क्रूड ऑयल कमजोर डिमांड के कारण निगेटिव ट्रेड किया


शब्दवाणी समाचार, बुधवार 16 सितम्बर 2020, नई दिल्ली। अमेरिकी डॉलर के कमजोर पड़ने से स्पॉट गोल्ड और बेस मेटल की कीमतों को सपोर्ट मिला। कॉपर को हालांकि लाल रंग में कारोबार करना पड़ा क्योंकि लाल धातु की इन्वेंट्री में गिरावट आ रही है। महामारी के कारण क्रूड ऑयल की कम मांग के कारण कीमतों में गिरावट आई है। ओपेक ने कहा कि वैश्विक तेल मांग में चालू वर्ष में 9.46 मिलियन बीपीडी की गिरावट हो सकती है। श्री प्रथमेश माल्या, एवीपी- रिसर्च, नॉन-एग्री कमोडिटीज एंड करेंसीज, एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड।
सोना
यू.एस. डॉलर की कमजोरी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कठोर रुख की अपेक्षाओं के बीच सोमवार को स्पॉट गोल्ड में 0.77% की वृद्धि हुई और यह 1956.4 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। अमेरिकी कांग्रेस और व्हाइट हाउस के वार्ताकार अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि के लिए एक डील कर सकते हैं, जिससे निवेशक पीली धातु की ओर शिफ्ट हो सकते हैं। ब्रेक्जिट डील की बढ़ती चिंताओं ने भी पीली धातु को सपोर्ट किया। यूरोपीय संघ ने यू.के. से इस महीने के अंत तक इंटरनल मार्केट बिल को वापस लेने की मांग की है, जिस पर हाउस ऑफ कॉमन्स को वोट देना है। दुनिया भर में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी से सोने की कीमतों को और सपोर्ट मिला। निवेशकों के बीच ग्लोबल आर्थिक सुधार की उम्मीद कम हुई। सोने की कीमतें आज के सत्र में एमसीएक्स पर अधिक होने की उम्मीद है।



क्रूड ऑयल
वैश्विक महामारी के कारण क्रूड ऑयल की मांग पर बढ़ती चिंताओं के बीच डब्ल्यूटीआई क्रूड में 0.19% की गिरावट दर्ज हुई। हालांकि, लीबिया में तेल उत्पादन फिर शुरू होने से मैक्सिको की खाड़ी से उठने वाले तूफान की चिंताओं पर काबू पाया गया। लीबिया ने लॉकडाउन के महीनों के बाद तेल उत्पादन फिर से शुरू किया है। ग्लोबल क्रूड मार्केट में लीबिया के तेल उत्पादन में एक मिलियन बीपीडी से अधिक की वृद्धि होने की संभावना है। हालांकि, क्रूड की मांग के लिए चिंता बनी हुई है।
ओपेक और सहयोगियों की 17 सितंबर 2020 को बैठक है। ओपेक का कहना है कि  ग्लोबल ऑयल डिमांड में 2020 में 9.46 मिलियन बीपीडी की गिरावट आई है, जो अनुमान से कहीं अधिक है। क्रूड की कमजोर वैश्विक मांग और बढ़ी हुई तेल आपूर्ति से क्रूड की कीमतों को और नुकसान हो सकता है। आज के सत्र में एमसीएक्स पर तेल की कीमतें कम होने की उम्मीद है।
बेस मेटल्स
एलएमई पर बेस मेटल्स में मजबूती आई क्योंकि चीन से औद्योगिक धातु की मांग बढ़ गई। कमजोर डॉलर ने बेस मेटल की कीमतों को और बढ़ा दिया। हालांकि, अमेरिकी और चीन के बीच बढ़ते तनाव और कोरोनोवायरस के बढ़ते मामलों ने कीमतों को नियंत्रित रखा। चीनी बैंकों ने इकोनॉमिक रिवाइवल का समर्थन करने के प्रयास के तौर पर पिछले महीने लोन डिस्बर्समेंट में वृद्धि की, जिसने बेस मेटल्स की कीमतों को और बढ़ा दिया। पीपुल्स बैंक ऑफ़ चाइना की ओर से अगस्त 2020 में 1.28 ट्रिलियन युआन या 187.25 बिलियन डॉलर का लोन डिस्बर्स किया, जो जुलाई-2020 में स्वीकृत लोन की राशि से 29% अधिक है। चीन के रिफाइंड जिंक प्रोडक्शन में 2.8% की वृद्धि हुई जबकि रिफाइंड निकल उत्पादन में 15% की वृद्धि हुई।
कॉपर
एलएमई कॉपर की इन्वेंट्री में गिरावट के कारण एलएमई कॉपर 0.7% कम हो गया, जिसकी वजह डॉलर की कमजोरी और चीन से उच्च मांग भी है। कॉपर की कीमतें आज के सत्र में एमसीएक्स पर अधिक होने की उम्मीद है।



Comments

Popular posts from this blog

सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया, दिल्ली एनसीआर रीजन ने किया लेडीज विंग की घोसणा

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद जी द्वारा हार्ट एवं कैंसर हॉस्पिटल का शिलान्यास होगा

झूठ बोलकर न्यायालय को गुमराह करने के मामले में रिपब्लिक चैनल के एंकर सैयद सोहेल के विरुद्ध याचिका दायर