एक सप्ताह में दिल्ली सरकार पुजारियों को वेतन दें : हिन्दू संगठन


शब्दवाणी समाचार, वीरवार 28 मई 2020, नई दिल्ली। अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चन्द्रप्रकाश कौशिक की अध्यक्षता में सामाजिक दूरी बनाकर हुई हिन्दू संगठनों की बैठक में हिन्दू मन्दिरों, मठों और धर्मशालाओं के पंडितों,पुजारियों, साधुओं और सेवादारों की लाॅकडाउन के कारण दयनीय हालात का जायजा लिया गया। हिन्दू संगठनों ने पाया कि लाॅकडाउन के कारण पंडितों,पुजारियों, साधुओं और कर्मचारियों को 2 वक्त की रोटी भी ठीक ढंग से मुहैय्या नहीं हो पा रही है।
बैठक में हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चन्द्रप्रकाश कौशिक ने कहा कि जैसे मस्जिदों के इमामो और मोअज्जिनों को क्रमश 18000 और 16000 रुपए वेतन दिल्ली सरकार दे रही है वैसे ही मंदिरों के पुजारियों, पंडितों, साधुओं और सेवादारों को भी दिल्ली सरकार वेतन दे। इसी के साथ श्री कौशिक ने दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल से हिंदू मंदिरों, धर्मशालाओं और मठों के पिछले 3 महीने के बिजली और पानी के बिल भी माफ करने का अनुरोध किया क्योंकि पिछले 2 महीने से बन्द इन हिंदू धार्मिक स्थानों की आमदनी शून्य है।



बैठक में दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ने कहा कि सबरीमाला मन्दिर मामले में दिये गये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया कि सरकार संविधान के अनुच्छेद 15.1 का पालन करते हुए   किसी नागरिक के विरुद्ध के केवल धर्मए मूलवंशए जातिए लिंगए जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगी। उसके बाद भी सर्वोच्च न्यायालय की नाक के ठीक नीचे दिल्ली सरकार धर्म के आधार पर भेदभाव करके पंडितों और पुजारियों को वेतन नहीं दे रही है।
श्री जैन ने कहा कि यह भेदभाव दिल्ली सरकार ही नहीं केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडू सरकार द्वारा भी किया जा रहा है। हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार के तिरूमला तिरूपति देवास्थानम् ट्रस्ट द्वारा तिरूपति मन्दिर की 50 सम्पत्तियों को बेच कर कोरोना का घाटा पूरा करने का फैसला किया है। जबकि मन्दिर की सम्पत्ति और मन्दिर पर इस ट्रस्ट का कोई भी हक नहीं हैं। यह घाटा चर्च की सम्पत्ति को बेच कर भी पूरा किया जा सकता था किन्तु जगन मोहन रेड्डी ईसाई होने के कारण जानबूझकर हिन्दू मन्दिरों को कंगाल बना रहा है। इसी के साथ केरल और आध्रप्रदेश सरकार ने 1248 मन्दिरों के दीपक और अन्य सामग्री की नीलामी करके आया पैसा भी हड़प लिया है जिसके कारण हिन्दुओं में काफी रोष व्याप्त हैं।
हिन्दू संगठनों ने दिल्ली के उपराज्यपाल, आंध्र प्रदेश और केरल के मुख्यमंत्री और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री एस आर बोबड़े साहब को 1 सप्ताह का वक्त दिया कि वो इस धार्मिक भेदभाव को समय रहते खत्म कर दें अन्यथा यह माना जायेगा कि उन्होंने संविधान के अनुसार काम करने की अपनी शपथ को जान बूझकर तोड़ा है। संविधानिक निष्ठा की शपथ को तोड़ने के बाद हिन्दू संगठन इन्हे इक क्षण के लिये भी उक्त पद पर नहीं रहने देंगे।



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