प्रशासन नहीं सुन रहा मजदूरों का पक्ष, टूट सकता है मजदूरों का सब्र : गंगेश्वर दत्त शर्मा सीटू नेता

शब्दवाणी समाचार रविवार 19 अप्रैल 2020 नोएडा। कोविड-19 लॉक डाउन से सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है सरकार की तमाम घोषणाएं हवा हवाई साबित हो रही है गौतम बुध नगर मजदूरों की नगरी है लेकिन यहां के जिला प्रशासन ने आज तक श्रमिक संगठनों के साथ कोई बातचीत तक नहीं किया है ऐसे समय में भी श्रम बंधु की बैठक तक न बुलाना जिला प्रशासन व श्रम विभाग की मजदूरों के प्रति उदासीनता को भी दिखाता है जबकि उद्योग बंधु की बैठक की जा रही है।



सीटू जिला अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि हमारे संगठन ने कई बार जिला प्रशासन/ श्रम विभाग का इस ओर ध्यान आकर्षित कराने का प्रयास किया गया है लेकिन जिला प्रशासन श्रम विभाग मजदूरों के पक्ष को सुनने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है हमने कई बार श्रम संगठनों के मुख्य पदाधिकारियों के पास बनाने का लिखित अनुरोध किया लेकिन हमारे पास भी जिला प्रशासन बनाने को तैयार नहीं है आज भी सीटू संगठन के पदाधिकारी गंगेश्वर दत्त शर्मा, रामसागर, विनोद कुमार डीएम कैंप कार्यालय, नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय पर घंटों घंटे खड़े रहे लेकिन कोई भी मिलने को तैयार नहीं बार-बार फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया तो फोन भी कोई रिसीव करने को तैयार नहीं है हमने लिखित शिकायत देना चाहा तो डीएम कार्यालय व नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय पर शिकायत पत्र लेने से भी साफ मना कर दिया गया। इतना ही नहीं गरीब मजदूर अपनी फरियाद लेकर डीएम साहब के पास तक ना पहुंचे इसके पूरे इंतजाम तो किए जा रहे हैं और डीएम कैंप कार्यालय की तरफ जाने वाले गरीब लोगों को पुलिस मारपीट कर भगा रही है लेकिन मजदूरों के दुख दर्द को समझने और सुनने को कोई तैयार नहीं है।
आज भी शहर में कई लाख गरीब मजदूर हैं जिन्हें दो वक्त के खाने के लिए रोज जद्दोजहद करनी पड़ रही है खाने की तलाश में मजदूर घर से बाहर निकलता है तो खाना मिले या ना मिले लेकिन पुलिस के डंडे जरूर खाने को मिल जाते हैं और कितने ही लोग रोज भूखे पेट सो जाते हैं क्योंकि जिला प्रशासन प्राधिकरण और स्वयंसेवी संस्थाओं को भी जोड़ लिया जाए तो भी एक लाख से भी कम लोगों को खाने के पैकेट बटते हैं जिसके वितरण में बहुत सारी अनियमितताएं हैं कहीं-कहीं तो सुबह का खाना पहुंचते-पहुंचते शाम के 4:00 बज जाते हैं तब तक खाना खराब हो चुका होता है और खाने योग्य नहीं रहता और भरपूर मात्रा में भी नहीं मिलता है कुछ चावल या थोड़ी सी खिचड़ी से मजदूरों का पेट नहीं भर सकता।
सीटू संगठन द्वारा लगातार सूखा राशन वितरित करने की मांग की जा रही है अभी शासन के आदेश पर राशन कार्ड धारकों को फ्री चावल का वितरण किया जा रहा है लेकिन जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उसे कुछ भी नहीं मिल रहा है देखा जाए तो प्रवासी मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं है और ऐसे ही मजदूरों को आज सख्त मदद की जरूरत है जिस पर शासन प्रशासन को तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।
श्रमिक नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि हम मजदूरों के बीच लगातार जा रहे हैं और हमारे संगठन द्वारा जो भी संभव हो पा रहा है मजदूरों की मदद करने का प्रयास किया जा रहा है और आज भी सीटू कार्यकर्ताओं ने दर्जनों मजदूर परिवारों को राशन देकर उन्हें राहत देने का प्रयास किया लेकिन जरूरतमंदों की संख्या बहुत ज्यादा है जिसे शासन प्रशासन ही पूरा कर सकता है।
उन्होंने बताया कि जनपद के मजदूरों में अंदर ही अंदर आक्रोश पनप रहा है जो कभी भी आक्रोश का रूप ले सकता है और मुंबई बांद्रा, सूरत, दिल्ली की तरह यहां के मजदूर भी कभी भी सड़क पर आ सकते हैं उन्होंने जिला प्रशासन से अनुरोध किया कि जिन मजदूरों गरीबों के पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें भी उनके आधार कार्ड और लेबर पंजीयन कार्ड पर राशन देकर राहत दी जाए ताकि लॉक डाउन के उल्लंघन की धज्जियां उड़ने से बची रहे साथ ही उन्होंने तुरंत श्रम संगठनों की बैठक बुलाने का अनुरोध किया।



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