श्रम कानूनों को 3 साल तक निष्प्रभावी करने के फैसले पर सीटू ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर जताई कड़ी आपत्ति

शब्दवाणी समाचार, रविवार 10 मई 2020, गौतम बुध नगर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए घोर मजदूर मोदी निर्णय पर सीआईटीयू गौतम बुध नगर एवं गाजियाबाद कमेटी ने संयुक्त रूप से उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मजदूर विरोधी निर्णय को वापस लेने की मांग किया है मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि  आपकी प्रदेश सरकार ने कारखानो व विनिर्माण इकाईयों को तीन साल के लिये श्रम कानूनों से छूट दे दी है  और आपकी सरकार ने यह कदम कोरोना -19 से उत्पन्न विशेष परिस्थिति में उद्योग को पटरी पर लाने के नाम पर किया गया है।



इस सम्बन्ध में हम आपका ध्यान आकर्षित करते हुये मंत्रिपरिषद के इस निर्णय का विरोध करते है।  श्रम संगठनों ने पहले भी आपको पत्र लिखकर कोराना-19 के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता व्यक्त करते हुये कहा था, कि इसे हम सब मिलकर लड़ेगे और उक्त आधार पर ही हमारे श्रम संगठन की दोनों जिला कमेटियां कोरोना-19 के खिलाफ सरकार के साथ एक जुटता व्यक्त करते हुए  जिलों मे पूर्ण सहयोग कर रही है किन्तु आपके मंत्री परिषद के उपरोक्त अनुचित व मजदूर विरोधी फैसले से ऐसा लगता है कि इस महामारी का इस्तेमाल कर आपकी सरकार ने कोरपोरेट और पूॅजीपतियों के पक्ष में उपरोक्त अनुचित व मजदूर विरोधी निर्णय लिया है। प्रदेश व हमारे दोनों जिलों में श्रम कानूनों का पालन सही ढंग से नहीं हो रहा था। जिसकी शिकायते श्रम संगठन हमेेेेशा सरकार से करते रहे। पिछले दिनों कई श्रम कानूनों में एक तरफा श्रमिक विरोधी संशोधन किये गये। 
माननीय आपके मंत्री परिषद के इस फैसले से मजदूरों के हालत जो कि पहले से ही खराब है और खराब हो जायेगे, क्योंकि उक्त निर्णय से मजदूरों का बड़ा हिस्सा बेरोजगारी, भूखमरी का शिकार होगा। मालिकों को मनमानी करने का पूरा अधिकार मिल जायेगा। इससे बड़े कारपोरेट /पूूजीपतियों/  मालिकों को फायदा होगा। कोरोना माहमारी के इस दौर में भी पूॅजीपूति अपने मुनाफे की दर को कम नहीं होने देना चाहते है। इसलिये ही वह सरकार से इस तरह की माॅग करते रहे है। आपकी सरकार द्वारा लिया गया उपरोक्त फैसला मजदूरों के जीवन को तबाह कर देगा।
इस महामारी से बचने के लिये आवश्यक है कि आबादी दस प्रतिशत सबसे धनी लोगों पर सम्पत्ति कर लगाया जाता, बैकों के एनपीए का पूरा पैसा पूॅजीपतियों से वसूला जाता और श्रम संगठनो द्वारा सुझाये गये प्रस्ताव की लघु व सीमान्त उद्योगों को विशेष पैकेज मजदूरी का अस्सी प्रतिशत हिस्सा सरकार द्वारा दिया जाता।  
अतः हम आपसे निम्न लिखित माॅग करते है।:-
1. श्रम कानूनो से तीन साल छूट देने के निर्णय को वापस लिया जाये। 
2. लघु व मध्यम उद्योगो को विशेष पैकेज दिया जाये। मजदूरो के वेतन का अस्सी फीसदी हिस्सा सरकार द्वारा दिया जाये। 
3. सबसे अमीर धनिक लोगों पर अतिरिक्त कर लगाया जाये। 
      आशा है आप श्रम संगठनों व हमारे संगठन की जिला कमेटियों द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त माॅगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर मंत्री परिषद द्वारा लिए गए उपरोक्त अनुचित व मजदूर विरोधी फैसले को वापस लेने का कष्ट करेंगे।
साथ ही लॉक डाउन से प्रभावित जरूरतमंद मजदूरों को राहत देने के लिए सीटू गौतम बुध नगर कमेटी द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत आज भी दर्जनों मजदूरों के परिवारों को राशन की की किट देकर उनका सहयोग किया गया।



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