दारा सेना ने 3 साल पहले ही महामारी फैलाकर मारने की साजिश लगायी थी : जैन 

शब्दवाणी समाचार, शनिवार 02 मई  2020, नई दिल्ली। धर्मरक्षक श्री दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई हिन्दू संगठनों की बैठक में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कोरोना काल में अदालतों की सीमित कार्यवाही के दौरान भी प्रशान्त भूषण की गिरफ्तारीपर रोक लगाने सम्बन्धी याचिका पर सुनवाई किया जाना गलत और संविधान का उल्लंघन बताया। बैठक में दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री आज भी सी आई ए के ऐजेन्ट नक्सलवादियों और देशद्रोहियों के लियेकाम रही है। यही कारण है कि कोरोना काल में सीमित कार्यवाही के काल में भी सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री और न्यायाधीश नक्सली आतंकवादी गिरोहों के हर्ष मन्दर, प्रशान्तभूषण, अग्निवेश जैसे देशद्रोहियों के लिये जिस प्रकार से त्वरित कार्यवाही कर रहे हैऔर प्रतिदिन इनकी याचिकाओं पर सुनवाई करके भारत में कोरोना फैलाने की साजिरूा रच रहेहैं उससे साफ जाहिर है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री रंजन गोगई द्वारा बताया जजोंको फिरौती देने वाला गैंग आज भी सर्वोच्च न्यायालय में पैठ बनाकर षड़यन्त्र रच रहा है।श्री जैन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है कि वो प्रशान्तभूषण की जमानत जैसे मसले की तुच्छ याचिका पर सुनवाई करे। क्योंकि न तो यह 2 राज्योंके बीच के विवाद का मसला था और न ही उच्च न्यायालय के किसी आदेश के खिलाफ सुनवाई औरन ही मूल अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ सुनवाई। 



साफ है कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपनेअधिकारिक क्षेत्र का उल्लंघन करके इस तुच्छ याचिका पर सुनवाई की।श्री जैन ने आगे बताया कि हमने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दीवाली के पटाखों कोप्रतिबन्धित करने के खिलाफ कई याचिकाऐं लगायी। जिसमें हमने 3 साल पहले ही बताया थाकि दीवाली के पटाखों पर रोक लगाकर सर्वोच्च न्यायालय के जजों और वकीलों का गैंग130 करोड़ हिन्दुस्तानियों को महामारी फैलाकर मारने की साजिश रच रहा है। सर्वोच्च न्यायालयदीवाली के पटाखों की गंधक की विलक्षण जीवाणुनाशक शक्ति को पहचान कर दीवाली के पटाखोंको बढ़ावा दे और उनके टैक्स में रियायत दिलायें।किन्तु सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री और मुख्य न्यायाधीशोंने हमारी याचिका संख्या 32817/2017 ओजस्वी पार्टी बनाम् पर्यावरण मंत्रालय,अर्जुन गोपाल बनाम् भारत सरकार मामले में स्वामी ओम जी द्वारा दायर हस्तक्षेपीय याचिकासंख्या 98871/2018 और अखिल भारत हिन्दू महासभा और मुकेश जैन द्वारा दायर याचिका संख्या37900/2018 पर आज तक कोई भी सुनवाई नहीं की। बल्किहमारे पर सर्वोच्च न्यायालय में आने पर अघोषित रोक लगा दी। इसी के साथ हमने राष्ट्रीयहरित अधिकरण में भी याचिका संख्या 466/2015 और 609/2016 दायर करके दीपावली के पटाखोंपर रोक से महामारी फैलेगी बताया था।  दारा सेना और हिन्दू संगठनों ने भारत के वातावरण में जीवाणुनाशक सल्फर डाई आक्साईडकी मात्रा निर्धारित मात्रा से 20 गुणा कम करके 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों को महामारीफैलाकर मारने की साजिश रचने वाले सर्वोच्च न्यायालय के फिरौती देने और खाने वाले गैंगके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके इनकी गिरफ्तारी की मांग भारत सरकार से की। हिन्दूसंगठनों ने सर्वोच्च न्यायालय और हरित अधिकरण के जजों की महामारी फैलाने की साजिश काखुलासा किया। स्वतन्त्र कुमार, आदर्श कुमार गोयल, एच एल दत्तू, टी एस ठाकुर, ए के सीकरीके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।  



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