आई, जिससे तेल की मांग कमजोर हुई। अमेरिकी एनर्जी इंफर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी क्रूड का स्टॉक 19 मिलियन बैरल बढ़ गया, जो कि मांग में गिरावट के बाद रिफाइनरियों की क्षमता में कमी की वजह से हुआ। ओपेक+ और अमेरिकी उत्पादन गतिविधियों में मंदी ने कीमतों में गिरावट को सीमित कर दिया।  
बेस मेटल्स :
पिछले हफ्ते लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर बेस मेटल की कीमतें लेड को छोड़कर सकारात्मक स्तर पर समाप्त हुआ।



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