मास्टरकार्ड भारत में छोटे कारोबारों को प्रोत्साहित करने के लिए देगा रु 250 करोड़ का सहयोग


शब्दवाणी समाचार, शुक्रवार 10 जुलाई 2020, नई दिल्ली। कैश-इकोनोमी एवं सप्लाई चेन डिस्रप्शन्स पर निर्भरता के चलते भारत के लघु एवं मध्यम उद्यमों पर कोविड-19 महामारी का सबसे ज़्यादा असर हुआ है। इस चुनौती को हल करने के लिए मास्टरकार्ड ने भारतीय लघु एवं मध्यम उद्यमों की मदद करने और उनके कारोबार में फिर से सुधार लाने के लिए रु 250 करोड़ (33 मिलियन डॉलर) की प्रतिबद्धता की घोषणा की है।
इस प्रतिबद्धता के तहत, मास्टरकार्ड कई पहलों की शुरूआत करेगा, जैसेः
छोटे कारोबारों की मददः डिजिटल भुगतान के बारे में जागरुकता बढ़ाकर तथा कम लागत के सहज एवं सुरक्षित ऑनलाईन और ऑफलाईन समाधान उपलब्ध कराकर; समावेशी विकास को प्रोत्साहनः छोटे कारोबारियों एवं किराना व्यापारियों को क्रेडिट के ऐसे उपकरणों के बारे में जानकारी देकर जो उनके संचालन को बेहतर बना सकें; तथा महिला सशक्तिकरणः उनके कारोबार को बढ़ाने में मदद कर दुनिया भर में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के तहत मास्टरकार्ड ने यह घोषणा की है, जिसके तहत कंपनी ने 2025 तक 1 बिलियन लोगों एवं 50 मिलियन लघु एवं छोटे कारोबारों को डिजिटल अर्थव्यवस्था में शामिल करने की शपथ ली है। इसी साल अप्रैल माह में, कंपनी ने दुनिया भर के छोटे कारोबारों के लिए 250 मिलियन डॉलर का सहयोग प्रदान करने की शपथ ली थी। आज की यह घोषणा इस बात की पुष्टि करती है कि कंपनी आने वाले पांच सालों में भारत के लाखों लघु एवं मध्यम उद्यमों को लाभान्वित करने के लिए प्रयासरत है।
छोटे कारोबार भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव हैं, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तकरीबन 35 फीसदी योगदान देते हैं। मास्टरकार्ड अपने नेटवर्क, ज्ञान, तकनीक एवं साझेदारियों का इस्तेमाल कर इन्हें अपना कारोबर बढ़ाने में मदद करेगा। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत के छोटे कारोबार एवं उद्यमी आसानी से क्रेडिट सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे तथा बेहतर इन्वेन्टरी मैनेजमेन्ट, एम्प्लॉयी एंगेजमेन्ट और रेग्युलेटरी कम्प्लायन्स के माध्यम से अपनी संचालन दक्षता में सुधार ला सकेंगे।’’ पोरुष सिंह, डिविज़न प्रेज़ीडेन्ट, साउथ एशिया, मास्टरकार्ड ने कहा। ‘‘हम अपने आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से सर्वोच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करते हैं, इससे न केवल हममें उद्यमों का भरोसा बढ़ता है, बल्कि तकनीक के इस्तेमाल को भी बढ़ावा मिलता है। विश्वस्तरीय विश्लेषण दर्शाते हैं कि इस तरह की तकनीकें अपनाकर लघु एवं मध्यम उद्यम (एसएमई) अपनी कमाई में एक-तिहाई तक बढ़ोतरी कर सकते हैं।



