हमीरपुर में प्रवासी मजदूर दिल्ली से किराये के ट्रक पर सवार होकर पहुचे
शब्दवाणी समाचार, सोमवार 01 जून 2020, (आशीष निगम), हमीरपुर। देश में फैली कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए भारत सरकार द्वारा महामारी से निपटने के हर सार्थक कदम उठाये जा रहे है। प्रवासी मजदूरो के लिये भी प्रदेश की सरकार घर पहुंचाने के लिये तमाम दावे कर रही है। किन्तु दावे तब हवाहवाई साबित होते है जब प्रवासी मजदूर भारी भरकम निजि किराया लगाकर ट्रको से अपने घरो को पहुंच रहे है। मामला है मौदहा कस्बे के मराठीपुरा स्थित कांशीराम कालौनी का जहां छोटे छोट बच्चो सहित लगभग एक दर्जन प्रवासी मजदूर बीती शाम दिल्ली से किराये के ट्रक पर सवार होकर यहां पहुचे।
दिल्ली से आये प्रवासी मजदूर ने बताया कि वह अपने परिवार सहित दिल्ली में रहकर गुजर बसर कर रहे थे।
किन्तु लाकडाउन के दौरान जब दिल्ली सरकार के वादे भी ढपोलसंख नजर आने लगे तो सारे मजदूरों ने अपने अपने घर लौटने का मन बना लिया । बताया कि दो माह के लाक डाउन में मजदूरी तो गयी ऊपर से मकान मालिकों के किराये का कर्ज भी भूत बनकर डराने लगा । बताया कि सरकार द्वारा बांटी गई मुफ्त रासन समाग्री भी गरीब मजदूरों तक नही पहुचती क्योकि इनके पास आधार तथा रासन कार्ड नही थे। प्रवासी मजदूरो का कहना है कि कोरोना जैसी बीमारी से मरना तो दूर वह गरीबी और भुखमरी से मरने की कगार पर आ गये थे। जिसके चलते उन्हे भारी भरकम राशि खर्च कर किराये पर ट्रक लेने के बाद घर आने के लिये मजबूर होना पडा। प्रवासी मजदूरो मे सत्तो, सुनील, शिशु, मुकेश, लक्ष्मी ,सोनिका ,महिमा ,शुभम ,निपल ,मुकुल आदि का कहना है कि हम लोग अपने निजी भाड़ा देकर ट्रक के द्वारा कस्बे के मकराओं स्थित क्वारण्टीन सेन्टर पहुंचे थे । जहां हमे स्क्रीनिग कर घर आने की अनुमति देते हुये घरो मे ही 21 दिन के लिये क्वारण्टीन रहने के लिये कहा गया हे।
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