छोटे कारोबारों के डिजिटलीकरण में सहयोग
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इण्डिया ट्रेडर्स के साथ मास्टरकार्ड की कई सालों की साझेदारी पर आधारित ये नई पहलें डिजिटल भुगतान के बारे में जागरुकता बढ़ाएंगी और मर्चेन्ट को डिजिटल कॉमर्स की ओर बढ़ने में मदद करेंगी। पिछलेे साल, कंपनी ने भारत के 1 करोड़ (10 मिलियन) मर्चेन्ट्स को डिजिटल भुगतन में सक्षम बनाने के लिए मल्टी-सिटी टीम कैशलैस इण्डिया कैम्पेन का लॉन्च किया था। कंपनी ने अपने ब्राण्ड अम्बेसडर, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी की लोकप्रियता का इस्तेमाल करते हुए मर्चेन्ट्स एवं उपभोक्ताओं को डिजिटल भुगतान के फायदों के बारे में शिक्षित किया।
प्रवीण खंडेलवाल, राष्ट्रीय महासचिव, ब्।प्ज् ने कहा, ‘‘राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन बढ़ने के साथ 90 फीसदी से अधिक एसएमई को अपना कारोबार बंद करना पड़ा। इस बदलती परिस्थितियों के अनुसार अपने आप को ढालने के लिए छोटे दुकानदार अपनी कंपनियों को ऑनलाईन लाने की होड़ में जुट गए। इन उद्यमों को अपना संचालन दोबारा शुरू करने में मदद करने के लिए हमने मास्टरकार्ड केे साथ साझेदारी की, ताकि हम इन मर्चेन्ट्स को आसानी से उनके कारोबार ऑनलाईन लाने में मदद कर सकें, उन्हें क्रेडिट सुविधाओं से लाभान्वित कर सकें और साथ ही उपभोक्ता द्वारा नकद के बजाए डिजिटल कॉन्टैक्टलैस भुगतान की ओर बढ़ते रूझानों के अनुसार उन्हें सक्षम बना सकें।’’
जून 2020 में, मास्टरकार्ड ने एक्सिस बैंक एवं वर्ल्डलाईन के साथ साझेदारी में डिजिटल पॉइन्ट-ऑफ-सेल समाधान ‘‘टैप-ऑन-फोन’’ का लॉन्च किया, जिसके द्वारा मर्चेन्ट अपने स्मार्टफोन के ज़रिए आसानी से भुगतान ले सकते हैं। यह समाधान भारत क्यूआर और एनएफसी पेमेन्ट्स के माध्यम से फेस-टू-फेस पेमेन्ट को आसान बनाता है, इसके अलावा होम डिलीवरी के लिए लिंक-आधारित रिमोट पेमेन्ट का विकल्प भी देता है। यह समाधान मर्चेन्ट्स को ऑन-बोर्डिंग में मदद करता है तथा मर्चेन्ट्स एवं किराना स्टोर्स को डिजिटल भुगतान प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। 
डिजिटल कॉमर्स में लोगों का भरोसा बढ़ाने तथा डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए मास्टरकार्ड ने एआई आधारित ऐप्लीकेशन्स लॉन्च किए हैं, जिन्हें इस्तेमाल करना बेहद आसान है, ये ऐप्लीकेशन ठीक उसी तरह साइबर अटैक रोकने में मदद करते हैं।
क्रेडिट सेवाओं के द्वारा विकास को सुनिश्चित करना
छोटे कारोबारों के लिए पूंजी की समस्या दूर करने के लिए, मास्टरकार्ड बड़ी कंपनियों तथा बैंकों के साथ मिलकर काम कर रहा है और उद्यमियों को आसान क्रेडिट सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। इससे न केवल उद्यमी आर्थिक रूप से मजबूत हो जाते हैं बल्कि आपूर्ति श्रृंखला में भी निरंतरता बनी रहती है। कंपनी ने कई साझेदारियां की हैं और यह उभरते बाज़ारों के लिए डेटा एवं एआई आधारित ऐप्लीकेशन्स भी लेकर आई है जो मर्चेन्ट और आपूर्तिकर्ता दोनों के लिए फायदेमंद हैं।
मास्टरकार्ड स्थानीय साझेदारों के साथ मिलकर ऐसे समाधान विकसित कर रही है जो छोटे कारोबारों को वेब स्टोर बनाने में मदद करते हैं तथा यूज़र को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए उन्हें तकनीकी सहयोग प्रदान करते हैं।
महिलाओं के आर्थिक अवसर
मास्टरकार्ड कई संस्थानों के साथ मिलकर ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को फिनटैक के साथ जुड़ने में मदद कर रहा है, महिलाओं को उनके कारोबार एवं उद्यमिता के लिए ज़रूरी सहयोग प्रदान कर रहा है। कंपनी ने खासतौर पर महिला उद्यमियों के अनुकूल उत्पाद लाने तथा डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए माइक्रोफाइनैंस संस्थानों एवं छोटे फाइनैंस बैंकों के साथ भी साझेदारियां की हैं।
मास्टरकार्ड ने महिला उद्यमियों को शिक्षित और जागरुक बनाने के लिए कई प्रोग्राम पेश किए हैं। प्रोग्राम के तहत किराना स्टोर चलाने वाली महिलाओं को बुद्धिमनी के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। यह प्रोग्राम उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करता है, कारोबार को सुगम बनाकर तथा क्रेडिट एवं मार्केट एक्सेस उपलब्ध कराकर उनके सशक्तीरण में योगदान देता है।



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